डीएनए हिंदी : आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी, तनाव और गड़बड़ खानपान का बुरा असर दिमाग पर भी पड़ता है. इसकी वजह से दिमाग कमजोर और खोखला होने लगता है. इसकी वजह से ब्रेन फॉग की समस्या हो सकती है. बता दें कि ब्रेन फॉग (Brain Fog) एक तरह की मानसिक स्थिति है, इसे कॉग फॉग भी कहा जाता है. इस स्थिति में व्यक्ति की सोचने समझने की क्षमता घट जाती है. इतना ही नहीं, इसकी वजह से दैनिक (Brain Fog Causes) कार्यों को करने में दिक्कत महसूस होने लगती है और इस स्थिति से पीड़ित व्यक्ति को कुछ भी याद रखने में दिक्कत होती है, साथ ही किसी समस्या का समाधान करना मुश्किल हो जाता है. आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बता रहे हैं कि ब्रेन फॉग के पीछे कारण क्या हो सकते हैं और इसके लक्षण क्या हैं..
क्या है ब्रेन फॉग के कारण
बता दें कि ब्रेन फॉग के कई कारण होते हैं और कोविड से ठीक होने वाले मरीजों में ये बहुत पाया जा रहा है. आइए जानते हैं क्या हैं इसके कारण
- किसी बारे में जरूरत से ज्यादा सोचना
- अधिक काम करना
- थकान में आराम न करना
- नींद पूरी न लेना
- अधिक तनाव लेना
- खराब खानपान
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ऐसे करें ब्रेन फॉग की पहचान
बता दें कि ब्रेन फॉग की पहचान के लिए कोई खास डायग्नोसिस नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को समझ कर इसका इलाज आसानी से किया जा सकता है.
- सांस फूलने की समस्या
- नींद न आने की समस्या
- हमेशा भ्रमित रहना
- एकाग्रता में कमी आना
- याद्दाश्त कमजोर होना
- दिनचर्या का धीमा होना
- थकावट और सुस्ती होना
- अव्यवस्थित जीवन
- बातचीत करने में दिक्कत होना
- काम करने की क्षमता में कमी
- कुछ दवाइयों के साइड इफेक्ट ब्रेन फॉग के रूप में उभर सकते हैं.
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ब्रेग फॉग से ऐसे करें बचाव
बता दें कि अगर आप ब्रेग फॉग से अपना बचाव करना चाहते हैं तो अपनी लाइफस्टाइल और खानपान में कुछ बदलाव करें. इसके लिए जरूरी है कि सही मात्रा में पानी पिएं, नींद पूरी करें, काम करते समय नियमित ब्रेक लेते रहें, योग और ध्यान करें. साथ ही खानपान का विशेष ख्याल रखें. क्योंकि इस दौरान खानपान का बहुत असर होता है. बता दें कि अधिक मात्रा में चीनी या कार्ब्स खाने से ब्लड शुगर क्रैश हो सकता है, जिससे ब्रेन फॉग के लक्षण बढ़ते हैं.
बता दें कि सही खानपान से ब्रेन फॉग को बढ़ने से रोका जा सकता है और ब्रेन फॉग से बचने के लिए आप इन फूड्स को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं-
- बीन्स- राजमा, पिंटो, नेवी या ब्लैक बीन्स आदि
- बैरीज- ब्लूबेरी और स्ट्राबेरी आदि
- ओमेगा 3 से भरपूर फिश- साल्मन, हेरिंग, सालडाइन, ट्राउट, टूना मछली आदि.
- हरी पत्तेदार सब्जियां- पालक, मेथी, केल आदि
- सिट्रस फ्रूट- संतरा, नींबू, अंगूर
- नट्स और सीड्स- अखरोट, फ्लैक्स सीड्स आदि
- साबुत अनाज- क्वीनोआ, जौ, फैरो आदि
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)
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क्या है ब्रेन फॉग? जिसके कारण कम हो जाती है सोचने-समझने की क्षमता, जानें लक्षण