खान-पान की अनदेखी और व्यायाम की कमी के कारण भी कई लोगों की जीवनशैली बीमारियों से ग्रस्त हो रही है. ऐसी ही एक बीमारी है डायबिटीज (Yoga for Diabetes). डॉक्टरों के मुताबिक, व्यक्ति अपनी जीवनशैली में बदलाव, खान-पान पर नियंत्रण और व्यायाम करके अपनी बीमारी पर आंशिक रूप से नियंत्रण पा सकता है.
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उच्च रक्तचाप और डायबिटीज के रोगियों के लिए कपालभाति और अनुलोम-विलोम बहुत फायदेमंद माने जाते हैं. इसे रोजाना 15 से 20 मिनट तक करने से हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी बीमारियों में राहत मिल सकती है. इसके अलावा ये हार्मोनल असंतुलन को संतुलित करने में भी मदद करते हैं.
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कपालभाति प्राणायाम डायबिटीज के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद है. यह आपके शरीर की नसों को मजबूत बनाने के साथ-साथ शरीर में ऊर्जा भी बनाए रखता है.
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बालासन योग को आप कहीं भी, कभी भी कर सकते हैं. इस आसन को चाइल्ड पोज भी कहा जाता है. बालासन ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रण में रखता है. हालाँकि बाल्सन को आमतौर पर तनाव कम करने के लिए जाना जाता है, लेकिन वास्तव में यह डायबिटीज रोगियों के लिए भी बहुत फायदेमंद है.
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अर्धमत्स्येन्द्रासन को 'हाफ स्पाइनल ट्विस्ट पोज' के नाम से भी जाना जाता है. इसके अलावा, 'अर्ध मत्स्येन्द्रासन' अर्ध, मत्स्य और इंद्र या तीन शब्दों का एक संयोजन है. अर्ध का अर्थ है आधा, मत्स्य का अर्थ है मांस और इंद्र का अर्थ है भगवान. 'अर्धमत्स्येन्द्र' का अर्थ है शरीर का आधा मुड़ना या झुकना. अर्ध मत्स्येन्द्रासन डायबिटीज, कटिस्नायुशूल, गर्भाशयग्रीवाशोथ, मासिक धर्म संबंधी समस्याओं और अपच के लिए फायदेमंद है.
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मंडूकासन के दौरान शरीर बिस्तर की तरह दिखता है. इसीलिए इसे मंडूकासन कहा जाता है. इसे अंग्रेजी में फ्रॉग पोज कहा जाता है. यह आसन डायबिटीज और पेट की बीमारियों के लिए रामबाण है. यह आसन अग्न्याशय के लिए फायदेमंद है, पेट पर भी दबाव डालता है. डायबिटीज के रोगियों को नियमित रूप से इन आसनों का अभ्यास करना चाहिए.
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खून में शुगर के बढ़े स्तर को डाउन कर देंगे ये योगासन