डीएनए हिंदीः ब्लड शुगर हाई होना डायबिटीज में बहुत आम बात होती है लेकिन अगर फॉस्टिंग 130 mg/dLसे उपर हो और पीपी 200 mg/dLसे उपर तो ये खतरे का संकेत होता है. डायबिटीज रोगियों में अगर ये लंबे समय तक बना रहे तो इसका असर किडनी से लेकर नसों और हार्ट पर भी पड़ने लगता हैं. इंसुलिन प्रतिरोध के कारण या कई बार पेंक्रियाज से इंसुलिन का प्रोडक्शन कम होने के कारण ब्लड शुगर का लेवल हाई हो जाता है. डाइट और एक्सरसाइज पर ध्यान रखते हुए कुछ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां का भी सहारा लेना चाहिए.
नेचुरोपैथी विशेषज्ञ प्रीतिका मोजूमदार आपको सबसे दमदार आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाें के बारे में बता रही हैं जो ब्लड शुगर को कम करने में नेचुरल मेडिसिन का काम करती हैं. ये इंसुलिन के प्रतिरोध को सुधार करने और इसके प्रोडक्शन को बढ़ाने का भी काम करती हैं, तो चलिए जानें कि ये आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां, पत्ते और फल कौन-कौन से हैं.
इस जड़ी बूटी में छुपा है डायबिटीज का इलाज, इंसुलिन की कमी करता है पूरा
आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां और नेचुरल मेडिसिन जो शुगर करती हैं कम
6 बेलपत्र, 6 नीम के पत्ते, 6 तुलसी के पत्ते, 6 बेगनबेलिया के हरे पत्ते, 3 साबुत कालीमिर्च पीसकर खाली पेट, पानी के साथ लेने से डायबीटीज पर कन्ट्रोल किया जा सकता है. ध्यान रहे, इसे पीने के बाद कम से कम आधे घंटे तक कुछ भी न खाएं.
जामुन - जामुन के सीजन में जामुन को काला नमक लगा कर खाना डायबिटीज़ की बीमारी को कम करने में सहायक होता है . इसके अलावा जामुन की गुठली को सूखा कर उसको पीस कर चूर्ण बना लें और सुबह शाम हल्के गरम पानी के साथ 2 -2 चम्मच सेवन करने से आपको डायबिटीज़ की बीमारी में बहुत फायदा होगा .
अमलतास के पत्ते-अमलतास की कुछ पत्तियाँ धोकर उनका रस निकालें. इसका एक चौथाई कप प्रतिदिन सुबह खाली पेट पीने से शुगर के इलाज में फायदा मिलता है.
ग्रीन टी- इसमें उच्च मात्रा में पॉलीफिनॉल पाया जाता है. ये एक सक्रिय एंटी-ऑक्सीडेंट है. जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मददगार है. प्रतिदिन सुबह और शाम ग्रीन टी पीने से फायदा होगा .
सहजन - सहजन जिसको ज़्यादातर लोग ड्रमस्टिक्स के नाम से भी जानते हैं . यह दक्षिण भारत के भोजन में काम आती है और साथ ही आयुर्वेदिक दवाओं में काम आती है . सहजन की फली का सेवन और या फिर सहजन की पत्तियों के रस का सेवन भी डायबिटीज़ की परेशानी को कम करने में सहयोगी होता है .
दालचीनी- रक्त में शुगर के स्तर को कम रखने के लिए एक महीने तक अपने प्रतिदिन के आहार में एक ग्राम दालचीनी का प्रयोग करें. दालचीनी का इस्तेमाल आप शुगर की घरेलू दवा के रूप में कर सकते हैं.
आम के पत्ते- शुगर का स्तर कम करने के लिए आम के पत्तों का भी इस्तेमाल बहुत अच्छा होता है . रात भर 10-15 आम के पत्तों को 1 ग्लास पानी में भिगो कर रख दें और सुबह उस पानी का सेवन करें . यह डायबिटीज़ को कम करने में मददगार साबित होता है.
आंवला - 10 मिलीग्राम आंवले के जूस को 2 ग्राम हल्दी के पाउडर में मिलाकर सेवन सरने से डायबीटीज पर नियंत्रण पाया जा सकता है. इस घोल को दिन में दो बार लीजिए.
शलजम- शलजम को सलाद के रुप में या सब्जी बनाकर खाएँ. शुगर के इलाज के दौरान शलजम का सेवन काफी फायदेमंद होता है.
अलसी - प्रतिदिन सुबह खाली पेट अलसी का चूर्ण गरम पानी के साथ लेने से डायबीटीज को कम किया जा सकता है. अलसी में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जिसके कारण यह फैट और शुगर का उचित अवशोषण करने में सहायक होता है. अलसी के बीज डाइबीटीज़ के मरीज़ की भोजन के बाद की शुगर को लगभग 28 प्रतिशत तक कम कर देते हैं.
करेले का रस - रोजाना सुबह में करेले के रस का सेवन करना या करेले की सब्जी का सेवन करना भी डायबिटीज़ की बीमारी को नियंत्रित करने का काम करता है .
एक चम्मच ये आयुर्वेदिक चूर्ण खाते ही ब्लड शुगर होगा डाउन, डायबिटीज रोगी जान लें इसे बनाने का तरीका
मेथी- मेथी के दानें को रात को सोने से पहले एक गिलास पानी में डालकर रख दें. सुबह उठकर खाली पेट इस पानी को पिएँ और मेथी के दानों को चबा लें. नियमित रुप से इसका सेवन करने से डायबिटीज नियंत्रण में रहता है.
एलोवेरा - आंवले के रस में एलोवीरा का जूस मिला कर सुबह में सेवन करने से भी डायबिटीज़ की बीमारी में बहुत फायदा मिलता है .
तुलसी - तुलसी की पत्तियों में एंटी-ऑक्सीडेंट,एंटीबायोटिक , एंटीबैक्टीरियल , एंटीएजिंग,एंटीफ़ंगल गुण पाए जाते हैं. जिनसे इजिनॉल, मेथिल इजिनॉल और कैरियोफ़ैलिन बनते हैं. ये सारे तत्व मिलकर इन्सुलिन जमा करने वाली और छोड़ने वाली कोशिकाओं को ठीक से काम करने में मदद करते हैं. इसके अलावा इसमें कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो पैंक्रियाटिक बीटा सेल्स को इंसुलिन के प्रति सक्रिय बनाती हैं. ये सेल्स इंसुलिन के स्त्राव को बढ़ाती हैं. सुबह उठकर खाली पेट दो से तीन तुलसी की पत्ती चबाएं,या फिर आप चाहें तो तुलसी का रस भी पी सकते हैं .
इससे आपका ब्लड शुगर नियंत्रण में आ जाएगा . तुलसी के सेवन के साथ में यदि आप शुगर को कम करने वाली दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो ध्यान रखें और डॉक्टर्स से परामर्श जरूर लें . क्योंकि शुगर को तेजी से कम करने का काम करती है . तौर पर भोजन के बाद सौंफ का सेवन करें . सौंफ खाने से डायबिटीज नियंत्रण में रहता है. शुगर के रोगियों को इन घरेलू उपायों को अपनाने के साथ साथ परहेज का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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Diabetes Cure: ब्लड में इंसुलिन जैसा काम करती हैं ये जड़ी-बूटियां, डायबिटीज रोगियों का शुगर नहीं होगा कभी हाई