डीएनए हिंदी : अमेरिकी कथाकार अर्नेस्ट हेमिंग्वे की कहानी 'दूसरे देश में' की दूसरी किस्त तक में आप पढ़ चुके हैं कि एक अस्पताल में युद्ध पीड़ित कुछ लोगों का इलाज चल रहा है. मेजर, डॉक्टर और कथावाचक के संवादों और कहानी के माहौल से यह समझ में आता है कि ये पीड़ित मानसिक रूप से टूटे-बिखरे लोग हैं. इनके अलग-अलग सपने थे. कोई चित्रकार बनना चाहता था तो कोई सैनिक. किसी की इच्छा वकील बनने की थी. कहानी के तीसरी किस्त में पढ़ें पात्रों की मनोदशा का विशद चित्रण.

दूसरे देश में (तीसरी किस्त)

उन्होंने उसके चेहरे को पुनर्निर्मित कर दिया, लेकिन वह एक बेहद प्राचीन परिवार से आता था और वे उसकी नाक को कभी ठीक-ठीक नहीं सुधार सके. वह दक्षिणी अमेरिका चला गया और एक बैंक में काम करने लगा. पर यह बहुत समय पहले की बात थी और तब हममें से कोई नहीं जानता था कि बाद में क्या होने वाला था. तब हम केवल यही जानते थे कि युद्ध हमेशा रहने वाला था पर हम अब वहां दोबारा नहीं जाने वाले थे.

हम सभी के पास एक जैसे तमगे थे, उस लड़के को छोड़कर जो अपने चेहरे पर काला रेशमी रूमाल बांधता था और वह मोर्चे पर तमगे ले सकने जितनी देर नहीं रहा था. निस्तेज चेहरे वाला लंबा लड़का, जिसे वकील बनना था, आर्दिती का लेफ्टिनेंट रह चुका था और उसके पास वैसे तीन तमगे थे जैसा हम में से प्रत्येक के पास केवल एक था. वह मृत्यु के साथ एक बेहद लंबे अरसे तक रहा था और थोड़ा निर्लिप्त था. हम सभी थोड़े निर्लिप्त थे और ऐसा कुछ नहीं था जो हमें एक साथ रखे हुए था, सिवाय इसके कि हम प्रत्येक दोपहर अस्पताल में मिलते थे. हालांकि, जब हम शहर के निष्ठुर इलाके के बीच से अंधेरे में कोवा की ओर चल रहे होते, और शराबखानों से गाने-बजाने की आवाजें आ रही होतीं और कभी-कभी सड़क पर तब चलना पड़ता जब पुरुषों और महिलाओं की भीड़ फुटपाथ पर ठसाठस भर जाती तो हमें आगे निकलने के लिए उन्हें धकेलना पड़ता. तब हम खुद को किसी ऐसी चीज के कारण आपस में जुड़ा महसूस करते जो उस दिन घटी होती और जिसे वे लोग नहीं समझते थे जो हमसे नफरत करते थे.

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हम सब खुद कोवा के बारे में जानते थे जहां पर माहौल शानदार और गरम था और ज्यादा चमकीली रोशनी नहीं थी और मेजों पर हमेशा लड़कियां होती थीं और दीवार पर बने रैक में सचित्र अखबार होते थे. कोवा की लड़कियां बेहद देशभक्त थीं और मैंने पाया कि इटली में कॉफी-हाउस में काम करने वाली लड़कियां सबसे ज्यादा देशभक्त थीं - और मैं मानता हूं कि वे अब भी देशभक्त हैं.

शुरू-शुरू में लड़के मेरे तमगों के बारे में बेहद शिष्ट थे और मुझसे पूछते थे कि मैंने उन्हें पाने के लिए क्या किया था. मैंने उन्हें अपने कागज दिखाए, जो बड़ी खूबसूरत भाषा में लिखे गए थे, पर जो विशेषणों को हटा देने के बाद वास्तव में यह कहते थे कि मुझे तमगे इसलिए दिए गए थे कि मैं एक अमेरिकी था. उसके बाद उनका व्यवहार थोड़ा बदल गया, हालांकि बाहरी व्यक्तियों के विरुद्ध मैं उनका मित्र था. जब उन्होंने प्रशंसात्मक उल्लेखों को पढ़ा उस के बाद मैं एक मित्र तो रहा पर मैं दरअसल उनमें से एक कदापि नहीं था, क्योंकि उनके साथ दूसरी बात हुई थी और उन्होंने अपने तमगे पाने के लिए काफी अलग तरह के काम किए थे. मैं घायल हुआ था, यह सच था; लेकिन हम सभी जानते थे कि घायल होना आखिरकार एक दुर्घटना थी. हालांकि मैं फीतों के लिए कभी शर्मिंदा नहीं था और कभी-कभार कॉकटेल पार्टी के बाद मैं कल्पना करता कि मैंने भी वे सभी काम किए थे जो उन्होंने अपने तमगे लेने के लिए किए थे; पर रात में सर्द हवाओं के साथ खाली सड़कों पर चल कर जब मैं घर आ रहा होता और सभी दुकानें बंद होतीं और मैं सड़क पर लगी बत्तियों के करीब रहने की कोशिश कर रहा होता, तब मैं जानता था कि मैं ऐसे काम कभी नहीं कर पाता. मैं मरने से बेहद डरता था और अक्सर रात में बिस्तर पर अकेला पड़ा रहता था, मरने से डरते हुए और ताज्जुब करते हुए कि जब मैं मोर्चे पर दोबारा गया तो कैसा हूंगा. (जारी)

कहानी 'दूसरे देश में' की पहली किस्त
कहानी 'दूसरे देश में' की दूसरी किस्त
कहानी 'दूसरे देश में' की चौथी किस्त
कहानी 'दूसरे देश में' की पांचवीं किस्त

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अर्नेस्ट हेमिंग्वे की कहानी 'दूसरे देश में' की तीसरी किस्त.
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DNA Lit में पढ़ें अमेरिकी कहानी 'दूसरे देश में' की तीसरी किस्त

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