दिल का दौरा तब पड़ता है जब हार्ट में रक्त का प्रवाह बहुत कम या अवरुद्ध हो जाता है. रुकावट आमतौर पर हृदय (कोरोनरी) धमनियों में वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों के निर्माण के कारण होती है . वसायुक्त, कोलेस्ट्रॉल युक्त जमाव को प्लाक कहा जाता है. और कई बार हाई ब्लड प्रेशर के कारण भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है.
आपकी कोरोनरी धमनी में अचानक और गंभीर ऐंठन से रक्त के प्रवाह बाधित होता है, भले ही वहां प्लाक का निर्माण न हुआ हो. ऐसा ब्लड प्रेशर के हाई होने से नसों में संकुचन से होता है. अगर आप धूम्रपान करते हैं तो कोरोनरी ऐंठन का खतरा ज्यादा होता है. कई बार अत्यधिक ठंड या बहुत तनावपूर्ण स्थितियों के कारण भी ये ऐंठन हो सकती है.
अगर आप किसी भी तरह के खतरे से हार्ट को बचाना चाहते हैं तो आपको 3 तरह की आयुर्वेदिक औषधि को खाना शुरू कर देना चाहिए. खासकर अगर आप हाई ब्लड प्रेशर और बैड कोलेस्ट्रॉल के मरीज हों तो.
दिल का दौरा रोकने के लिए आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां
ये 3 आयुर्वेदिक हर्ब्स दिल के दौरे को रोकने, रक्तचाप को नियंत्रित करने, खराब कोलेस्ट्रॉल को रोकने और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में बहुत उपयोगी हैं. इसका नियमित सेवन आपको स्वस्थ रखता है.
लहसुन-
लगभग हर भारतीय रसोई में आसानी से उपलब्ध होने वाले लहसुन को आयुर्वेद में भी महत्वपूर्ण माना जाता है. यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है. आयुर्वेद के अनुसार यह हृदय के लिए टॉनिक की तरह है. इसका सेवन करने से आपका हृदय सक्रिय रहता है, जिससे रक्त संचार बेहतर होता है. इतना ही नहीं, लहसुन के नियमित सेवन से रक्त वाहिकाओं में कोलेस्ट्रॉल का जमाव कम हो जाता है. लहसुन विटामिन सी और बी6, मैंगनीज और सेलेनियम से भरपूर होता है, जिसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं. इसमें एलिसिन नामक एक विशेष रसायन होता है. एलिसिन एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट है जो हृदय की रक्षा करता है.
कैसे सेवन करें: लहसुन की 2 कलियां दिन में एक बार खाली पेट या भोजन से पहले लें. इसे आप 8 से 12 हफ्ते तक नियमित रूप से खा सकते हैं. या रोज खाएं.
अनार-
आयुर्वेद में अनार को दिल की सेहत के लिए सबसे अच्छा फल माना जाता है. अनार के नियमित सेवन से ट्राइग्लिसराइड्स और एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर काफी कम हो जाता है. यह आपके दिल को कई खतरों से बचाता है. अनार आपके शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने में भी मदद करता है.
सेवन करें: अनार को अपने आहार में शामिल करना बहुत आसान है. लेकिन इसके सेवन का सबसे अच्छा समय सुबह का नाश्ता है. प्रतिदिन नाश्ते के साथ एक अनार खाएं. अगर आप रोजाना अनार नहीं खा सकते हैं तो हफ्ते में कम से कम दो से तीन बार इसका सेवन करें.
अर्जुन की छाल-
अर्जुन की छाल को आयुर्वेद में हृदय के लिए सर्वोत्तम जड़ी-बूटियों में से एक के रूप में शामिल किया गया है. यह कार्डियो टॉनिक की तरह काम करता है. इसकी ठंडी प्रकृति, कसैला स्वाद और आसानी से पचने वाले गुण इसे और भी खास बनाते हैं. अर्जुन की छाल कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करती है और आपके दिल को स्वस्थ रखती है. यह ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर को संतुलित करने में सहायक है. यह हृदय को स्वस्थ रखने के साथ-साथ कफ और पित्त दोषों को भी दूर करता है. यह आपके रक्त को शुद्ध करता है, जिससे आपकी त्वचा में भी निखार आता है.
ऐसे करें सेवन: 100 मिलीलीटर पानी या 100 मिलीलीटर दूध लें. इसमें 5 ग्राम अर्जुन साल पाउडर मिलाएं. इसे आधा होने तक उबालें. इसे छानकर सोते समय या सुबह-शाम भोजन से 1 घंटा पहले पियें.
Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.
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हार्ट अटैक से बचाती हैं ये 3 आयुर्वेदिक औषधियां, हृदय रोगियों के लिए अमृत