भारत समेत दुनियाभर में डायबिटीज (Diabetes) के मरीजों की संख्या बहुत ही तेजी से लगातार बढ़ रही है, आकड़ों की मानें तो भारत में पिछले चार सालों में डायबिटीज के मामलों में 44% की बढ़ोतरी हुई है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, खराब जीवनशैली (Bad Lifestyle) और खानपान के कारण लोग डायबिटीज की चपेट में आ रहे हैं. बता दें कि डायबिटीज के कारण आंखों, गुर्दे, नसों और दिल से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं...
इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) की तरफ से एक स्टडी सामने आई है, जिसमें यह बताया गया है कि डायबिटीज के कारण महिलाओं में गर्भाशय कैंसर (Uterine Cancer) का खतरा भी बढ़ सकता है, आइए जानते हैं क्या कहती है स्टडी...
Diabetes और Uterine Cancer के बीच क्या है कनेक्शन
स्टडी के मुताबिक डायबिटीज के कारण होने वाले हार्मोनल असंतुलन से कैंसर का खतरा बढ़ता है. इसके अनुसार शरीर में जब इंसुलिन लेवल हाई होता है तो इससे एस्ट्रोजन प्रोडक्शन बढ़ जाता है और यह गर्भाशय में सेल्स में बढ़ोतरी और डिवीजन को बढ़ावा दे सकता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ता है.
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वहीं टाइप 2 डायबिटीज वाले व्यक्तियों में इंसुलिन रेजिस्टेंस के कारण वजन बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है. शरीर की अतिरिक्त चर्बी ज्यादा एस्ट्रोजन प्रोडक्शन कर सकती है, जिससे यूटरीन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक डायबिटीज की वजह से शरीर में पुरानी सूजन की समस्या भी हो सकती है, जो कैंसर सेल्स को बढ़ावा देती हैं...
क्या हैं इसके लक्षण?
- पेट के निचले हिस्से में दर्द
- पीरियड्स पांच दिनों से ज्यादा समय तक होना
- मासिक धर्म के बीच में रक्तस्राव
- महिने में कई बार ब्लीडिंग या स्पॉटिंग होना
- लंबे समय तक ब्लीडिंग की समस्या
- मेनोपॉज के बाद महिलाओं को सफेद पानी आने की समस्या
- 40 के बाद होने भी रक्तस्राव होना.
- संबंध बनाने के बाद योनि के पास दर्द महसूस होना.
कैसे करें बचाव
- यूटरीन कैंसर से बचाव के लिए डायबिटीज के मरीज अपना ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रखें.
- हेल्दी डाइट और फिजिकल एक्टिविटी की मदद से अपना वेट मेंटेन रखें.
- डायबिटीज के मरीज हैं और स्मोकिंग करते हैं तो कैंसर का खतरा कम करने के लिए धूम्रपान छोड़ना जरूरी है.
- समय रहते गर्भाशय कैंसर का पता लगाना और इसके सही इलाज के लिए नियमित जांच करवाएं
- डायबिटीज की मरीज खासतौर से पैल्विक टेस्ट और पैप टेस्ट जरूर करवाएं.
- इस बीमारी से बचाव के लिए इसकी शुरुआती लक्षणों की पहचान जरूरी है.
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)
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Diabetes से बढ़ सकता है Uterine Cancer का खतरा? जानें क्या कहती है ICMR की स्टडी