Book Review:दिल्ली के प्रशासनिक और राजनीतिक ढांचे को समझने का अवसर देती है 'दिल्ली दरबार'

New Book Delhi Darbar: मनोज मिश्र की लिखी किताब 'दिल्ली दरबार' हमारा परिचय दिल्ली के प्रशासनिक ढांचे से कराती है, वह विस्तार से बताती है कि लोक-व्यवस्था, पुलिस और भूमि यानी दिल्ली विकास प्राधिकरण केंद्र सरकार यानी उपराज्यपाल के अधीन किस प्रावधान के तहत हैं और इसके पीछे क्या तर्क है.

DNA Exclusive: लेखक उदय प्रकाश से खास बातचीत, कहा- हमारा संकट AI नहीं, NI है

Exclusive Interview: इस दौर के स्टार लेखक उदय प्रकाश ने डीएनए के अनुराग अन्वेषी से बातचीत में लेखन से लेकर कृत्रिम मेधा तक पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि असल संकट AI नहीं, बल्कि वह महत्त्वाकांक्षा है जो स्वाभाविक मेधा की वजह से पनपती है और विनाश की हद तक बढ़ती है. इस पर हमें पुनर्विचार करना चाहिए.

Book Review: कविता संग्रह 'सूरज का आठवाँ घोड़ा' में हैं मानवीय सरोकारों से गुथीं कविताएं

Hindi Literature: कश्मकश वाली पीढ़ी के रचनाकार हैं डॉ. निवास चंद्र ठाकुर. इनकी कविताओं में आजादी के बाद हुए मोहभंग की पीड़ा दिखती है. नैतिक मूल्यों के जतन की कोशिश दिखती है. परंपरा और आधुनिकता के बीच संघर्ष दिखता है. तार्किक सवाल दिखते हैं और आदर्शवादी सुझाव भी.

हंस साहित्योत्सव 2023 का समापन, बहसों और विमर्शों से भरा पूरा रहा तीन दिन, पढ़ें विस्तृत रिपोर्ट

Hans Sahityotsav 2023: दिल्ली के हैबिटैट सेंटर में चल रहा हंस साहित्योत्सव 2023 का समापन हो चुका. इस मौके पर साहित्यकार से लेकर पत्रकार तक और नाटककार से लेकर फिल्मकार तक जुटे. अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा हुई, दर्शकों की ओर से भी सवाल जवाब हुए. कई नए रास्ते दिखे, कई नए रास्ते खुले. पढ़ें विस्तार से.

हंस साहित्योत्सव 2023 में विजयदान देथा की कहानी पर आधारित नाटक 'बड़ा भांड तो बड़ा भांड' का मंचन

Tragic Drama: हंस साहित्योत्सव 2023 के दूसरे दिन विजयदान देथा की कहानी 'रिजक की मर्यादा' पर आधारित नाटक 'बड़ा भांड तो बड़ा भांड' का मंचन हुआ. इस पूर्णकालिक नाटक के दौरान दर्शक दम साधे बैठे रहे. प्रभावशाली अभिनय, निर्देशन, संगीत और प्रकाश व्यवस्था की वजह से यह नाटक लंबे समय तक दर्शकों को याद रहेगा.

हंस के तीन दिनी साहित्योत्सव का उद्घाटन, दिल्ली के हैबिटैट सेंटर में हुआ साहित्यकारों का जुटान

Inauguration: हंस के साहित्योत्सव 2023 के उद्घाटन सत्र में मंच पर मौजूद कवि, आलोचक और संस्कृतिकर्मी अशोक वाजपेयी ने कहा कि हिंदी भाषी समाज अन्य भाषी समाज से ज्यादा हिंसक है. इस समाज में हत्या का साधारणीकरण किया जा चुका है यानी यह प्रवृति पूरे हिंदी प्रदेश में फैल गई है.

Book Review: भौगोलिक और सामाजिक परिवेश का रोचक वृतांत है 'झारखंड से लद्दाख'

Travelogue: रश्मि शर्मा स्वभावतः कवि हैं. यह कहते हुए ध्यान है कि उनकी कहानियां भी चर्चा में रही हैं, लेकिन जब उनकी कहानियों से आप गुजरेंगे तो उनकी शैली, उनकी वर्णनात्मकता, उनकी भाषा में आपको कवित्त के गुण दिखेंगे. यही बात उनके इस पांचवीं किताब 'झारखंड से लद्दाख' के बारे में भी कही जा सकती है.

Book Review: स्त्री के सपने, संघर्ष और सवालों की परतें खोलता है कविता संग्रह 'पैबंद की हँसी'

Paiband Ki Hansi: 'बाग़ की होली' और 'कचनारी इश्क़' जैसी कविताएं स्त्री-मन की परतों से निकली हैं. 'कचनारी इश्क़' में प्रेम की अभिव्यक्ति बिल्कुल आम फहम शब्दों में है, बोलचाल वाली शैली में है. इस भाषा शैली की वजह से कविता में जो अल्हड़पन और बेलौसपन आया है, वह पाठकों को लुभाता है.

पीड़ा से उबरकर लिखी गई कविता होती है शार्प - बोलीं पल्लवी त्रिवेदी - आ रही मेरी चौथी किताब

Writing Process: साहित्यकार पल्लवी त्रिवेदी बोलीं जब आप पीड़ा में होते हैं और लिखते जाते हैं तो वह सिर्फ भाव भर होता है, उसमें जो कवित्त भाव होना चाहिए वह छुप जाता है. मैं पीड़ा के वक्त लिखी बात पर दोबारा तब काम करती हूं जब उससे उबर जाती हूं. मेरा निजी अनुभव रहा है कि तब वह शार्प कविता बनती है.

दिल्ली में तीन दिवसीय हंस साहित्योत्सव 2023 का आयोजन 27 अक्टूबर से, एंट्री मुफ्त, जानें लोकेशन

Hans Sahityotsav: हंस साहित्योत्सव 2023 का उद्घाटन 27 अक्टूबर को सुबह 10:30 बजे होना है. तीन दिनी यह आयोजन दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटैट सेंटर के एमपी थिएटर में होगा. देशभर के प्रमुख लेखक, आलोचक, रंगमंच कलाकार, निर्देशक और सिनेमा से जुड़े लोग शिरकत करेंगे.