डीएनए हिंदीः एक नार्मल ब्लड टेस्ट ये बता देगा कि क्या आपमें हाई कोलेस्ट्रॉल का रिस्क कितना है. अगर ब्लड टेस्ट में यह नजर आता है कि आपका एलडीएल या ट्राइग्लिसराइड का लेवल बॉर्डरलाइन पर है तो उसे आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है.
- कुल कोलेस्ट्रॉल 200 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (मिलीग्राम/डीएल)से अधिक
- एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल 100 मिलीग्राम/डीएल से अधिक
- 150 मिलीग्राम/डीएल से अधिक ट्राइग्लिसराइड्स
- एचडीएल (अच्छा) कोलेस्ट्रॉल 40 मिलीग्राम/डीएल से कम
लेकिन ये आंकड़े वास्तव में आपके स्वास्थ्य के लिए क्या मायने रखते हैं? हालांकि हाई कोलेस्ट्रॉल ऐसी चीज़ नहीं है जिसे आप दिन-प्रतिदिन नोटिस करें, लेकिन कोलेस्ट्रॉल का लेवल सही नहीं तो इसे नजरअंदाज करना हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा सकता है.
तो चलिए ग्रेटर नोएडा वेस्ट के फिजिशियन और डाबिटोलॉजिस्ट डॉ. आतीश आनंद से जानें उन सवालों के बारें में जानें जो अक्सर कोलेस्ट्रॉल को लेकर लोगों के मन में उठते हैं.
1. हाई कोलेस्ट्रॉल शरीर पर क्या प्रभाव डालता है?
हाई कोलेस्ट्रॉल होने से धमनियों में अकड़न और संकुचन हो सकता है. प्लाक का निर्माण - कोलेस्ट्रॉल, वसा, आपकी कोशिकाओं के अपशिष्ट उत्पादों, कैल्शियम और फाइब्रिन (एक प्रोटीन जो रक्त के थक्के में मदद करता है) का संयोजन - धमनियों में जमी ये वसा ब्लड फ्लो को अवरुद्ध कर देती है. इससे आपके मस्तिष्क या दिल तक ब्लड नहीं पहुंच पाता और स्ट्रोक या दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है.
2. हाई कोलेस्ट्रॉल क्यों होता है?
कई बार खानपान में अधिक फैट और खराब जीवनशैली इसके लिए जिम्मेदार होती है तो कई बार जेनेटिक भी होता है. वहीं अधिक वजन और धूम्रपान-शराब की लत भी इसके लिए जिम्मेदार होती है.
3. हेल्दी डाइट के बाद भी हाई कोलेस्ट्रॉल का क्या कारण है?
यदि आप स्वस्थ आहार खाते हैं और नियमित व्यायाम करते हैं लेकिन फिर भी हाई कोलेस्ट्रॉल है, तो आपका डीएनए आपकी जीवनशैली से बड़ा कारक हो सकता है. अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स की सिफारिश है कि सभी बच्चों को 9 से 11 साल की उम्र के बीच एक बार कोलेस्ट्रॉल जांच करानी चाहिए.
यदि आपका एलडीएल 100 से ऊपर है, तो इसे पहले से ही हाई माना जाता है. एएचए, अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी और नेशनल लिपिड एसोसिएशन जैसे प्रमुख हृदय समूहों के अनुसार, यदि यह 190 से अधिक है, तो आपके पास एफएच हो सकता है. यदि माता-पिता को एफएच है, तो उनके बच्चे को भी यह होने की संभावना है. एफएच होने का मतलब है कि हृदय रोग का खतरा उन लोगों की तुलना में 20 गुना अधिक है, जिन्हें उच्च कोलेस्ट्रॉल विरासत में नहीं मिला है.
4. क्या नेचुरली कोलेस्ट्रॉल कम किया जा सकता है?
कई लोगों के लिए रोजमर्रा की आदतों में सुधार करने से दवा के बिना कोलेस्ट्रॉल कम करने में काफी मदद मिल सकती है. इसमें डाइट से लेकर एक्सरसाइज तक शामिल है. रेड मीट और फुल फैट डेयरी प्रोड्क्ट को पूरी तरह से बंद करना होगा क्योंकि दोनों में संतृप्त वसा होती है जो कोलेस्ट्रॉल बढ़ाती है. नेशनल हार्ट, लंग एंड ब्लड इंस्टीट्यूट (एनएचएलबीआई) के अनुसार, लीन प्रोटीन - चिकन, टर्की, समुद्री भोजन - खाने और फलों, सब्जियों और दलिया से अपने आहार में अधिक घुलनशील फाइबर जोड़ने पर ध्यान केंद्रित करें. सप्ताह के अधिकांश दिनों में एरोबिक व्यायाम करने से भी कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद मिल सकती है.
5. क्या उच्च कोलेस्ट्रॉल से भी थकान होती है?
नहीं, उच्च कोलेस्ट्रॉल आमतौर पर थकान का कारण नहीं बनता है, लेकिन यह कोरोनरी धमनी रोग जैसे हृदय रोगों का कारण बन सकता है. इस हृदय स्थिति में, अतिरिक्त एलडीएल आपके हृदय की छोटी धमनियों में प्लाक के रूप में जमा हो जाता है, जिससे वे संकीर्ण और कठोर हो जाती हैं. इससे शरीर में रक्त प्रवाह कम हो जाता है, जिससे आपको थकान या सांस लेने में तकलीफ महसूस हो सकती है और सीने में दर्द हो सकता है.
अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन के अनुसार यदि आप उच्च कोलेस्ट्रॉल के इलाज के लिए स्टैटिन ले रहे हैं, तो संभावित दुष्प्रभाव थकान के साथ आ सकते हैं, जैसे स्मृति हानि, भूलने की बीमारी और भ्रम.
6. क्या उच्च कोलेस्ट्रॉल स्ट्रोक का कारण बन सकता है?
हां, यदि आपका कोलेस्ट्रॉल हाई है तो एएचए के अनुसार आपके रक्त में प्रसारित होने वाले अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल के कारण आपको स्ट्रोक का खतरा है. एलडीएल आपकी धमनियों में बनता है, जहां यह आपके मस्तिष्क सहित आपके शरीर में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों से भरपूर रक्त के प्रवाह को धीमा या अवरुद्ध कर देता है. जैसे-जैसे धमनियां संकीर्ण और सख्त हो जाती हैं, रक्त के थक्के रुकावट पैदा करने लगते हैं, जो मस्तिष्क तक पहुंचने पर स्ट्रोक का कारण बन सकता है.
7. क्या उच्च कोलेस्ट्रॉल बुरा महसूस कराता है?
नहीं, एएचए के अनुसार, अधिकांश लोगों के लिए, उच्च कोलेस्ट्रॉल का कोई लक्षण नहीं होता है. लेकिन जब यह आपके हृदय की बड़ी धमनियों में प्लाक जमा होने का कारण बनता है, तो कोरोनरी धमनी रोग हो सकता है, जिसमें एनजाइना (सीने में जकड़न), सीने में दर्द, अतालता (अनियमित दिल की धड़कन), और सांस की तकलीफ शामिल हो सकती है जिससे आपकी ऊर्जा में कम हो सकती है.
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, कोरोनरी धमनी रोग सबसे आम हृदय रोग है, लेकिन कई लोगों को दिल का दौरा पड़ने तक पता ही नहीं चलता कि उन्हें यह बीमारी है. एएचए आपके कोलेस्ट्रॉल की हर छह महीने में जांच कराने की सलाह देता है - या इससे अधिक बार, यदि आप जोखिम में हैं और जांच की शुरुआत 20 साल की उम्र से शुरू करें.
8. क्या उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तंभन दोष का कारण बन सकता है?
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डायबिटीज एंड डाइजेस्टिव एंड किडनी डिजीज के अनुसार अकेले उच्च कोलेस्ट्रॉल को इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ईडी) का कारण नहीं माना जाता है, लेकिन प्लाक-क्लॉज्ड धमनियां हो सकती हैं, क्योंकि इरेक्शन के लिए रक्त प्रवाह आवश्यक है. बहुत अधिक कोलेस्ट्रॉल शरीर की हार्मोन टेस्टोस्टेरोन, साथ ही नाइट्रिक ऑक्साइड का उत्पादन करने की क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है, जो लिंग के ऊतकों को आराम देने में मदद करता है. ये दोनों कारक ईडी को भी जन्म दे सकते हैं.
9.क्या तनाव उच्च कोलेस्ट्रॉल का कारण बनता है?
हालाँकि तनाव उच्च कोलेस्ट्रॉल का प्राथमिक कारण नहीं है, फिर भी यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर प्रभाव डाल सकता है. मई 2017 में जर्नल मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग काम या व्यक्तिगत कारणों से कारण तनाव का अनुभव करते थे, उनमें उच्च तनाव उच्च कोलेस्ट्रॉल के लिए एक जोखिम कारक था. 2017 के अध्ययन में पाया गया कि नियमित शारीरिक व्यायाम कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकता है.
10. उच्च कोलेस्ट्रॉल का इलाज के लिए दवा कब से लेना चाहिए?
यदि आपको दिल का दौरा पड़ा है, स्ट्रोक आया है या मधुमेह है या वंशानुगत उच्च कोलेस्ट्रॉल का खतरा है तो आपको बेहद सतर्क रहने की जरूरत होगी. ऐसे लोगों को डॉक्टर कई बार एक या अधिक कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाएं देते हैं. एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए स्टैटिन का जबरदस्त प्रभाव हो सकता है. यदि आप हाई रिस्क में हैं तो. सीडीसी के अनुसार, स्टैटिन से पहले हमेशा अन्य कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाओं में फाइब्रेट्स, नियासिन, पीसीएसके9 आदि कोलेस्ट्रॉल अवशोषण अवरोधक दवाओं को लेना चाहिए. यह डॉक्टर ही तय करता है कि कब आपको दवा लेने की जरूरत है और कब आप इसे नेचुरली कंट्रोल कर सकते हैं.
11. क्या हाई कोलेस्ट्रॉल के साथ लंबे समय तक जीवित रहा जा सकता है?
अनुपचारित या इलाज न किए गए उच्च कोलेस्ट्रॉल दिल के दौरे और स्ट्रोक के जोखिम का कारण होते हैं, लेकिन हाई कोलेस्ट्रॉल के साथ लंबा जीवन जीना भी संभव है, बशर्ते आप हृदय-स्वस्थ जीवनशैली का पालन करें और यदि आवश्यक हो तो दवा लें.
जर्नल सर्कुलेशन में अप्रैल 2018 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, एक स्वस्थ जीवनशैली जिसमें धूम्रपान या शराब न पीना, 45 मिनट की रोज की एक्सरसाइज और हेल्दी डाइट हो तो आसानी से आप कोस्ट्रॉल भी कंट्रोल करेंगे और स्वस्थ जिंदगी भी जी सकेंगे.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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