डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो कई बीमारियों की वजह बनती है. शुगर बढ़ने से किडनी डैमेज का खतरा भी बढ़ता है. इसलिए इस बीमारी को कंट्रोल में रखना जरूरी है. आज आपको डायबिटीज रोगियों में रात के समय होने वाली कुछ दिक्कतों के बारे में बता रहे हैं जो ये संकेत देते हैं कि डायबिटीज कंट्रोल से बाहर हो रही है.अगर आप रात में ठीक से सोते हैं तो इससे ब्लड शुगर लेवल को अच्छे तरीके से नियंत्रित किया जा सकता है. अगर नींद अच्छी नहीं होगी तो डायबिटीज को कंट्रोल करना मुश्किल हो सकता है. चलिए आज कुछ ऐसे ही संकेतों के बारे में बताएं जो रात में नजर आएं तो समझ लें शुगर बढ़ने का ये इशारा है.
रात में दिखते हैं शुगर बढ़ने के ये संकेत
पैर सुन्न होना
यदि आपका ब्लड शुगर का स्तर सामान्य से अधिक है, तो रात में आपके पैर सुन्न महसूस होंगे. यह डायबिटीज के कारण होने वाली परिधीय न्यूरोपैथी का परिणाम है. टांगों और टांगों की नसें सुन्न हो जाती हैं.
पैरों में सूजन
पैरों में सूजन होना डायबिटीज का संकेत है. विशेषकर रात में यह अधिक सूज जाता है. अगर ऐसा लगातार हो तो डॉक्टर से सलाह लेना बेहतर है.
जल्दी-जल्दी पेशाब आना
शरीर में मौजूद अतिरिक्त शर्करा को मूत्र के माध्यम से बाहर निकालना. उच्च रक्त शर्करा के कारण गुर्दे अधिक काम करते हैं और इसे मूत्र के माध्यम से बाहर निकाल देते हैं. इसके कारण आपको रात में बार-बार पेशाब जाना पड़ता है. इसे नॉक्टूरिया कहा जाता है.
अत्यधिक पसीना आना
क्या आप सुबह उठते ही पसीने से लथपथ हो जाते हैं? तो ये डायबिटीज का लक्षण है. पसीने की ग्रंथियों की अत्यधिक उत्तेजना के कारण रात में अत्यधिक पसीना आना.
अगर सुबह उठते ही बिस्तर और कंबल गीले हों तो यह लो ब्लड शुगर का संकेत है. अध्ययनों के अनुसार, 84% डायबिटीज रोगियों को पसीने की समस्या का सामना करना पड़ता है. ऐसा तब होता है जब रक्त शर्करा के स्तर में उतार-चढ़ाव होता है.
गला सूखना और नींद की समस्या
रात में गला सूखना. बार-बार पेशाब आने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है. यदि रक्त शर्करा का स्तर अधिक है, तो मुंह सूखना आम है.
यदि रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रण से बाहर है तो लार का स्राव कम हो जाएगा. इससे स्थिति और खराब हो जाती है. इसके कारण बहुत अधिक पानी पीना पड़ता है और बार-बार टॉयलेट जाना पड़ता है.
धुंधली आंखों से पढ़ना मुश्किल हो सकता है
रात में आँखें धुंधली हो सकती हैं और पढ़ना मुश्किल हो सकता है. इसे डायबिटिक रेटिनोपैथी कहा जाता है. यदि रक्त शर्करा का स्तर अधिक है, तो यह ऑप्टिक तंत्रिका को प्रभावित कर सकता है. रेटिनोपैथी से धुंधली दृष्टि और दृष्टि संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.
रात के खाने के बाद भूख लगना
डायबिटीज रोगियों को रात के खाने के बाद भूख लग सकती है. एक बार खाने के बाद भी दोबारा खाने की जरूरत महसूस होना. इसे डायबिटिक हाइपरफैगिया या पॉलीफेगिया कहा जाता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इंसुलिन असंतुलन के कारण चीनी ऊर्जा में परिवर्तित नहीं हो पाती है.
ब्लड शुगर कैसे करें नियंत्रित
कम ग्लाइसेमिक हरी सब्जियां, फल, गाजर, मटर, दालें खाने के साथ-साथ नियमित व्यायाम और पैदल चलने से रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी.
ज्यादा चीनी और जंक फूड खाने से बचना चाहिए. अगर आप जीवनशैली में बदलाव करें और तनाव से सही तरीके से निपटें तो ब्लड शुगर लेवल को निश्चित रूप से नियंत्रित किया जा सकता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर्स से संपर्क करें.)
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ब्लड शुगर बढ़ने के ये संकेत केवल रात में दिखते हैं, समझ लें डायबिटीज हो रही अनकंट्रोल