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DNA Katha Sahitya: युवा कथाकार ट्विंकल रक्षिता की कहानी 'फर्कबंधन'

DNA Katha Sahitya: युवा कथाकार ट्विंकल रक्षिता की कहानियों में अक्सर पात्रों का द्वंद्व पाठकों के लिए अपना सा हो जाता है. कहानियों के पात्र जितना अपनी समस्याओं और सवालों से जूझते हैं, पाठक भी उससे उतना ही जूझता है. तो आइए पढ़ें ट्विंकल रक्षिता की कहानी 'फर्कबंधन'.

आदिवासी जीवन की पैरोकार कविताएं, पढ़ें कवि-एक्टिविस्ट वंदना टेटे की तीन रचनाएं

Tribal Life: आदिवासी कवि-एक्टिविस्ट वंदना टेटे की कविताओं, लेखों में आदिवासी जीवन और उनका समाज खूब उभर कर आता है. देश भर के साहित्यिक व अकादमिक संगोष्ठियों में दिए गए उनके वक्तव्य आदिवासी जीवन दर्शन के रूप में पहचाने गए.

विनय शर्मा को 'रवि दवे स्मृति सम्मान' और अजय राय को 'निनाद सम्मान' देने की घोषणा

Art-Culture Award: नीलांबर संस्था के उपसचिव और मीडिया प्रभारी आनंद ने बताया कि ये दोनों सम्मान साहित्योत्सव लिटरेरिया 2023 के दौरान दिए जाएंगे. बता दें कि इस वर्ष साहित्य लिटरेरिया का आयोजन 1 से 3 दिसंबर तक कोलकाता के बीसी राय ऑडिटोरियम, सियालदह में किया जाएगा.

Reader's Review: 'शहर से दस किलोमीटर' दूर बसी बस्ती को इस बार नहीं कर सकेंगे अनदेखा

Reader's Review: वरिष्ठ रचनाकार नीलेश रघुवंशी के ताजा उपन्यास 'शहर से दस किलोमीटर' पर पाठकीय टिप्पणी की हैं कथाकार विनीता बाडमेरा ने. राजस्थान के अजमेर की रहनेवाली विनीता बाडमेरा खुद कहानीकार हैं. उनकी कहानियों के संग्रह का नाम है 'एक बार, आख़िरी बार'. वे एक संवेदनशील कवि भी हैं.

इन 3 रचनाकारों को मिलेगा जयपाल-जुलियुस-हन्ना साहित्य सम्मान, 26 नवंबर को होगा समारोह

Tribal Literature: ‘जयपाल-जुलियुस-हन्ना साहित्य सम्मान’ के लिए अरुणाचल की डॉ. ताबिङ तुनुङ, महाराष्ट्र के संतोष पावरा और पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार की डॉ. पूजा प्रभा एक्का का चयन किया गया है. बता दें कि आदिवासी भाषा, लेखन और साहित्य को प्रोत्साहित करने के लिए इस अवार्ड की स्थापना पिछले साल की गई है.

DNA Exclusive: साहित्यकार-पत्रकार संजय कुंदन इन्हें नहीं मानते हैं जेन्युइन रचनाकार

Writer Vision: वरिष्ठ कवि, कथाकार और नाटककार संजय कुंदन की कविताओं में विरोध के स्वर तो हैं, लेकिन अपनी पूरी शालीनता के साथ. अपनी कविताओं में संजय कुंदन जिरह करते हुए दिखते हैं, इस जिरह से एक ऐसा रास्ता खुलता दिखता है, जो आपको आंदोलन की दिशा में ले जाता है. पढ़ें उनसे हुई विस्तृत बातचीत के कुछ अंश.

DNA Exclusive: साहित्य अकादेमी के बाल साहित्य पुरस्कार 2023 से नवाजे गए सूर्यनाथ से विशेष बातचीत

Fiction Writer: सूर्यनाथ सिंह का नया बाल उपन्यास है 'मशीनों का सत्याग्रह'. इस उपन्यास में उन्होंने 22वीं सदी की कल्पना की है जहां मशीनें भी मनुष्यों के साथ काम करती नजर आएंगी. इसके बाद कैसे मशीनों ने अपने लिए नागरिकता की मांग की और कैसे सत्याग्रह किया - इसका रोचक विस्तार पढ़ें इस उपन्यास में.

Chhath Puja: लोकगीतों में बेटियों का लोकमंगल, लोकाचार में जान लेने की आतुरता

Importance of Women: छठ के कुछ गीत हमें याद दिलाते हैं कि यह पर्व बेटियों की शुभेच्छा से भरा हुआ है. इसके कई गीतों में बेटियों की कामना की गई है. ऐसा ही एक गीत है - पांच पुत्तर, अन्न-धन लक्ष्मी, धियवा मंगबो जरूर. इस गीत में धियवा (बेटी) मांगने पर बल देते हुए 'जरूर' शब्द का इस्तेमाल किया गया है.

स्मृति शेष आशुतोष : सक्रिय रहनेवाला रचनाकार इस बार हो गया हमेशा के लिए मौन

Smriti Shesh Ashutosh: वरिष्ठ लेखक व कवि आशुतोष का महज 65 की उम्र में चले जाना सबको साल गया है. कोलकाता के आनंद गुप्ता उनसे कई स्तरों पर जुड़े रहे. आनंद खुद संवेदनशील रचनाकार हैं और दुख की इस कातर घड़ी में उन्होंने आशुतोष जी को अपनी तरह से याद किया है. पढ़ें दिवंगत रचनाकार पर एक संस्मरणांजलि.

लेखक-कवि आशुतोष का कोलकाता में निधन, 5 दिन पहले हुई थी बेटे की मौत, 9 नवंबर को लगी थी घर में आग

बिहार में जन्मे आशुतोष रोजी-रोजगार के लिए कोलकाता में जा बसे थे. वहां वे प्रोफेसर थे. 9 नवंबर को कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस रोड स्थित सोहम अपार्टमेंट के उनके फ्लैट में रसोई गैस सिलिंडर से गैस लीक होने की वजह से आग लगी. इस हादसे में उसी दिन बेटे की मौत हो गई थी और आज प्रो. आशुतोष की.