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Literaria 2023: नीलांबर के वार्षिकोत्सव लिटरेरिया 2023 का आयोजन 1 से 3 दिसंबर तक सियालदह में
Literaria 2023: लिटरेरिया फेस्टिवल के तीसरे और अंतिम दिन नीलांबर द्वारा घोषित 'रवि दवे सम्मान' और 'निनाद सम्मान' क्रमशः विनय शर्मा और अजय राय को दिए जाएंगे. इस तीन दिनी समारोह में विभिन्न मुद्दों पर विशेषज्ञों का अलग-अलग पैनल विचार-विमर्श करेगा. साथ ही काव्य पाठ और नाट्य मंचन होंगे.
DNA Kavita Sahitya: फिल्म लेखक-निर्देशक अविनाश दास की जीवन को छूतीं टटकी कविताएं
Poetry Collection: अनारकली ऑफ आरावाली के बाद अविनाश दास ने ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए भी फिल्में कई वेब सीरीज का निर्देशन किया. रात बाकी है, शी, यू शेप की गुगली ऐसे ही कुछ नाम हैं. फिल्मों से जुड़ने के बाद भी अविनाश कविताएं रचते रहे. उनकी ऐसी ही कविताओं का संग्रह है 'जीवन कर्जा गाड़ी है'.
DNA Katha Sahitya: प्रेम और समर्पण के रेशे से बुनी अर्चना सिन्हा की कहानी अपराधमुक्ति
DNA Katha: अर्चना सिन्हा की कहानियों के केंद्रीय पात्र मध्यवर्गीय स्त्रियां होती हैं. ये स्त्रियां विचार करना जानती हैं, तर्क करना जानती हैं, जिरह करना जानती हैं, भावनाएं नियंत्रित करना या उन्हें मार देना जानती हैं. लेकिन ये स्त्रियां स्वाभिमानी भी हैं और जीवन को अपने आदर्शों और शर्तों पर जीती हैं.
DNA Kavita Sahitya: प्रेम में पगी स्त्री का घर-संसार रचती हैं युवा कवि शैलजा पाठक की कविताएं
Hindi Poetry: शैलजा पाठक की कविताओं में रिश्तों की खुशबू है, प्यार के चटख रंग हैं और गांव-घर की यादें हैं. इन कविताओं में आपको प्रेम सहेजने का नायाब मंत्र मिलेगा, उसे जीने की जादुई राह दिखेगी. इस राह की चमक के साथ कहीं वह अंधेरा भी कुनमुनाएगा जहां बिखरे हुए लोग हैं, टूटे सपने हैं, खोई हुई दुनिया है.
DNA Katha Sahitya: काल्पनिक संशय की धुंध छांटती प्रमोद द्विवेदी की कहानी 'बुखार उतर गया'
Social Psychology: प्रमोद द्विवेदी ने पत्रकारिता में एक लंबी पारी खेली है. इस बीच समाज को जानने-समझने की उनकी दृष्टि और पैनी हुई है. उन्हें पता है कि अब के दौर में एक-दूसरे को लेकर हमसब काल्पनिक संशय की दुनिया में जी रहे हैं. इसी संशय का ताना-बाना बुनती है प्रमोद द्विवेदी की कहानी 'बुखार उतर गया'.
DNA Ghazal Sahitya : शोर के बीच भी सुनाई देती हैं भवेश दिलशाद की गजलों की चुप्पी
DNA Ghazal: दिलशाद की गजलों की जो खूबी उन्हें 'अलग' श्रेणी में खड़ा करती है उसका संबंध छंद मिलाने से नहीं है. दो पंक्तियों में व्यंग्य करने से भी नहीं. किसी तरह का विवरण देने से भी नहीं है. इन सबसे इतर भाषा के जिस स्तर को छूकर गजल भावनाओं का संसार रचती है, वह आपको दिलशाद में नुमाया होंगी.
आदिवासी साहित्य सिर्फ हिंसा झेल रहे प्रतिरोधी जीवन का बयान नहीं : लानुसांगला त्जुदिर
Jaipal-Julius-Hanna sahitya samaroh: आदिवासी लोग केवल दुख और संघर्ष को जीवन का पर्याय नहीं मानते. वे शांतिप्रिय, सहजीवी दुनिया के पक्षधर हैं और अपने साहित्य में इसी को रचनात्मक काल्पनिक कौशल के साथ प्रस्तुत करते हैं. ये बातें नागालैंड से आईं आओ-नागा साहित्यकार और प्रकाशक लानुसांगला त्जुदिर ने कहीं.
DNA Kavita Sahitya: बेचैनियों से भरीं कवि मुक्ति शाहदेव की छह कविताएं
DNA Lit: मुक्ति शाहदेव की कविताओं में देशज शब्दों का सहज प्रयोग देखने को मिलता है. 'सोंटी', 'काठी चूल्हा', 'बिचला कोठरी', 'छिलका' जैसे शब्द जैसे कविता में झारखंडी परिवेश को जिंदा कर देते हैं.
DNA Katha Sahitya: द्वंद्व और प्रेम में पगी विजयश्री तनवीर की कहानी 'अनुपमा गांगुली का चौथा प्यार'
Love Story: विजयश्री तनवीर के हिस्से अब तक कविताओं का एक संग्रह और कहानियों के दो संग्रह आ चुके हैं. कविता संग्रह 'तपती रेत पर' और कहानियों के संग्रह 'अनुपमा गांगुली का चौथा प्यार' और 'सिस्टर लिसा की रान पर रुकी हुई रात' हैं. विजयश्री को कहानी 'गांठ' के लिए हंस कथा सम्मान मिल चुका है.
Book Review: विसंगतियों की नब्ज टटोलती लघुकथाओं का संग्रह 'वक़्त कहाँ लौट पाता है'
Short Stories: रेडियो के शॉर्ट वेब और मीडियम वेब तरंगों की तरह ही कविता, कहानी, उपन्यास... और साहित्येतर विधाओं की अपनी-अपनी रेंज होती है. इस भागती-दौड़ती जिंदगी में साहित्य में नए पाठकों को जोड़ने का काम लघुकथाएं कर सकती हैं. इसलिए भी लघुकथा संग्रह 'वक़्त कहाँ लौट पाता है' का स्वागत होना चाहिए.