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Anurag
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पत्रकारिता में 25 वर्ष से ज्यादा वक्त गुजारा. झारखंड से प्रकाशित दैनिक देशप्राण से पत्रकारिता की शुरुआत कर प्रभात खबर के धनबाद संस्करण का प्रभार संभाला. दिल्ली के नवभारत टाइम्स में रहते हुए गाजियाबाद, नोएडा, गुड़गांव और फरीदाबाद संस्करणों की लॉन्चिंग में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई. नोएडा से प्रकाशित अमर उजाला और जनसत्ता में महत्त्वपूर्ण जिम्मेवारियों का निर्वहन. इस बीच रांची के दैनिक भास्कर की लॉन्चिंग टीम का हिस्सा रहा. वेबसाइट के लिहाज से न्यूज18 हिंदी की नौकरी पहली रही. इन संस्थानों में रहते हुए खबरों की भाषा, उसके कंटेंट, अखबार की प्लानिंग और ग्राफिक के क्षेत्र में विशेष भूमिका निभाई. रांची विश्वविद्यालय से हिंदी में एमए किया और गुरु जांभेश्वर विश्वविद्यालय से एमएमसी. झारखंड में पला बढ़ा, दिल्ली एनसीआर में गुजर-बसर. साहित्य-संस्कृति और भाषा-बोलियों में खास रुचि. अपराध, सामाजिक सरोकार और साहित्य की खबरों पर विशेष निगाह. फिलहाल, डीएनए इंडिया हिंदी से संबद्ध.
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हंस साहित्योत्सव 2023 में विजयदान देथा की कहानी पर आधारित नाटक 'बड़ा भांड तो बड़ा भांड' का मंचन

Tragic Drama: हंस साहित्योत्सव 2023 के दूसरे दिन विजयदान देथा की कहानी 'रिजक की मर्यादा' पर आधारित नाटक 'बड़ा भांड तो बड़ा भांड' का मंचन हुआ. इस पूर्णकालिक नाटक के दौरान दर्शक दम साधे बैठे रहे. प्रभावशाली अभिनय, निर्देशन, संगीत और प्रकाश व्यवस्था की वजह से यह नाटक लंबे समय तक दर्शकों को याद रहेगा.

Book Review: स्त्री के सपने, संघर्ष और सवालों की परतें खोलता है कविता संग्रह 'पैबंद की हँसी'

Paiband Ki Hansi: 'बाग़ की होली' और 'कचनारी इश्क़' जैसी कविताएं स्त्री-मन की परतों से निकली हैं. 'कचनारी इश्क़' में प्रेम की अभिव्यक्ति बिल्कुल आम फहम शब्दों में है, बोलचाल वाली शैली में है. इस भाषा शैली की वजह से कविता में जो अल्हड़पन और बेलौसपन आया है, वह पाठकों को लुभाता है.

पीड़ा से उबरकर लिखी गई कविता होती है शार्प - बोलीं पल्लवी त्रिवेदी - आ रही मेरी चौथी किताब

Writing Process: साहित्यकार पल्लवी त्रिवेदी बोलीं जब आप पीड़ा में होते हैं और लिखते जाते हैं तो वह सिर्फ भाव भर होता है, उसमें जो कवित्त भाव होना चाहिए वह छुप जाता है. मैं पीड़ा के वक्त लिखी बात पर दोबारा तब काम करती हूं जब उससे उबर जाती हूं. मेरा निजी अनुभव रहा है कि तब वह शार्प कविता बनती है.

स्त्री के अंतर्मन को समझने की नई दृष्टि देता है साझा कविता संग्रह 'प्रतिरोध का स्त्री-स्वर'

Book Review: कविताओं के साझा संग्रह प्रतिरोध का स्त्री-स्वर में यूपी से 7, एमपी, बिहार और झारखंड से 3-3, दिल्ली से 2 और राजस्थान व महाराष्ट्र से 1-1 कवियां शामिल की गई हैं. इन कविताओं में स्त्री का दर्द, उसका संघर्ष किसी प्रदेश विशेष से नहीं बंधा है, वह वाकई भारतीय स्त्रियों का प्रतिनिधित्व करता है.