आज की तेज रफ्तार जिंदगी में कई लोग मानसिक तनाव, चिंता और अवसाद जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं. चिकित्सा विज्ञान में इसके लिए कई दवाएं उपलब्ध हैं, लेकिन वे केवल मूड को बेहतर बनाने का काम करती हैं, समस्या के मूल कारण को संबोधित नहीं करती हैं. ज्योतिष और वास्तु के अनुसार, हमारे ग्रहों की स्थिति का हमारी भावनाओं पर गहरा प्रभाव पड़ता है.
यदि किसी व्यक्ति के घर में चंद्रमा, शनि, राहु, केतु या अन्य ग्रह अशुभ स्थिति में हों तो इससे मानसिक परेशानी, चिंता और अवसाद हो सकता है. ज्योतिषाचार्य अंशुल त्रिपाठी बता रहे हैं कि अवसाद और चिंता के लिए कौन से ग्रह जिम्मेदार हैं और उनके प्रभाव को कम करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं...
अवसाद और चिंता से जुड़े ग्रह
चंद्रमा: यह हमारे मन और भावनाओं को नियंत्रित करता है. चंद्रमा के अशुभ होने पर व्यक्ति बहुत संवेदनशील हो जाता है, छोटी-छोटी बातों पर परेशान हो जाता है, तथा भावनात्मक असंतुलन का अनुभव करता है.
शनि: जब शनि खराब स्थिति में हो तो व्यक्ति भविष्य को लेकर बहुत चिंतित रहने लगता है. वह हमेशा इस बात से डरता रहता है कि कल क्या होगा.
राहु: राहु भ्रम और अनिश्चितता का ग्रह है. जब इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, तो व्यक्ति वास्तविकता से अलग हो जाता है और काल्पनिक भय और शंकाओं से ग्रस्त हो जाता है.
केतु: केतु के अशुभ होने पर व्यक्ति दुनिया से अलग-थलग हो जाता है, किसी भी चीज में उसकी रुचि खत्म हो जाती है और वह सामाजिक दूरी बनाकर रखता है.
बृहस्पति: यह आत्मविश्वास और ज्ञान का ग्रह है. गुरु के कमजोर होने पर व्यक्ति स्वयं को असहाय और शक्तिहीन महसूस करने लगता है, जिससे अवसाद की स्थिति पैदा हो सकती है.
मंगल और सूर्य: जब ये ग्रह असंतुलित होते हैं, तो व्यक्ति में क्रोध और अधीरता बढ़ जाती है, जिससे मानसिक तनाव बढ़ सकता है. जब ये दोनों ग्रह मजबूत होते हैं तो व्यक्ति में हर चीज से लड़ने का आत्मविश्वास आता है और जब ये खराब होते हैं तो वह हर चीज से पीछे हटने लगता है.
बुध: जब बुध खराब हो तो व्यक्ति सही और गलत का निर्णय नहीं कर पाता और गलत निर्णय ले लेता है, जिससे जीवन में और अधिक समस्याएं आती हैं.
अवसाद और चिंता से राहत पाने के उपाय
चंद्रमा को मजबूत करने का उपाय: एक चांदी के गिलास में पानी भरकर रात भर रखें और सुबह इसे पी लें. प्रत्येक पूर्णिमा को खीर का भोग लगाएं और लोगों में बांटें. प्रतिदिन "ओम नमः शिवाय" का जप करें.
शनि के लिए उपाय: प्रत्येक शनिवार को कालभैरव मंदिर में दूध चढ़ाएं. प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें. अपनी मध्यमा अंगुली में लोहे की अंगूठी पहनें.
राहु के लिए उपाय: रात को दूध में चीनी मिलाकर सुबह कुत्तों को पिलाएं. काले तिल और नारियल का दान करें.
केतु के लिए उपाय: कुत्तों को खाना खिलाएं. प्रतिदिन "ॐ कें केतवे नमः" मंत्र का जाप करें.
गुरु के लिए उपाय: केसर लगाएं. घर में ताजी हवा और रोशनी का पूरा इंतजाम करें. विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें.
मंगल और सूर्य के लिए उपाय: प्रतिदिन 11 बार सूर्य नमस्कार करें. विशेषकर प्राणायाम करें.
बुध के लिए उपाय: कांसे की थाली और कटोरी में भोजन करें. हरे वस्त्र पहनें और हर बुधवार को हरे मूंग का दान करें.
घर और वास्तु से संबंधित समाधान: घर को हवादार बनाए रखें ताकि ताजी हवा अंदर आती रहे. उत्तर-पूर्व दिशा को साफ और अच्छी रोशनी वाला रखें. अपने गले में चांदी की चेन में चांदी का चौकोर टुकड़ा पहनें.
विशेष ज्योतिषीय उपाय: यदि चतुर्थ भाव (भावनात्मक संतुलन का घर) और अष्टम भाव (जीवन परिवर्तन का घर) कमजोर हो तो ये उपाय करें.
चतुर्थ भाव के लिए: वर्ष के चार सोमवार को जल में केसर मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें.
अष्टम भाव के लिए: वर्ष में 8 शनिवार को श्मशान में जाएं और पीपल के वृक्ष की परिक्रमा करें.
Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.
अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.
- Log in to post comments

किन ग्रहों के कारण बढ़ता है तनाव
ये 7 ग्रह बनते हैं डिप्रेशन की वजह, लेकिन ये उपाय अवसाद और तनाव कर देंगे दूर