डायबिटीज (Diabetes) उन समस्याओं में से एक है जिसका सामना आज ज्यादातर लोग कर रहे हैं. डायबिटीज में ब्लड शुगर (Blood Sugar) के स्तर को कम करने के कई तरीके हैं. इसमें एक्सरसाइज, हेल्दी फैट (Healthy Fat) और लो कार्ब्स डाइट (Low Carbs Diet) के साथ हाई फाइबर (High Fiber) और एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant) से भरपूर चीजें शुगर कम करने में मदद करती हैं. टाइप-2 डायबिटीज (Type-2 Diabetes) में नेचुरली इंसुलिन (Insulin) प्रतिरोध को कम करने के लिए आज आपको एक ऐसे आयुर्वेदिक पौधे (Ayurvedic Plants) से निकले जूस के बारे में बताएंगे जो ब्लड शुगर कम करगा. ये है बर्बेरिन (Berberine) जो शरीर में ग्लूकोज को प्रबंधित करने में मदद करता है.
बर्बेरिन का आयुर्वेद और पूर्वी एशियाई चिकित्सा जैसी पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में उपयोग होता रहा है. यह एक कड़वा स्वाद वाला रासायनिक यौगिक है जो विभिन्न प्रकार के पौधों से प्राप्त होता है, जैसे हाइड्रैस्टिस कैनाडेंसिस (गोल्डेंसियल), कॉप्टिस चिनेंसिस (कॉप्टिस या गोल्डनथ्रेड) और बर्बेरिस वल्गेरिस (बैरबेरी). शोध से पता चलता है कि बेर्बेरिन में रोगाणुरोधी और एंटीबायोटिक गुण हो सकते हैं, साथ ही चयापचय पर सकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है.
पोर्टलैंड, ओरेगॉन में नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ नेचुरल मेडिसिन (National University of Natural Medicine in Portland, Oregon) के अनुसार से ब्लड शुगर को कम करने , हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने, ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने और कोलेस्ट्रॉल को कम करने के साथ-साथ इसके दस्त-रोधी, सूजन-रोधी और कैंसर-रोधी प्रभावों के लिए किया जाता है. यह इंसुलिन उत्पादन बढ़ाता है और इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करता है. साथ ही हृदय की मांसपेशियों की ताकत में सुधार करके, सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव, ब्लड प्रेशर को कम करता है.
फ्रंटियर्स इन फार्माकोलॉजी में 2018 (Frontiers in Pharmacology in 2018) की समीक्षा के अनुसार बेर्बेरिन के एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव विटामिन सी के बराबर हैं, जो एक अत्यधिक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है. विटामिन सी और बर्बेरिन जैसे पदार्थ एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करते हैं ताकि मुक्त कणों से कोशिकाओं को होने वाले नुकसान से बचा जा सके.
टाइप 2 डायबिटीज तब होता है जब शरीर इंसुलिन प्रतिरोध के कारण खाने से चीनी को अवशोषित और उपयोग करने में असमर्थ होता है. लेकिन यह इंसुलिन प्रतिरोध चीनी के बढ़े हुए सेवन के कारण नहीं होता है. ये बढ़ती सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव के कारण होते हैं. यह निर्जलीकरण हृदय संबंधी बीमारियों, वजन बढ़ना, डिस्लिपिडेमिया और हार्मोनल असंतुलन सहित जटिलताओं को जन्म दे सकता है.
डायबिटीज में बेर्बेरिन कैसे है फायदेमंद
बर्बेरिन ब्लड शुगर के स्तर को प्रबंधित करने में मदद करता है.ये आंतों में चीनी के सुचारू अवशोषण में मदद करते हैं. ये लीवर में ग्लाइकोजेनोलिसिस को नियंत्रित करता है. यह एस्पार्टेट ट्रांसएमिनेज़ और एलानिन जैसे एंजाइमों के स्तर को कम करने में मदद करता है, जो ग्लूकोज को बढ़ने से रोकते हैं. बर्बेरिन एएमपी सक्रिय प्रोटीन काइनेज (एएमपीके) और माइटोजेन सक्रिय प्रोटीन काइनेज (एमएपीके) को भी नियंत्रित करता है.
कितना और कैसे लेना चाहिए बर्बेरिन
500 मिलीग्राम बर्बेरिन की खुराक लेना एक अच्छी शुरुआत हो सकती है. बर्बेरिन को अक्सर भोजन से 5 से 30 मिनट पहले पाचन टॉनिक के रूप में लिया जाता है.हालांकि, कोई भी सप्लीमेंट शुरू करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना ज़रूरी है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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ब्लड शुगर नहीं होता कंट्रोल तो इस आयुर्वेदिक जूस को पीएं, डायबिटीज में इंसुलिन प्रतिरोध होगा ठीक