डीएनए हिंदीः प्रदूषण का स्तर जिस तरह से बढ़ रहा है उससे केवल लंग्स, अस्थमा या एलर्जी की समस्याएं ही नहीं बढ़ रही, बल्कि इससे आंख से लेकर स्किन और अब तो डायबिटीज तक के खतरे की बात की जा रही है. यानी केवल खराब लाइफस्टाइल ही नहीं, कई और कारण भी डायबिटीज की वजह बन सकते हैं. तो क्या सच में प्रदूषण डायबिटीज का खतरा बढ़ा रहा है?
एक नई रिसर्च के अनुसार वायु प्रदूषण भी डायबिटीज रोग होने के खतरे को बढ़ाता है. अगर आप ऐसी जगह ज्यादा रहते हैं जहां वायु प्रदूषण का स्तर ज्यादा है तो आपके डायबिटीज रोगी होने का चांसेज ज्यादा होगा. तो चलिए जानते हैं किस प्रकार प्रदूषण डायबिटीज के खतरे को बढ़ाता है और इससे कैसे बचा जा सकता है.
डायबिटीज के लिए जिम्मेदार बन रहा प्रदूषण
वायु प्रदूषण सिर्फ सांस से संबंधित बीमारियों या फेफड़ों को खराब करने के लिए ज़िम्मेदार नहीं होता, बल्कि यह शरीर की अंदरूनी ताकत और इम्युनिटी को भी कम कर देता है. खासकर जो लोग डायबिटीज के मरीज हैं उनमें प्रदूषण और खतरनाक असर दिखाता है.
वायु प्रदूषण कितना प्रभावित करता है
लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ की वेबसाइट पर पब्लिश रिपोर्ट में अमेरिकन एक्सपर्ट्स ने पाया कि अगर प्रदूषण का स्तर पीएम 2.5 या उससे ज्यादा है तो उससे डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है. हालांकि, इससे पहले भी कुछ अध्ययन किए जा चुके हैं जिसमें डायबिटीज और प्रदूषण के बीच गहरा संबंध बताया गया है.
भारत में स्थिति खराब
भारत में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और इस साल तो और भी खरतरनाक स्तपर पर पहुंच गया है. चीन के बाद भारत दूसरे नंबर पर आता है, जहां डायबिटीज के सबसे ज्यादा मरीज हैं, वहीं अमेरिका तीसरे नंबर पर आता है. इस साल हाल ही में दिल्ली में ही प्रदुषण का स्तर 400 का आंकड़ा पार कर गया है.
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एक्सपर्ट्स की राय
एक्सपर्ट डाक्टर अशोक झिंगन (Senior director BLK Max) ने बताया की वायु प्रदुषण के सम्पर्क में रहने के चलते डायबिटीज के मरीज़ों की resistence power कम हो सकती है यानी उनकी शरीर की कार्यक्षमता में कमी आ सकती है. बॉडी रेजिस्टेंस में कमी आने के चलते छाती, फेफड़ों में इन्फेक्शन हो सकती है .इन्सुलिन का रेजिस्टेंस बढ़ जाता है जिससे शुगर की ज़रूरत बढ़ जाती है.
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कैसे करें प्रदूषण से बचाव
हवा में मौजूद प्रदूषण से बचना थोड़ा मुश्किल तो होता है और यह निर्भर करता है कि आप घर के अंदर हैं या बाहर हैं। दोनों स्थितियों में प्रदूषण का बचाव करने के अलग-अलग तरीके हो सकते हैं.
अगर आप घर के अंदर रहें और बहुत जरूरी हो तो ही बाहर निकलें.
- दोपहर के बाद घर के सभी खिड़की व दरवाजे बंद कर दें और उन्हें रात में ही खोलें. रात के समय वायु प्रदूषण कम होता है, इसलिए आप खिड़की-दरवाजे खोल सकते हैं.
- अगर आप प्रदूषित क्षेत्र में रहते हैं, तो रोज सुबह-सुबह पार्क में जाने के बजाए घर पर ही गहरी सांस लें व व्यायाम करें.
- अपने घर पर हवा को शुद्ध करने वाले पौधे लगाएं जैसे एलोवेरा, पीस लिली और गोल्डन पैथोस आदि.
- घर के अंदर की हवा में नमी को नियंत्रित रखें क्योंकि ज्यादा और कम नमी भी हवा को प्रदूषित कर सकती है.
- घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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बढ़ता प्रदूषण बना देगा शुगर का मरीज, डायबिटीज रोगी के फेफड़ों में इन्फेक्शन खतरा भी दोगुना