डीएनए हिंदी: गठिया या अर्थराइटिस की मुख्य वजह होती है यूरिक एसिड का बढ़ना. शरीर में यूरिन जब टूटता है जब यूरिक एसिड का निर्माण होता है. यूरिक एसिड सभी के शरीर में बनता है और इसे किडनी आसानी से फिल्टर करके शरीर से बाहर निकाल देती है. लेकिन जब यूरिक एसिड को किडनी फिल्टर करने में असमर्थ होती है तब ये ब्लड में घुल कर शरीर के जोड़ों के बीच जाकर जमा होने लगता है.
यही कारण है कि जोड़ों में दर्द, सूजन और जकड़न की समस्या शुरू हो जाती है. ऐसे में इस दर्द से राहत पाने के लिए दवाओं की जगह आप नेचुरल चीजों की भी मदद ले सकते हैं. इसमें कपिंग थेरेपी आपके लिए बहुत कारगर साबित हो सकती है. चलिए जाने कि क्या है कपिंग थेरेपी और कैसे ये दर्द से राहत दिलाती है.
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आइए जानें क्या है कपिंग थेरेपी
कपिंग थेरेपी दवाओं की जगह इस्तेमाल होने वाली तकनीक है. इससे दर्द, इंफ्लेमेशन, ब्लड फ्लो, रिलेक्सेशन और डीप टिशू मजाज के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल करते हैं. इसे पीठ, पेट, बाजू, पैर और चेहरे पर इस्तेमाल किया जाता है. कप में वैक्यूम होता है, तो स्किन को खींचता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन रेगुलेट होता है.
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कैसे की जाती है कपिंग थेरेपी
कपिंग थेरेपी में ग्लास, बैम्बू, सिलिकॉन और मिट्टी से बने कप्स का इस्तेमाल किया जाता है. थेरेपी का दबाव ब्लड वेसल्स (कैपिलरीज) को स्किन के अंदर ही एक्सपेंड कर देता है. ऐसे में प्रभावित हिस्से में ज्यादा खून पहुंचता है और समस्या जल्दी ठीक हो सकती है. साथ ही कई एक्सपर्ट्स का दावा है कि कपिंग पोर्स को क्लियर करता है और बॉडी टॉक्सिन को रिलीज कर देता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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Cupping therapy: जोड़ाें के दर्द और जकड़न को दूर करती है कपिंग थैरेपी