डीएनए हिन्दी : इस वक़्त जब हमसब एक भीषण महामारी के दंश से बस निकले ही हैं और जिस डर में अब भी हैं, उसे देखते हुए यह ज़रूरी हो गया है कि स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जाए.

ज़रूरत से अधिक वजन सेहत को बेहद अधिक नुकसान पहुंचाने वाले कारकों में  माना जाता है, पर वजन कम करने का कोई आसान रास्ता नहीं. या तो डाइटिंग शुरु किया जाए, जिसके कई नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं. ख़ूब सारा व्यायाम ख़ूब सारा धीरज भी मांगता है. ऐसे में एक आसान रास्ते की तलाश ख़ूब बढ़ जाती है, जिसमें स्वास्थ्य की हानि भी न हो और वजन भी आसानी से कम हो जाए. कैलरी डेफिसिट वही आसान रास्ता है.

क्या होता है कैलरी डेफिसिट

खाने से मिलने वाली एनर्जी को कैलरी में गिना जाता है. कैलरी डेफिसिट शरीर के द्वारा खर्च की जाने वाली कुल कैलरी से कम एनर्जी लेना है.

शरीर में एनर्जी की खपत तीन तरीके से होती है. सोता हुआ शरीर सांस लेने, रक्त संचरण जैसी प्रक्रिया में ऊर्जा की खपत करता है. शरीर पाचन प्रक्रिया में भी अच्छी मात्र में ऊर्जा की खपत करता है. इसके अतिरिक्त चलते, कुछ काम करते शरीर के द्वारा खर्च की गयी एनर्जी एक्टिव एनर्जी बर्निंग कहलाती है.

कैलरी डेफिसिट में शरीर की कुल आवश्कयता को तय करके उससे कुछ कम टोटल कैलरी वाला फ़ूड मेनू तैयार किया जाता है. फ़ूड कैलरी का पाँच सौ यूनिट तक कम होना न तो भूख पर उल्टा असर डालता है, न ही सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है.

क्या कैलरी डेफिसिट से वजन कम होने की सारी प्रक्रियाएं पूरी हो जायेंगी?

ज़रूरत से कम कैलरी का उपभोग शरीर को सेहतमंद तरीके से वजन घटाने में मदद करता है किन्तु अगर इसे व्यायाम का साथ मिले तो यह प्रक्रिया अधिक स्वास्थ्यवर्धक हो जाती है. व्यायाम से न केवल हृदय को बेहतर हालत में रखा जा सकता है बल्कि कैलरी बर्निंग की प्रक्रिया को भी तेज़ किया जा सकता है. शुरुआत हलकी दौड़ या साइकिल चलाने जैसे हलके व्यायामों से की जा सकती है.

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कैलरी कम करके हो जाएँ पतले
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