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Kamal Haasan Hospitalised: तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल पहुंचे कमल हासन, फैंस को हुई चिंता
Kamal Haasan Hospitalised: कमल हासन हैदराबाद से चेन्नई लौट रहे थे, इसी दौरान उनकी तबीयत खराब होने पर अस्पताल में भर्ती होने की रिपोर्ट्स सामने आई हैं.
Bhagwant Mann Marriage: उन्हें गलत निर्णयों के लिए ट्रोल कर सकते हैं, शादी के लिए नहीं!
Bhagwant Mann Marriage : इस देश में ट्रोलिंग होनी चाहिए… पत्नी को बीच सफर में छोड़ देने पर ट्रोलिंग होनी चाहिए, तलाक की कानूनी प्रक्रिया पूरी ना किये बिना शादी करने पर ट्रोलिंग होनी चाहिए.
Sahi aur Ghalat : क्या बच्चों को जन्म से मालूम होता है सही ग़लत का फर्क़
पॉल ब्लूम ने साबित किया है कि there is an innate development of morality in children, यानी
बहुत सी बातों में सही गलत जन्म से ही पता होता है.
Heart Warming Prose : आम का मौसम और मौसम के आम
Mango Season में आम की भिन्न प्रजातियों का रस लेने के बाद आज पढ़िए प्रज्ञा रोहिणी का आम पर ललित गद्य...
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21 June को सबसे बड़ा दिन होता है, इस दिन को ग्रीष्म संक्रांति भी कहते हैं!
21 जून को ग्रीष्म संक्रांंति होती है. यह दिन सबसे बड़ा दिन होता है. कल से दिन छोटे होने प्रारंभ हो जायेंगे.
Feminism & Literature : इस्मत चुगताई की कहानी लिहाफ का नया पाठ
लिहाफ़ सदा से मुझे सेक्स-डिप्राइव कुलीन स्त्री के हिंसक रूप की कहानी नज़र आती है. सुदीप्ति के द्वारा लिहाफ कहानी का नया पाठ.
Mehdi Hassan : राजस्थान के झुंझुनू में पहली बार शब्द फूटे थे गज़ल उस्ताद के
जिस रोज़ उस्ताद मेहदी हसन खान ने विशुद्ध क्लासिकल छोड़ ग़ज़ल गायकी को अपना इलाका बनाने का अंतिम फैसला लिया होगा कायनात उस दिन खुश होकर नाची भी होगी.
Patriarchy & Feminism : पितृसत्ता के विमर्श में भाषा की भूमिका
आप बात को किस तरह से कहते है उस से बहुत फर्क पड़ता है. सुनने वाले की समझ आपके वाक्यों के प्रयोग के हिसाब से बनती है.
Tomb Of Sand : बुकर पुरस्कार विजेता किताब ‘रेत समाधि’ पर आलोचक आशुतोष कुमार की समीक्षा
Tomb Of Sand को मिला यह बुकर जितना लेखिका गीतांजलि श्री का है, उतना ही अनुवादक डेजी रॉकवेल का भी.
पांडेय बेचैन शर्मा उग्र - हिंदी के वे पहले लेखक जिनकी Bold Writing से साहित्यकार ही नाराज़ हो गए थे
Pandeya Bechan Sharma Ugra : प्रेमचन्द बाद में बेस्टसेलर हुए पर उग्र तो अपने जीवन मे ही बेस्टसेलर हो गए थे. 8 साल फ़िल्म नगरी में रहे