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नहीं रहे Hastimal Hasti, जगजीत सिंह से लेकर पंकज उधास तक ने गाई हैं इनकी गजलें

मशहूर साहित्यकार हस्तीमल हस्ती का सोमवार 24 जून को मुंबई में 78 वर्ष की आयु में निधन हो गया है. हस्तीमल हस्ती पिछले 5 दशक से मुंबई में सक्रिय रहकर साहित्य सेवा में लगे थे.

साहित्य अकादेमी पुरस्कार 2024 की घोषणा, हिंदी में गगन गिल और अंग्रेजी के लिए ईस्टरिन किरे को सम्मान

साहित्य अकादेमी के सचिव ने कहा कि बांग्ला, डोगरी और उर्दू में पुरस्कारों की घोषणा बाद में की जाएगी. नई दिल्ली में 8 मार्च, 2025 को लेखकों को पुरस्कार दिया जाएगा.

Book Review: शंभु बादल की कविताओं में मुखर है झारखंडी आवाज

Book Review: शंभु बादल की कविता 'गुजरा' उस स्वर का एक्स्टेंशन दिखती है जो 'कोल्हा मोची' में सुनाई पड़ता है. 'कोल्हा मोची' में कवि दिकुओं की पहचान करने को कहता है, लेकिन 'गुजरा' कविता में पहुंच कर कवि चाहता है कि हम खुद की पहचान करें, अपनी खूबियों की पहचान करें, अपने महत्त्व की पहचान करें.

Book Review : मानवीय चिंताओं से लबरेज कविता संग्रह 'मनुष्य न कहना'

Book Review: ममता जयंत के कविता संग्रह 'मनुष्य न कहना' की कई कविताएं अपील करती हैं. 'तुम भगवान तो नहीं' शीर्षक कविता आज की राजनीति की ओर इशारा करती है और यह भी बताती है कि कवि इस स्थिति से नाखुश है.

Book Review : सही और गलत के बीच का द्वंद ढूंढती है सबाहत की किताब - 'मुझे जुगनुओं के देश जाना है'

शायद ही कोई दिन बीतता हो जब हिंदी साहित्य जगत से कोई किताब न आती हो. चंद ही किताबें ऐसी हैं जो अपना असर छोड़ने में कामयाब हैं. सबाहत आफरीन की किताब मुझे जुगनुओं के देश जाना है' का भी मामला कुछ ऐसा ही है.किताब एक ऐसा दस्तावेज है जो तमाम स्त्री पात्रों के भीतर की छटपटाहट दर्शाता है.

'रोने के लिए हम एकांत ढूंढते हैं, हंसने के लिए अनेकांत', पढ़िए हिंदी के 5 Best-Selling उपन्यास

इन उपन्यास को पढ़कर आप भावनाओं और संवेदनाओं के तिलिस्म में खो जाएंगे. इसे पढ़ते हुए आपकी नजर कागज के पन्नों पर होती है, और दिमाग ताकतवर तस्वीरों को गढ़ रहा होता है. ये तस्वीरें आपके जेहन में हमेशा के लिए छप जाती हैं. आइए हिंदी के सबसे ज्यादा बिकने वाले ऐसे उपन्यास के बारे में जानते हैं.

हिंदी की वो 5 किताबें जिनपर लगा 'Vulgar' होने का टैग, हुआ खूब बवाल लेकिन रहीं Hit

वो 5 किताबें जिनके छपने के बाद न केवल खलबली मची, बल्कि इन्हें लिखने वाले लेखकों को वल्गर या ये कहें कि अश्लील होने का टैग भी मिला. इन तमाम किताबों को लेकर दिलचस्प ये है कि भले ही एक समय में इन किताबों का जबरदस्त विरोध हुआ, लेकिन बाद में ये किताबें जबरदस्त हिट साबित हुईं.

'जाति के बारे में सार्वजनिक रूप से नहीं कर सकते बात...' प्रेमचंद जयंती पर मनोज झा ने पूछे गंभीर सवाल

मुंशी प्रेमचंद की जयंती के मौके पर हंस पत्रिका द्वारा 39वीं वार्षिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. संगोष्ठी का विषय रहा, समाज से सियासत तक- कैसे टूटे जाति? इस अहम विषय पर तमाम प्रख्यात लोगों ने अपनी राय रखी.

5 डरावनी किताबें जो आपको रात भर सोने नहीं देंगी

भय की तीव्र भावनाओं को जगाने की क्षमता हॉरर साहित्य को एक अनूठी विधा बनाती है. आज हम ऐसी ही 5 हॉरर किताबों की चर्चा करने जा रहे हैं.

सफल जीवन का राज़ बताती हैं Swami Vivekananda की ये 5 बेशकीमती किताबें

Swami Vivekananda Books : अक्सर देखा गया है कि सफलता पाने के लिए लोग इधर-उधर भागते हैं, तरह-तरह के जतन करते हैं. सफलता की तलाश करते लोगों को स्वामी विवेकानन्द द्वारा लिखी इन 5 किताबों को जरूर पढ़ना चाहिए. यकीनन ये किताबें किसी इंसान का जीवन बदल देंगी.