डीएनए हिंदी: अगर आपकी हाथों की पकड़ मजबूत नहीं है तो ये आपके बीमार होने का संकेत हो सकता है. दिल्ली के डॉक्टरों ने इस मामले पर बाकायदा रिसर्च की है और ये साबित किया है कि अगर आपकी हाथों की ग्रिप यानी पकड़ सही नहीं है या धीरे धीरे कम होती जा रही है तो आपको आपको डायबिटीज, दिल की बीमारी, स्ट्रोक, किडनी-लिवर डैमेज, फ्रैक्चर, कमजोर हड्डियां और कुछ तरह के कैंसर जैसी बीमारियां बीमारियां हो सकती हैं.
दिल्ली के अपोलो अस्पताल के आर्थोपेडिक सर्जन डॉ राजू वैश्य और फोर्टिस अस्पताल सी डॉक डायबिटीज़ सेंटर के हेड डॉ अनूप मिश्रा की इस रिसर्च को हाल ही में पब्लिश किया गया है. डॉ राजू वैश्य के मुताबिक हाथों की पकड़ कमजोर होने का मतलब ये भी लगाया जा सकता है कि आपको बार बार बीमारियों की वजह से अस्पताल में भर्ती होने की जरुरत पड़ने वाली है. दरअसल हाथों की पकड़ कमजोर होने को मेडिकल भाषा में सारकोपीनिया बीमारी का नाम दिया गया है. इस बीमारी में धीरे धीरे मांसपेशियों की ताकत कमजोर होने लगती है और उनके काम करने की क्षमता कम होने लगती है. ऐसी बीमारी के शिकार लोगों में दिल का मरीज होने का खतरा भी ज्यादा रहता है.
सेहतमंद होने के चार खास पैमाने माने गए हैं
1) नॉर्मल बॉडी टेम्परेचर: 98.6 F / 37 degree celsius
2) नॉर्मल ब्लड प्रेशर लेवल: 120/80 mmHg
3) नॉर्मल सांस लेने की गति: हर मिनट 12–18 बार सांस लेना
4) नॉर्मल हार्ट रेट: 60–100 घड़कने प्रति मिनट
अब एक्सपर्ट्स इन चार मानकों के अलावा
अब एक्सपर्ट्स इन चार मानकों के अलावा शरीर में ब्लड शुगर और ऑक्सीजन की मात्रा को भी मानक मानने पर जोर देने लगे हैं. हैंड ग्रिप टेस्ट को सातवें स्टैंडर्ड के तौर पर देखा जा रहा है. इसके जरिए ये पता चल सकेगा कि मरीज की सेहत का हाल क्या है.
कैसे पता करें हाथों की पकड़ की मजबूती
44 साल के पुरुष में अगर 27 किलो वजन उठाने या होल्ड करने की क्षमता नहीं है और महिलाओं में 18 किलो वज़न उठाने या होल्ड करने की क्षमता नहीं है तो इसका मतलब है कि उनकी मांसपेशियों की ताकत कम हो चुकी है. इस समस्या को समझने के लिए हड्डी रोग विशेषज्ञ हैंड ग्रिप टेस्ट करने की सलाह देते हैं. ये टेस्ट एक डायमनोमीटर की मदद से किया जा सकता है कि जिसे हाथ में पकड़ाकर हाथों की ताकत का एक पैमाना स्केल पर नापा जा सकता है. जिन लोगों को मांसपेशियां और हाथों में कमजोरी की शिकायत हो चुकी है उनके लिए एक्सपर्ट्स कुछ सलाह देते हैं.
समस्या से ऐसे मिलेगी निजात
डॉ अनूप मिश्रा के मुताबिक ऐसे लोगों को वजन पर कंट्रोल करना चाहिए और सैर करने के अलावा ऐसे मरीजों को रेजिस्टेंस एक्सरसाइज करनी चाहिए, जिसमें वज़न उठाना यानी वेट लिफ्टिंग, और Theraband यानी कि एक रबर की फ्लेक्सिबल रस्सी जैसे स्ट्रैप से हाथों की ग्रिप के लिए एक्सरसाइज़ करने की जरुरत होती है. इसके अलावा कुछ लोग प्लास नुमा एक डिवाइस से भी हाथों की एक्सरसाइज़ कर सकते हैं.
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कहीं आपकी हाथों की पकड़ कमजोर नहीं, हो सकती हैं ये गंभीर बीमारियां