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Anurag
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पत्रकारिता में 25 वर्ष से ज्यादा वक्त गुजारा. झारखंड से प्रकाशित दैनिक देशप्राण से पत्रकारिता की शुरुआत कर प्रभात खबर के धनबाद संस्करण का प्रभार संभाला. दिल्ली के नवभारत टाइम्स में रहते हुए गाजियाबाद, नोएडा, गुड़गांव और फरीदाबाद संस्करणों की लॉन्चिंग में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई. नोएडा से प्रकाशित अमर उजाला और जनसत्ता में महत्त्वपूर्ण जिम्मेवारियों का निर्वहन. इस बीच रांची के दैनिक भास्कर की लॉन्चिंग टीम का हिस्सा रहा. वेबसाइट के लिहाज से न्यूज18 हिंदी की नौकरी पहली रही. इन संस्थानों में रहते हुए खबरों की भाषा, उसके कंटेंट, अखबार की प्लानिंग और ग्राफिक के क्षेत्र में विशेष भूमिका निभाई. रांची विश्वविद्यालय से हिंदी में एमए किया और गुरु जांभेश्वर विश्वविद्यालय से एमएमसी. झारखंड में पला बढ़ा, दिल्ली एनसीआर में गुजर-बसर. साहित्य-संस्कृति और भाषा-बोलियों में खास रुचि. अपराध, सामाजिक सरोकार और साहित्य की खबरों पर विशेष निगाह. फिलहाल, डीएनए इंडिया हिंदी से संबद्ध.
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नहीं रहे Hastimal Hasti, जगजीत सिंह से लेकर पंकज उधास तक ने गाई हैं इनकी गजलें

मशहूर साहित्यकार हस्तीमल हस्ती का सोमवार 24 जून को मुंबई में 78 वर्ष की आयु में निधन हो गया है. हस्तीमल हस्ती पिछले 5 दशक से मुंबई में सक्रिय रहकर साहित्य सेवा में लगे थे.

DNA Opinion : क्या हमेशा अराजक और बेसंभाल रही है Kanwar Yatra?

हाल ही में सपन्न हुई kanwar yatra 2024 को लेकर जहां जनमानस में श्रद्धा का भाव रहा, वहीं इस यात्रा के दौरान हुई हिंसक घटनाएं, शोर-शराबे और डीजे वाली कांवड़ से ट्रैफिक और शहरों में हुई असुविधा की आलोचना की गई, लेकिन कांवड़ यात्रा का स्वरूप क्या हमेशा ऐसा ही रहा है. पढ़िए वंदना राग का यह लेख...बमभोले.

OMG Story: अंतरिक्ष यात्रा के दौरान एस्ट्रोनॉट पी सकेंगे अपना पेशाब

Interesting Space Story: अंतरिक्ष यात्री 'नेचर कॉल' के लिए स्पेससूट के अंदर डिस्पोजेबल डायपर का इस्तेमाल करते थे. अब वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने पेशाब को 5 मिनट में रिसाइकल कर उसे पीने योग्य बनाने का एक तरीका ईजाद कर लिया है.

Interesting Fact: वह भारतीय जो नाखून के चक्कर में हो गया बहरा

OMG Story: पुणे के रहनेवाले श्रीधर चिल्लाल के नाखूनों की कुल लंबाई तीमंजिला इमारत के बराबर थी. उनका नाम इन नाखून के कारण गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड में दर्ज किया गया, लेकिन इनके वजन के कारण उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना भी करना पड़ा.

Interesting Fact: उबासी से बढ़ता है शरीर में जागरूकता का स्तर

Yawning Reason: मेडिकल साइंस कहता है कि जब भी शरीर में ऑक्सीजन की कमी होती है तो वह ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन खींचने की कोशिश करता है, इसी प्रक्रिया का नतीजा है उबासी. साथ ही, सामान्य तौर पर एक इन्सान दिन भर में 5 से 18 बार उबासी लेता है.

Mahabharata Secrets Revealed: आग से पैदा हुए थे पांडवों के सेनापति, महाभारत युद्ध के बाद कर दी गई थी हत्या

Mahabharata Secrets Revealed: धृष्टद्युम्न पांचाल के राजा द्रुपद के पुत्र और द्रौपदी के जुड़वां भाई थे. कहते हैं के पांचाल नरेश द्रुपद ने पांडवों के गुरु द्रोण से अपने अपमान का बदला लेने के लिए यज्ञ किया था. उसी यज्ञ की पवित्र अग्नि से धृष्टद्युम्न का जन्म हुआ था.

Mahabharata Secrets Revealed: धर्मराज युधिष्ठिर ने किया था ये अधार्मिक कृत्य!

Mahabharata Secrets Revealed: महाभारत के तमाम पात्रों के बीच युधिष्ठिर ही एकमात्र ऐसे थे जिन्हें धर्मराज की उपाधि मिली हुई है. उनके कहे पर सबका भरोसा था. लेकिन इस धर्मराज से भी कुछ इन्सानी चूकें हुई हैं और इस नाते उनकी आलोचना भी होती है.

Interesting Mythological Story: पृथ्वी पर कैसे अवतरित हुई देव नदी गंगा

Mythological Story: गंगा जल से मुक्ति मिलने के संबंध में राजा सगर की कथा भी धर्म शास्त्रों में बताई गई है. राजा सगर के 60 हजार पुत्रों की मौत कपिल मुनि के शाप से हो गई थी. इन मृतकों की मुक्ति के लिए ही उनके वंशज भगीरथ ने कठोर तपस्या की. भगीरथ के तप से प्रसन्न हो गंगा ने धरती पर आने की याचना मान ली.

Mahabharata Secrets Revealed: कैसे अमर हुए Ashwatthama

Mahabharata Secrets Revealed: द्रोणाचार्य और कृपी के पुत्र हैं अश्वत्थामा. महाभारत युद्ध से पहले गुरु द्रोणा हिमालय प्‌हुचे. वहां तमसा तट पर एक गुफा में स्वयंभू शिवलिंग था. यहां द्रोण और उनकी पत्नी कृपि ने तपस्या की. तब प्रसन्न होकर शिव ने इन्हें वरदान दिया. इसी वरदान से अश्वत्थामा का जन्म हुआ.

Mahabharata Secrets Revealed: कैसे हुआ था Draupadi का जन्म और क्यों मिले उन्हें 5 पति

Mahabharata Secrets Revealed: द्रौपदी के जन्म का प्रसंग हो या स्वयंवर का, चीरहरण का प्रसंग हो या उसकी एकाकी मौत का - सारे के सारे प्रसंग महाभारत कथा को धार देते हैं. द्रौपदी के अन्य नाम 'कृष्णेयी, यज्ञसेनी, सैरंध्री, अग्निसुता और महाभारती' भी हैं. अग्निसुता नाम उनके जन्म प्रसंग की वजह से है.