डीएनए हिंदी: डायबिटीज मरीजों को गर्मी के साथ ही मानसून में भी अपना खास ध्यान रखने की जरूरत है. इसकी वजह तेजी से फैलता डेंगू डायबिटीज मरीजों के लिए जानलेवा साबित होता है. इसकी वजह डायबिटीज मरीजों की इम्यूनिटी काफी कम रहती है. ऐसे में उन्हें संक्रमण होने के साथ ही डेंगू का खतरा भी बढ़ जाता है. डायबिटीज मरीज की नसें बहुत ही कमजोर और नाजुक रहती हैं. वही डेंगू के काटते ही ब्लड फ्लो हाई हो जाता है. ऐसी स्थिति में प्लेटलेट्स तेजी से गिरती हैं और ब्लड शुगर हाई हो जाता है. यह स्थिति बेहद गंभीर होती है. ऐसे में इंटरनल ब्लीडिंग का खतरा बना रहता है. रिकवरी में बहुत ज्यादा समय लगता है. इन सबसे बचने के लिए डायबिटीज मरीजों का मानसून के मौसम में खास ध्यान रखना चाहिए. 

डायबिटीज मरीज त्योहारों पर भूलकर भी न खाएं ये 5 चीज, नसों को फाड़ देगा ब्लड शुगर का हाई लेवल

नोएडा के सेक्टर 135 स्थित फेलिक्स अस्पताल के चेयरमैन डॉ डी के गुप्ता बताते हैं कि डायबिटीज मरीजों की नसें बहुत ही कमजोर हो जाती है. ऐसे में इंटरनल ब्लीडिंग का रिस्क भी बढ़ जाता है. यही नहीं, डायबिटीज के मरीजों को डेंगू से रिकवरी में काफी ज्यादा समय भी लगता है. डेंगू होने पर मरीज का मेटाबोलिक रेट बढ़ जाता है. इससे ब्लड शुगर भी तेजी से फ्लक्चुएट होता है. यह कुछ लोगों में हाई तो कुछ लो होने लगात है. इसके साथ ही प्लेटलेट काउंट तेजी से नीचे चली जाती है. इसके चलते रिकवरी भी काफी धीमी हो जाती है.

डेंगू शॉक सिंड्रोम का रहता है खतरा

डॉक्टर बताते हैं कि जिन डायबिटीज मरीजों का ब्लड शुगर बहुत हाई होता है. उन्हें डेंगू होने पर डेंगू शॉक सिंड्रोम विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है. इसकी वजह से  तेज बुखार, लिवर में नुकसान और बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हो सकती है. इस स्थिति में नाक और मसूड़ों से खून आ सकता है. इसमें लिम्फ और ब्लड कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है. साथ ही मरीज के अंदर संचार प्रणाली खत्म् होने लगती है. डॉक्टर बताते हैं कि अगर डेंगू शॉक सिंड्रोम को जल्द से जल्द कंट्रोल नहीं किया जाए तो यह बहुत ज्यादा ब्लीडिंग, सदमा आने से लेकर मरीज  की जान तक ले सकता है. 

जन्माष्टमी पर भगवान श्री कृष्ण को लगाया जाता है माखन-मिश्री का भोग, जानें सेहत के लिए है कितना फायदेमंद है ये Combination

हल्का सा बुखार आने पर भी कराएं जांच

डॉक्टर गुप्ता बताते हैं कि एक आम व्यक्ति के मुकाबले डायबिटीज मरीज को मानसून के मौसम में ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. इसके लिए उन्हें डेंगू के लक्षण जैसे हल्का बुखार, स्किन पर चकते जमने या कमजोरी व थकान महसूस होने पर ही डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए. डेंगू की जांच करानी चाहिए. ऐसी स्थिति में डेंगू शॉक सिंड्रोम को रोका जा सकता है. 

डेंगू से ऐसे करें अपना बचाव 

डायबिटीज मरीज डेंगू से खास बचाव करें. इसके लिए घर में रखें कूलर में पानी साफ करते रहें. छत से लेकर घर के किसी भी कोने पर में पानी जमा न होने दे. अगर घर में मच्छर ज्यादा हैं तो मच्छरदानी लगाकर ही सोएं. घर में रखें पौधे और गमलों पानी जमा न होने दें.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।) 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
diabetes patient at risk of dengue shock syndrome know the symptoms treatment platelets get down
Short Title
डायबिटीज मरीजों को होता डेंगू सिंड्रोम का खतरा
Article Type
Language
Hindi
Section Hindi
Created by
Updated by
Published by
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Diabetes Patient Increase Risk Of Dengue Shock Syndrome
Date updated
Date published
Home Title

डायबिटीज मरीजों को होता डेंगू सिंड्रोम का खतरा, प्लेटलेट्स कम होने के साथ हाई हो जाता है ब्लड शुगर, जानें इसकी वजह

Word Count
575