साधु का घोड़ा चुराकर पछताया डाकू, एक रात में हुई घर वापसी
Haar Ki Jeet: 'हार की जीत' सुदर्शन की हिंदी में लिखी पहली कहानी है जो 1920 में 'सरस्वती' पत्रिका में प्रकाशित हुई थी. इसे पढ़ते हुए महसूस करेंगे कि हर इन्सान में इन्सानियत होती है. वक्त के थपेड़ों से वह भले दब जाती है, पर हल्की सी कोई कौंध सामने आती है और डाकू को भी नेकदिल इन्सान बना जाती है.
अफवाह ऐसी फैली और लोग इतने डर गए कि गांव छोड़कर लगे भागने
Don't Spread Rumors: डरे हुए लोगों को गर्मी भी असामान्य लगती है और किसी चिड़िया के चौपाल पर उतरना भी. जबकि ये दोनों चीजें उस गांव में सामान्य हैं. गर्मी भी रोज होती रही थी और इस तरह चिड़िया भी हमेशा उतरती रही है. लेकिन डरे हुए लोगों को ये नजारे थोड़े अचरज भरे और असामान्य लगते हैं.
अफवाहों में लगे होते हैं पंख, बड़ी तेजी से अपने कब्जे में कर लेती हैं पूरा गांव
Don't Spread Rumors: रिश्तेदार इसे सुनती है और गोश्त खरीदने चली जाती है. वह कसाई से बोलती है 'एक पाउंड गोश्त दे दो या ऐसा करो कि जब गोश्त काटा ही जा रहा है तब बेहतर है कि दो पाउंड... मुझे कुछ ज्यादा दे दो, क्योंकि लोग यह कहते फिर रहे हैं कि गांव के साथ कुछ बहुत बुरा होने वाला है.'
और ऐसे फैल गई अफवाह... महिला ने देखा बुरा सपना और अनहोनी की आशंका से डर गया पूरा गांव
Don't Spread Rumors: 'गांव में कुछ बहुत बुरा होने वाला है' मार्केज की लाजवाब कहानियों में एक है. इस कहानी में उन्होंने अफवाह फैलने के सामाजिक और मनोवैज्ञानिक वजहों की अभिव्यक्ति बहुत सहज तरीके से की है. उन्होंने दिखाया है कि एक बुरे सपने की कहानी कैसे बुरा होने की आशंका में तब्दील होती है.
इस यहूदी बच्चे का साहस और संघर्ष आपको कर सकता है प्रेरित
Maxim Gorky: गोर्की का लिखा 'मेरा बचपन' के सारे चरित्र तत्कालीन संघर्षों और कठिनाइयों का ब्योरा पेश करने जैसे हैं. अपने अंतिम उपन्यास 'द लाइफ ऑफ क्लीम समगीन' में गोर्की ने पूंजीवाद के उत्थान और पतन की कहानी है. गोर्की ने इसे विकास का नाम दिया है.
क्यों रो रहा था वो घुंघराले बालों वाला यहूदी लड़का?
Maxim Gorky Story: कहने की जरूरत नहीं कि मैक्सिम गोर्की की आस्था मार्क्सवाद में गहरे थी. 'वह लड़का' कहानी भी आर्थिक विषमता की ओर इशारे करती है, मेहनतकश बच्चे के साहस का वर्णन करती है. यह वर्णन ऐसा है कि आप भी उत्साह से भर जाएं. पढ़ें 'वह लड़का' की दूसरी किस्त.
'वह लड़का' कितना करिश्माई है, बेजान मन में जान भर देने वाला - जानें कौन है वो
Maxim Gorky Story: मैक्सिम गोर्की का भरोसा मार्क्सवाद में रहा. 1884 में गोर्की का मार्क्सवादियों से परिचय हुआ और महज चार साल बाद यानी 1888 में गोर्की पहली बार गिरफ्तार किए गए. 1892 में गोर्की की पहली कहानी "मकर छुद्रा" छपी. गोर्की की शुरुआती रचनाओं में रोमांसवाद और यथार्थवाद का मेल दिखाई देता है.
क्या मुझे उसके साथ सोना चाहिए था? जानें, आखिर यह द्वंद्व क्यों आया
DNA Lit Daily Story: हालांकि किसी कस्टमर से निजी रिश्ते बनाना कंपनी के नियमों के खिलाफ है. फिर भी कथावाचक उस महिला का आमंत्रण स्वीकार कर लेता है और महिला के आमंत्रण पर उसके घर जाता है. पढ़ें इसके बाद क्या हुआ.
अकेली महिला ने आखिर क्यों बुलाया 'उसे' अपने घर, जानें मन में क्या चल रहा था
DNA Lit Daily Story: उस समय मुझे इसका एहसास नहीं हुआ, लेकिन ये महिलाएं एकाकी थीं (वैसे ही सोसायटी के पुरुष सदस्य भी थे). वे लिखना चाहते थे लेकिन कोई ऐसा नहीं था जिसे वे लिखते. वे इस तरह के लोग नहीं थे जो किसी रेडियो उद्घोषक को प्रशंसक के रूप में पत्र भेजते.
'एक खिड़की' से महसूस करें Valentine's Week में प्रेम की गर्माहट
DNA Lit Daily Story: ऐसा नहीं था कि मैं वहां रेस्टोरेंट की आंतरिक सज्जा अथवा परिचारिकाओं की टांगों के अध्ययन के विशेष उद्देश्य से गया था. मैं तो वहां मात्र एक ही कारण से गया था, और वह था हैमबर्गर स्टेक खाना - न तो टेक्सास स्टाइल का, न कैलिफोर्निया स्टाइल का, बस सादा, सामान्य हैमबर्गर स्टेक.