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Tribute : मैथिली लेखिका 'लिली रे' इस्मत चुगताई की श्रेणी की थीं

मशहूर लेखिका लिली रे की बड़ी ख़ासियत उनके पात्रों का इन्सानी जज़्बात से भरा होना था. लिली रे का कल निधन हो गया. एक टिप्प्णी गौरीनाथ जी की.

WOMEN: दुनिया भर की औरतें अपने दर्द को अपनी मुस्कान में लपेटती आई हैं

कमर, पीठ, टांग ऐंठे. मन भर का पत्थर पड़ा रहे भले सिर पर, मत कहो कि दर्द में हो .अरे हॉर्मोनल चेंज है सब .हॉट वाटर बैग ले लो या गरम तौलिया लपेट लो.

ISRO में बिताए दिन – वह ईमानदारी मज़े की थी

वैज्ञानिकों की ज़िंदगी के आस-पास आज बहुत ग्लैमर पसरा हुआ है. क्या सब दिन इतना ही ग्लैमर था या कैसी थी विक्रम साराभाई के मूल्यों से सींची वह ज़िंदगी?

Nostalgia: दिल की किताब से हास्यबोध और बाज़ार से ज़िंदादिल 'किताबें' गायब हैं  

लोग मजाक की बात पर भी सीरियस हो जाते हैं. इस लेख में पुराने दिनों के हंसने, मुस्कुराने के किस्सों को बताया गया है. 

Mumbai में औरतों के लिए सुरक्षित जगह की चाह

मुम्बई में जो भी अभिनेता या अभिनेत्री या किसी भी फील्ड में काम करने आते हैं. उनकी पहली समस्या होती है घर की.

Dowry system: दहेज के लिए आज्ञाकारी कैसे हो जाते हैं नालायक लड़के?

दहेज सामाजिक और कानूनी अपराध है. दहेज की मानसिकता पर पढ़ें दिनेश मिश्र की टिप्पणी.

Anna Bhau Sathe: फकीरी से फकीरा तक का सफ़र

आज़ादी की लड़ाई में, संयुक्‍त महाराष्‍ट्र आंदोलन में और गोवा मुक्‍ति संग्राम में अन्‍ना का योगदान बहुत बड़ा है.

कहीं गुम न हो जाए बेटी की निश्छलता दुनियादारी में

नाजुक सी, प्यारी सी बेटी को  नपी-तुली मुस्कान और संकोच से बात करते देखती हूं तो लगता है हो गई शुरुआत दुनियादारी सीखने की

Death Anniversary Special: कमलेश्वर की साफ़गोई से इंदिरा गांधी भी प्रभावित थीं

  • कविता 

कमलेश्वर की कलम पानी जैसी थी, वे उसे जिस विधा में रख देते वह उसी के रंग में ढल जाती थी.

Celebration of Republic Day: जब पश्चिम चरवाहा और घुमक्कड़ था, हमारे यहां इस उप-महाद्वीप में गणराज्य था

हमारा गणतंत्र हम जैसे बहुतेरे नागरिकों से ही वरिष्ठ नहीं, दुनिया का सबसे वरिष्ठ, सबसे बुज़ुर्ग, सबसे पुराना गणतंत्र है.