डीएनए हिंदीः जब शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है तो इससे दिल का दौरा और हार्ट अटैक जैसी गंभीर और जानलेवा समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है. खराब कोलेस्ट्रॉल धमनियों में जमा होकर ब्लॉकेज का कारण बनता है, जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.
हमारा शरीर दो प्रकार के कोलेस्ट्रॉल का उत्पादन करता है - कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एलडीएल) और उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एचडीएल). एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को खराब कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है. इसे दूर करने में दालचीनी और शहद बहुत कारगर हैं. आइए इस पर विस्तार से नजर डालें.
उच्च कोलेस्ट्रॉल को हल करने के लिए दालचीनी और शहद
आयुर्वेद में दालचीनी और शहद का उपयोग औषधीय रूप में किया जाता है. ये दोनों चीजें 5 दिन में ही आपके गंदे कोलेस्ट्रॉल को बाहर कर असर दिखाना शुरू कर देंगी. दालचीनी और शहद का सेवन शरीर से जुड़ी कई गंभीर स्थितियों में फायदेमंद हो सकता है. दालचीनी और शहद के औषधीय गुण शरीर में एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल के स्तर को काफी कम कर देते हैं,
दालचीनी और शहद का सेवन कैसे करें?
हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या से छुटकारा पाने के लिए सुबह दालचीनी के एक टुकड़े को पानी में भिगोकर अच्छी तरह उबाल लें. जब यह उबल जाए तो पानी को छान लें और इसमें शहद मिलाकर पी लें.
दालचीनी पाउडर को शहद के साथ मिलाकर गर्म पानी में मिलाया जा सकता है. इसका सेवन करने से पहले खुराक और सेवन के तरीके के बारे में डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
दालचीनी के गुण
एंटीऑक्सीडेंट, सूजनरोधी, मधुमेहरोधी, रोगाणुरोधी, कैंसररोधी, लिपिड-कम करने वाला और हृदय रोग कम करने वाला यौगिक होने के अलावा, दालचीनी में पार्किंसंस और अल्जाइमर रोगों जैसे तंत्रिका संबंधी विकारों के खिलाफ भी गतिविधियां होने की सूचना मिली है.
शहद के गुण
शहद में फाइटोकेमिकल, एंटी-इंफ्लेमेटरी, रोगाणुरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण रोग के उपचार में संभावित चिकित्सीय भूमिका होती है. फ्लेवोनोइड्स और पॉलीफेनोल्स, जो एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करते हैं, शहद में मौजूद दो मुख्य बायोएक्टिव मॉलिक्यूल्स होते हैं.
उच्च कोलेस्ट्रॉल के लक्षण क्या हैं?
- सीने में दर्द और बेचैनी
- श्वसन विकार
- रक्तचाप में वृद्धि
- घबराहट की भावना
- बढ़ी हृदय की दर
- शरीर में लगातार थकान और सुस्ती बनी रहती है
- शरीर के बायीं ओर अचानक दर्द होना
शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल का स्तर 100 मिलीग्राम/डीएल से कम होना सामान्य माना जाता है. इससे अधिक होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें. 130 mg/dL से ऊपर कोलेस्ट्रॉल का स्तर उच्च रक्तचाप और हृदय संबंधी बीमारियों के खतरे को बढ़ाता है.
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रखने के लिए खान-पान और जीवनशैली पर विशेष ध्यान देना चाहिए. आहार में कम वसा वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करने और नियमित व्यायाम या दौड़ने से कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद मिल सकती है.
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)
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