Book Review: विसंगतियों की नब्ज टटोलती लघुकथाओं का संग्रह 'वक़्त कहाँ लौट पाता है'
Short Stories: रेडियो के शॉर्ट वेब और मीडियम वेब तरंगों की तरह ही कविता, कहानी, उपन्यास... और साहित्येतर विधाओं की अपनी-अपनी रेंज होती है. इस भागती-दौड़ती जिंदगी में साहित्य में नए पाठकों को जोड़ने का काम लघुकथाएं कर सकती हैं. इसलिए भी लघुकथा संग्रह 'वक़्त कहाँ लौट पाता है' का स्वागत होना चाहिए.
DNA Exclusive: साहित्यकार-पत्रकार संजय कुंदन इन्हें नहीं मानते हैं जेन्युइन रचनाकार
Writer Vision: वरिष्ठ कवि, कथाकार और नाटककार संजय कुंदन की कविताओं में विरोध के स्वर तो हैं, लेकिन अपनी पूरी शालीनता के साथ. अपनी कविताओं में संजय कुंदन जिरह करते हुए दिखते हैं, इस जिरह से एक ऐसा रास्ता खुलता दिखता है, जो आपको आंदोलन की दिशा में ले जाता है. पढ़ें उनसे हुई विस्तृत बातचीत के कुछ अंश.
DNA Exclusive: साहित्य अकादेमी के बाल साहित्य पुरस्कार 2023 से नवाजे गए सूर्यनाथ से विशेष बातचीत
Fiction Writer: सूर्यनाथ सिंह का नया बाल उपन्यास है 'मशीनों का सत्याग्रह'. इस उपन्यास में उन्होंने 22वीं सदी की कल्पना की है जहां मशीनें भी मनुष्यों के साथ काम करती नजर आएंगी. इसके बाद कैसे मशीनों ने अपने लिए नागरिकता की मांग की और कैसे सत्याग्रह किया - इसका रोचक विस्तार पढ़ें इस उपन्यास में.
Chhath Puja: लोकगीतों में बेटियों का लोकमंगल, लोकाचार में जान लेने की आतुरता
Importance of Women: छठ के कुछ गीत हमें याद दिलाते हैं कि यह पर्व बेटियों की शुभेच्छा से भरा हुआ है. इसके कई गीतों में बेटियों की कामना की गई है. ऐसा ही एक गीत है - पांच पुत्तर, अन्न-धन लक्ष्मी, धियवा मंगबो जरूर. इस गीत में धियवा (बेटी) मांगने पर बल देते हुए 'जरूर' शब्द का इस्तेमाल किया गया है.
लेखक-कवि आशुतोष का कोलकाता में निधन, 5 दिन पहले हुई थी बेटे की मौत, 9 नवंबर को लगी थी घर में आग
बिहार में जन्मे आशुतोष रोजी-रोजगार के लिए कोलकाता में जा बसे थे. वहां वे प्रोफेसर थे. 9 नवंबर को कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस रोड स्थित सोहम अपार्टमेंट के उनके फ्लैट में रसोई गैस सिलिंडर से गैस लीक होने की वजह से आग लगी. इस हादसे में उसी दिन बेटे की मौत हो गई थी और आज प्रो. आशुतोष की.
Book Review: 'स्त्रियोचित' की नई परिभाषा गढ़ती कविताओं का संग्रह 'उत्सव का पुष्प नहीं हूँ'
Women's Discussion: अनुराधा सिंह के कविता संग्रह 'उत्सव का पुष्प नहीं हूं' की कविताएं जब अपने पाठ के बाद मन-मस्तिष्क में खुलने लगती हैं तो जिन धमनियों में स्त्री अस्तित्व के बरअक्स श्रेष्ठता बोध भरा होता है, वे अचानक से कुंद पड़ने लगती हैं. यहीं से शुरू होता है स्त्री विमर्श.
कथाकार विनीता परमार को है किस बात का दुख, किस बात की है आत्मग्लानि, जानिए पूरी कहानी
Interview: विनीता परमार ने अपने शिक्षक व्यक्तित्व पर कवि नजरिए से बात की. झारखंड की प्रकृति पर पर्यावरणविद की हैसियत से बात रखी और रचनाकार के रूप में अपने लेखन के तौर-तरीके पर विमर्श किया. उन्होंने गिद्ध, बाघ और मधुमक्खियों की संख्या में तेज गति से आ रही कमी का नुकसान बताया. पढ़ें विस्तार से.
पंडिता रमाबाई के परंपराभंजक तेवर पर हुई चर्चा, बताया- भारत की पहली विकल विद्रोहिणी स्त्री
वरिष्ठ साहित्यकार अनामिका ने कहा कि जिस तरह एक स्त्री को शिक्षित करना पूरे परिवार को शिक्षित करना है, उसी तरह स्त्री की मुक्ति ही मानवता की मुक्ति है. सुजाता ने कहा कि जब भी समाज सुधारकों की फेहरिस्त बनती है तो उसमें पंडिता रमाबाई का नाम शामिल नहीं किया जाता है. क्या केवल इसलिए कि वह एक स्त्री थी?
नई धारा का उदयोत्सव सम्पन्न, साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष माधव कौशिक को ‘उदयराज सिंह स्मृति सम्मान’
Honor Ceremony: साहित्यिक पत्रिका नई धारा का वार्षिक समारोह उदयोत्सव के मौके पर साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष माधव कौशिक को ‘उदयराज सिंह स्मृति सम्मान’दिया गया. इस मौके पर 8 युवा कवि नई आवाजें सम्मान 2023 से सम्मानित किए गए. इस दिन मंजरी जारुहार की पुस्तक ‘मैडम सर’ के हिंदी अनुवाद का लोकार्पण किया गया.
DNA Exclusive: लेखक उदय प्रकाश से खास बातचीत, कहा- हमारा संकट AI नहीं, NI है
Exclusive Interview: इस दौर के स्टार लेखक उदय प्रकाश ने डीएनए के अनुराग अन्वेषी से बातचीत में लेखन से लेकर कृत्रिम मेधा तक पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि असल संकट AI नहीं, बल्कि वह महत्त्वाकांक्षा है जो स्वाभाविक मेधा की वजह से पनपती है और विनाश की हद तक बढ़ती है. इस पर हमें पुनर्विचार करना चाहिए.