मैग्नीशियम मांसपेशियों और तंत्रिका कार्य (Magnesium Muscle and Nerve Function), रक्त ग्लूकोज (Blood Glucose Control) नियंत्रण और प्रोटीन संश्लेषण (Protein Synthesis) सहित 300 से अधिक जैव रासायनिक प्रतिक्रियाओं (Biochemical Reactions) में प्रमुख भूमिका निभाता है. वृद्ध महिलाओं के लिए, समग्र स्वास्थ्य और कल्याण के लिए पर्याप्त मैग्नीशियम स्तर बनाए रखना आवश्यक है.

मैग्नीशियम की कमी, जिसे हाइपोमैग्नेसीमिया (Hypomagnesemia) भी कहा जाता है, एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है जिसे अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है. मैग्नीशियम की कमी के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं. वे शारीरिक और मानसिक दोनों हो सकते हैं. खासकर महिलाओं में इसकी कमी के क्या संकेत या नुकसान होते हैं चलिए जानें.

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दिल की बीमारी

महिलाओं में मैग्नीशियम की कमी से हृदय रोग जैसी समस्याएं हो सकती हैं. मैग्नीशियम हृदय गति को नियंत्रित करने में मदद करता है और हृदय प्रणाली के कामकाज का समर्थन करता है. मैग्नीशियम की कमी से दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा, कम मैग्नीशियम का स्तर उच्च रक्तचाप से जुड़ा होता है, जो हृदय रोग का एक प्रमुख कारण है. जिन महिलाओं में मैग्नीशियम की कमी होती है, उन्हें दिल की धड़कन, सीने में दर्द और रक्त के थक्कों का खतरा बढ़ सकता है. ये सभी हृदय स्वास्थ्य को बहुत प्रभावित कर सकते हैं.

मांसपेशियों का कमजोर होना

मैग्नीशियम मांसपेशियों के संकुचन को नियंत्रित करने और मांसपेशियों में अत्यधिक तनाव को रोकने में मदद करता है. मांसपेशियों में ऐंठन, कब्ज और नपुंसकता महिलाओं में देखी जाने वाली कुछ प्रमुख समस्याएं हैं. ये लक्षण उन महिलाओं के लिए विशेष रूप से परेशान करने वाले हो सकते हैं जो शारीरिक रूप से सक्रिय हैं या जो नियमित व्यायाम करती हैं. अत्यधिक मात्रा में मैग्नीशियम की कमी से मांसपेशियों में अकड़न जैसी समस्याएं हो सकती हैं. मसल्स के समुचित कार्य के लिए पर्याप्त मैग्नीशियम का सेवन महत्वपूर्ण है.

मूड खराब होना और गुस्सा आना

मैग्नीशियम सेरोटोनिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर के संश्लेषण में प्रमुख भूमिका निभाता है. यह अच्छे मूड और भावनात्मक संतुलन को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है. मैग्नीशियम की कमी से अवसाद और चिंता समेत कई समस्याएं हो सकती हैं. जिन महिलाओं में मैग्नीशियम की कमी होती है उन्हें चिड़चिड़ापन, मूड खराब होना और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई का अनुभव हो सकता है. गंभीर कमी से मूड में और अधिक गंभीर बदलाव आ सकते हैं.

हड्डियों में कमजोरी

स्वस्थ हड्डियों की संरचना सुनिश्चित करने के लिए मैग्नीशियम कैल्शियम और विटामिन डी के साथ काम करता है. महिलाओं, विशेष रूप से रजोनिवृत्ति के बाद की महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा अधिक होता है. इससे हड्डियां कमजोर होकर कमजोर हो सकती हैं. मैग्नीशियम की कमी कैल्शियम अवशोषण में हस्तक्षेप करके और हड्डी के चयापचय में परिवर्तन करके इस जोखिम को बढ़ाती है. परिणामस्वरूप, मैग्नीशियम की कमी वाली महिलाओं में फ्रैक्चर और हड्डी से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.

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मैग्निशियम की कमी से और क्या-क्या होता है

शरीर में ऐंठन होना, थकान, अनियमित दिल की धड़कन, हाई ब्लड प्रेशर, ऑस्टियोपोरोसिस, कब्ज, अवसाद, कंपन, अस्थमा, सिरदर्द आदि.

(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)

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महिलाओं में जब होती है मैग्नीशियम की कमी तो शुरू होती हैं ये दिक्कतें
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मैग्निशियम कम होने के नुकसान क्या हैं?

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महिलाओं में जब होती है मैग्नीशियम की कमी तो शुरू होती हैं ये दिक्कतें, ये रहे कुछ लक्षण

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