डीएनए हिंदीः देसी जड़ी-बूटियों में कई रोगों को जड़ से खत्म करने की शक्ति होती है. आज यहां जिस बूटी के बारे में बताने जा रहे हैं वह डायबिटीज में ही नहीं, लिवर से लेकर स्ट्रेस और मुहांसे जैसी समस्या को खत्म करने का काम करता है.
कालमेघ को चिरयता के नाम से भी जाना जाता है. ये स्वाद में जितना कड़वा होता है उतना ही डायबिटीज को रोगियों के लिए के फायदेमंद होता है. चरक संहिता में कालमेघ को 5 बीमारियों का काल बताया गया है. ये जड़ी शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने का काम करती है. इसके अलावा कालमेघ पेट से जुड़ी कई बीमारियों का भी इलाज करने में सक्षम है. तो चलिए जानें कि कालमेघ किन और बीमारियों में फायदेमंद है और इसका सेवन कब और कैसे करें.
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ब्लड साफ करती है
कालमेघ ब्लड प्यूरिफायर का भी काम करती हैइसके लिए रोजाना एक गिलास पानी में कालमेघ के पत्तों को उबाल लें और इसके काढ़े को पीएं. सर्दी जुकाम,फ्लू और मलेरिया में कालमेघ रामबाण औषधि है क्योंकि इसमें एंटी-वायरल गुण पाए जाते हैं.
बढ़ी शुगर कंट्रोल करती है कालमेघ
रोज सुबह कालमेघ का काढ़ा खाली पेट पीने की आदत डाल लें तो डायबिटीज में शुगर बड़ने की समस्या से निजात मिल जाएगा. कालमेघ के सूखे पत्तों का काढ़ा ब्लड में इंसुलिन को पहुंचाने के लिए पैन्क्रियाज में इसके प्रोडक्शन को बढ़ाने में मदद करता है, साथ ही ब्लड में मौजूद ग्लूकोज को शरीर से बाहर कर देता है. ये टाइप 1 और टाइप 2 दोनों में फायदेमंद होता है.
लिवर की समस्या होगी दूर
लिवर को डिटॉक्स करने के साथ ही कालमेघ पीलिया और पित्त को रेग्यूलेट करने में भी कारगर है. इसके अर्क के सेवन से लिवर और रीनल डैमेज से भी सुरक्षा मिलती है, जिसकी वजह से मलेरिया इंफेक्शन के दौरान व्यक्ति की मौत हो जाती है.
वेट लॉस में फायदेमंद
कालमेघ का पानी पीने से मेटाबॉलिक रेट में इजाफा होता है. मेटाबॉलिज्म बेहतर होने से वजन घटाने में मददमिलती है. मेटाबॉलिज्म तेज होने से फैट बर्निंग भी तेजी से होती है. इसके अलावा कालमेघ पेट से जुड़ी समस्या जैसे एसिडिटी, इनडाइजेशन, कॉन्स्टिपेशन को भी दूर करता है. पेट के ठीक तरह से काम करने से वेटलॉस की कोशिशों को कामयाबी मिलती है.
स्ट्रेस दूर करने वाला
जो लोग तनाव का शिकार होते हैं उनके लिए कालमेघ का काढ़ा स्ट्रेस बस्टर की तरह काम करता है. कालमेघ से स्वर्टिया मार्टिन नाम का तत्व प्रोड्यूस होता है. ये तत्व तनाव को कम कर ब्रेन को राहत देता है.
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मुंहासे और दाग को दूर करने वाला
कालमेघ के पानी से चेहरा धोने पर पिंपल्स और एक्ने से आराम मिलता है. स्किन पर होने वाली जलन, रूखापन या फिर खुजली की समस्या से भी कालमेघ राहत दिलाता है. कालमेघ रक्तशोधक यानि खून साफ करने वाली जड़ी है. जिसका असर स्किन पर भी दिखाई देता है.
कालमेघ कैसे खाना चाहिए
कालमेघ की पत्तियों को धो कर, पानी में भिगो दें.
कुछ देर पत्तियां भीगे रहने दें, फिर उबलने रख दें.
इसे तब तक उबालना है जब तक पानी एक चौथाई न रह जाए.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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बढ़ी शुगर के लिए काल है कालमेघ जड़ी, डायबिटीज जैसी 6 बीमारियों में है 'अमृत' समान