भजन गायक और पंकज उधास (Pankaj Udhas) के दोस्त अनुप जलोटा (Anup Jalota) ने उनकी मौत का कारण बताया था कि गजल गायक की मौत की वजह पैंक्रियाटिक कैंसर (Pancreatic Cancer) था. वह कैंसर मरीजों की मदद करते थे और खुद ही कैंसर के शिकार हो गए थे. वह पिछले कई महीनों से इस गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे. चलिए आज आपको  पैंक्रियाटिक कैंसर जिसे अग्नाश्य कैंसर कहा जाता है, इसके बारे में जानें.


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अग्नाशय कैंसर क्या है?

अग्नाशय में असामान्य कोशिकाओं का बढ़ना ही अग्न्याशय कैंसर कहलता है. ये पेट के पीछे, छोटी आंत के पास एक लंबी ग्रंथि होती है. एक्सोक्राइन फ़ंक्शन का अर्थ है पाचन में सहायता करना. यह ग्रंथि अंतःस्रावी तंत्र को भी नियंत्रित करती है. एंडोक्राइन रक्त शर्करा को सामान्य रखने का कार्य करता है. जब किसी व्यक्ति को अग्न्याशय का कैंसर हो जाता है, तो उसका अग्न्याशय सूजने लगता है.

अग्नाशय कैंसर सबसे खतरनाक कैंसरों में से एक है. जो हर साल 4 लाख भारतीयों को प्रभावित करता है. कैंसर तब होता है जब अग्न्याशय में कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं. अग्न्याशय कैंसर का शुरुआती चरण में लक्षण नजर नहीं आता. इसलिए इसका पता आसानी से नहीं चलता. लेकिन कुछ ऐसे लक्षण हैं जो बिना कारण अगर नजर आने लगें तो सचेत हो जाना चाहिए.

अग्नाशय कैंसर के लक्षण

1- पेट में दर्द, जो धीरे-धीरे पीठ दर्द में बदल जाता है.

2- भूख में कमी

3- वजन घटना


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4- त्वचा और आंखों के सफेद भाग का पीला पड़ना, जिसे पीलिया कहा जाता है

5– बालों का रंग बदलना

6- पेशाब का रंग गहरा होना

7- खुजली

8- डायबिटीज का बिगड़ना और शुगर को नियंत्रित करने में कठिनाई

9- हाथ और पैरों में दर्द और सूजन, (रक्त के थक्कों के कारण हो सकता है)

10- थकान और कमजोरी महसूस होना

अग्नाशय कैंसर का कारण क्या है?

धूम्रपान, शराब पीना, मोटापा, प्रसंस्कृत भोजन का अत्यधिक सेवन अग्नाशय कैंसर का कारण बन सकता है. डॉक्टरों के मुताबिक पैंक्रियाटिक कैंसर या अग्न्याशय कैंसर का सटीक कारण अभी तक समझ में नहीं आया है. लेकिन कुछ कारक इस कैंसर के खतरे को बढ़ा देते हैं. इनमें धूम्रपान, मधुमेह, पुरानी अग्नाशयशोथ, मोटापा शामिल हैं. अगर परिवार में किसी को यह कैंसर हुआ है तो दूसरे व्यक्ति को यह कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है.

कैसे जानें अग्नाशय कैंसर?

यह पता लगाने के लिए कि क्या अग्नाशय का कैंसर हुआ है, डॉक्टर रोगी के लक्षणों और चिकित्सा इतिहास की जांच करते हैं. मरीज का सीटी स्कैन किया जाता है और राखी की जांच की जाती है. अग्न्याशय के कैंसर का पता लगाने के लिए, दो विशेष परीक्षण किए जाते हैं, एंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड कोलेजनोपैंक्रेटोग्राफी (ईआरसीपी) और एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड (ईयूएस).


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अग्नाशय कैंसर से कैसे बचें?

- धूम्रपान कम करें या बिल्कुल बंद कर दें. अत्यधिक शराब पीने से भी अग्नाशय कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए इसका सेवन कम करें या पीना बंद कर दें.

- अग्नाशय कैंसर के खतरे को कम करने के लिए अपने वजन पर नियंत्रण रखें. नियमित व्यायाम और योग करें. संतुलित भोजन करें.

- रेड मीट, प्रोसेस्ड फूड और तले हुए खाद्य पदार्थों के अधिक सेवन से बचें. इससे दूर रहें. इसके बजाय, ताजे फल, सब्जियां और साबुत अनाज खाएं.

Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.

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ब्लड शुगर का अनकंट्रोल होते जाना पैंक्रियाटिक कैंसर का भी संकेत
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ब्लड शुगर का अनकंट्रोल होते जाना पैंक्रियाटिक कैंसर का भी संकेत, ये 10 लक्षण दिखते ही हो जाएं सतर्क

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