डीएनए हिंदी : आदिवासी इलाकों में अक्सर लोग रात के बचे हुए चावल को पानी में डालकर हरी मिर्च और प्याज के साथ बहुत चाव से खाते हैं. शहरों में इसे पानी में डालने के बजाए फ्राइ कर लिया जाता है और फ्राइड राइस के रूप में मजे से खाते हैं. लेकिन इस तरह से 'बासी' चावल खाना सेहत के लिए नुकसानदेह है.
भोजन के संदर्भ में बासी का मतलब एक दिन पहले बना हुआ और ताजा से अभिप्राय है आज का बना हुआ. यानी 8-10 घंटे बाद भोजन बासी हो जाता है जबकि इतनी अवधि तक वह ताजा रहता है. लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि चावल के साथ इस ताजा और बासी का टाइम फ्रेम गलत बताया जाता है. न्यूट्रिशनिस्ट जूही कपूर बताती हैं कि पकने के ढाई-तीन घंटे बाद ही चावल में बैक्टेरिया बनने लगते हैं और ऐसे चावल को खाना सेहत पर बुरा असर डालता है.
पके चावल में हानिकारक बैक्टेरिया
योगाचार्य और न्यूट्रिशनिस्ट जूही कपूर ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में बताया है कि बासी चावल खाने से बचना चाहिए. जूही के मुताबिक, जब पके चावल को 2-3 घंटे के लिए बाहर छोड़ देते हैं, तो उसमें हानिकारक टॉक्सिन्स, मोल्ड औक बैक्टेरिया पैदा होने लगते हैं. रिसर्च में यह बात सामने आ चुकी है कि बचे हुए पके चावल में बैक्टीरिया सबसे जल्दी पनपते हैं और उन्हें खाने से पेट में टॉक्सिन्स पैदा होते है.
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बासी चावल खाने के नुकसान
- मतली आती है और उल्टी हो सकती है
- लूज मोशन के शिकार हो सकते हैं
- पेट में एसिडिटी हो सकती है
- कब्ज की समस्याएं भी हो सकती है
इस्तेमाल का सही तरीका
न्यूट्रिशनिस्ट जूही कपूर के मुताबिक, आपको समय रहते पके चावलों को फ्रिज में स्टोर करना है. चावल पकने के बाद 2 घंटे के भीतर उन्हें कंटेनर में डालकर फ्रिज में स्टोर कर दें. इस तरह चावलों को खराब होने से बचाया जा सकता है.
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