डीएनए हिंदी: (Tips To Increase Eye Sight and Eyes Healthy) आज के समय में आई हेल्थ सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही है. छोटी उम्र में ही आंखों की रोशनी कम होने लगती है. बच्चों को मोटे मोटे चश्में लग जाते हैं. इसकी वजह आनवांशिकी के साथ ही कई खराब आदतों को लगना है. यह आंखों की रोशनी को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट की मानें तो दुनियाभर में करीब 2.2 बिलियन लोगों की आंखों की रोशनी कमजोर हो चुकी है. इसके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार उनका लाइफ स्टाइल है, इन पांच आदतों को छोड़कर आंखों को हेल्दी रखा जा सकता है. इतना ही नहीं आंखों की रोशनी भी कम नहीं होगी.
इन आदतों में तत्तकाल प्रभाव से करें बदलाव
आज के समय में बच्चों से लेकर बड़ों तक सबसे ज्यादा स्मार्टफोन से लेकर लैपटाॅप और टीवी का इस्तेमाल करते हैं. घंटों के हिसाब नजरें मोबाइल की स्क्रीन पर टिकी रहती है. इसे आंखों की रोशनी प्रभावित होती है. घंटों मोबाइल या लैपटाॅप देखने की वजह से सिर और कंधों में दर्द होने लगता है. इसे स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है. इसे बचने के लिए कम से कम मोबाइल का यूज करें. जो लोग घंटों लैपटाॅप पर काम करते हैं, उन्हें हर दो घंटे में कम से कम 15 मिनट का ब्रेक लेना बेहद जरूरी है. इसे आंखों की रोशनी कम नहीं होगी.
हेल्दी डाइट करें शामिल
खानपीन से लेकर दिनचर्या का असर हमारी बाॅडी से लेकर आंखों की सेहत पर भी पड़ता है. उल्टा सीधा और जंक फूड खाने की वजह से आंखों की रोशनी प्रभावित होती है. साथ ही कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. ब्लड शुगर से लेकर डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी भी आंखों को प्रभावित करती है. ऐसी स्थिति में इसे बचने और आंखों को हेल्दी रखने के लिए डाइट में आयरन और फाइबर से भरपूर भोजन को शामिल करें. इसके अलावा गाजर, बींस, पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें. जिंक, ओमेगा 3 फैटी एसिड, विटामिन सी से लेकर ई तक के भोजन को खाएं. इसे आंखें हेल्दी रहेंगी. रोशनी भी अच्छी बनी रहेगी.
यूवी किरणों से करें बचाव
गर्मी के मौसम में सूर्य की किरणें बहुत ज्यादा प्रभावित करती है. ऐसे में धूप में निकलने से पहले अपनी आंखों को सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से बचाना चाहिए. इसके लिए आप यूवी प्रोटेक्टर चश्मे को पहने. ये हानिकारक किरणें आपको मोतियाबिंद से लेकर मैक्यूर डिजनरेशन जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ा देती है.
धूम्रपान करें बचाव
आंखें शरीर का सबसे नाजुक अंग है. ऐसी स्थिति में धूम्रपान यानी स्मोकिंग भी बहुत ही हानिकारक होती है. यह फेफड़ों से लेकर आंखों की रोशनी को प्रभावित करती है. कई रिसर्च में साबित हो चुका है कि धूम्रपान करने से आंखें सूखी और मैक्यूलर डिजनरेशन की शिकार हो जाती है. डायबिटीज से रेटिनोपैथी, आई सिंड्रोम और मातियांबिंद का खतरा बढ़ जाता है. आंखों को स्वस्थ्य रखने के लिए धूम्रपान को बिल्कुल त्याग दें. यह फिजिकल हेल्थ के साथ ही आंखों के लिए फायदेमंद है.
नियमित रूप से कराएं आंखों का टेस्ट
अपनी आंखों को बीमारियों से दूर रखें. नियमित रूप से आंखों की जांच कराते रहें. आंखों में दर्द या जलन होने पर इसे हल्के में न लें. ऐसी स्थिति में डाॅक्टर को जरूर दिखाएं. वहीं समय समय पर आंखों की जांच कराने से आपकी आंखों की रोशनी की स्थिति भी स्पष्ट हो जाएगी. इसे समय रहते आंखों की रोशनी को कम होने से रोका जा सकता है.
आंखों में डिहाइड्रेशन की समस्या
चिलचिलाती गर्मी के बीच पसीना बहुत तेजी बहता है. वहीं कुछ लोग इस मौसम में भी पानी कम पीते हैं. ऐसी स्थिति में बाॅडी डिहाइड्रेट होने लगती है. आंखों में नमी रहने के साथ ही आंसू बनने में परेशानी से लेकर सूखापन हो जाता है. ऐसे में बाॅडी को हाइड्रेट रखना बहुत ही जरूरी होता है. डिहाइड्रेशन की वजह से आंखों में खिंचाव जैसे थकी हुई आंखेंए धुंधली दृष्टि और सिरदर्द होने लगता है. ऐसे में ढेर सारा पानी पीने से शरीर से अतिरिक्त नमक को बाहर निकालने में मदद मिलेगी. इसे आंखों की थकान कम होने के साथ ही रोशनी सही रहेगी.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।)
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इन 6 आदतों को अपनाते ही दुरुस्त हो जाएगी 'Eye Health', बुढ़ापे तक कम नहीं होगी आंखों की रोशनी