डीएनए हिंदीः डायबिटीज में कई बार दवा या इंसुलिन भी वो काम नहीं कर पाती है जो एक खास तरह का पत्ता कर देता है. ये पत्ता हो आक का. आक के पत्ते के अर्क में एंटीऑक्सीडेंट और इनमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. साथ ही ये इंसुलिन डिफिशियंसी को भी दूर करता है जिससे शुगर कंट्रोल होता है.
आक के पत्तों का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में विभिन्न प्रकार की बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है. हाल ही में यह डायबिटीज में भी इसका मैजिकल इफ्केट देखने को मिला है. बता दें कि आयुर्वेद के स्वर्णभस्म में कैलोट्रोपिस गिगेंटिया (आक) होता है और इसका उपयोग डायबिटीज मेलेटस के उपचार में किया जाता है.आक पौधे की पत्तियों और फूलों से क्लोरोफॉर्म अर्क का उपयोग किया और चूहों में इसका प्रयोग किया गया और डायबिटीज ग्रस्त चूहों को ये अर्क दिया गया. अध्ययन से पता चला कि अर्क इंसुलिन-प्रेरित प्रतिरोध को रोकता है.
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क्या आक के पत्तों के और भी फायदे हैं?
आक की पत्तियां एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती हैं और इसमें सूजन-रोधी गुण भी होते हैं. इनका उपयोग रुमेटीइड गठिया, ब्रोन्कियल अस्थमा और नर्वस संबंधी विकारों के इलाज में किया जाता है.आक के पौधों की जड़ों का उपयोगकुष्ठ रोग, एक्जिमा, अल्सरेशन, दस्त, सिफलिस, एलिफेंटियासिस और खांसी के इलाज में किया जाता है. जड़ों के अल्कोहल अर्क में एंटी-पायरेटिक और एनाल्जेसिक होते हैं और यही मेडिसिनल गुण बीमारियों की दवा हैं.
बता दें कि पत्तियों और पौधों के दूधिया रस को गैस्ट्रिक जलन पैदा करने वाला बताया गया है. हालांकि,आक के पौधे में अमीबिक, घाव भरने वाला और लीवर-सुरक्षात्मक गुण पाया जाता है.
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शुगर कंट्रोल के लिए इन चीजों का करें सेवन
रक्त शर्करा के स्तर को कम करने के लिए अपने भोजन में भिंडी, मेथी (बालों के लिए मेथी का तेल) , जामुन (जावा प्लम), करक्यूमिन यानी हल्दी, जिम्नेमा, दालचीनी, लाल मिर्च, तुलसी, शिलाजीत, अरुगुला और तेज पत्ते शामिल जरूर करें.
आक के पत्तों का उपयोग कैसे करें?
यदि आप आक लेना चाहते हैं तो इसे डॉक्टर के निर्देशन पर ही लें. पौधे के विभिन्न भाग, जैसे कि पत्तियां, जड़ें या फूल का रस खुद से न लें ये किसी आयुर्वेदाचार्य से ही लें. प्रत्येक भाग का अलग प्रभाव हो सकता है, इसलिए यह जानना जरूरी है कि कौन सा भाग सुरक्षित और डायबिटीज के लिए प्रभावी है. इसका इस्तेमाल पाउडर, चाय या काढ़ा के रूप में किया जा सकता है. कितनी माता में सेवन करना है इसके लिए आपकी आयु, वजन, स्वास्थ्य स्थिति और तैयारी का तरीका जानना जरूरी है.
इस विधि से भी करें इस्तेमाल
आक के पौधे की दो पत्तियां लें और उन्हें विपरीत दिशा से पैर के तलवे पर रखें.
मोज़े पहनें और सुनिश्चित करें कि पत्तियां तलवों के पूर्ण संपर्क में हों.
इसे पूरे दिन या रात तक रखें और बाद में पैर धो लें. इस प्रक्रिया को कम से कम एक सप्ताह तक प्रयोग करें.
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सावधानी
आक के पत्तों का दूध जहरीला होता है. इसलिए, आपको इसका कच्चा सेवन नहीं करना चाहिए और अपनी आंखों के संपर्क में आने से बचना चाहिए. उन्होंने कहा, "यह बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को नहीं दिया जाना चाहिए.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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डायबिटीज में इंसुलिन का इंजेक्शन भी जब नहीं करता काम तब इस पत्ते का रस शुगर करता है कंट्रोल