भारत में सूर्य की उपासना का संदर्भ ऋग्वैदिक काल से मिलता है और मध्यकाल में आकर छठ पूजा का वह रूप दिखता है जो आज पूर्वी भारत के बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्र में मनाया जाता है.

सूरज को दीया दिखाना एक मुहावरा है जो परंपरा में शायद छठ के मौके पर ही किया जाता है. हमारी प्रकृति के लिए सूर्य ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत है और यह भी माना जाता है कि छठव्रत करने वाले अपने लिए सूर्य से ऊर्जा ग्रहण करते हैं. छठ को लोक आस्था का महापर्व कहा जाता है.

इस पर्व पर लोककंठों से फूटने वाले गीत महज तुकबंदी नहीं हैं, बल्कि बेहद सारगर्भित हैं. यह बात खूब प्रचलित है कि छठ बेटों का त्योहार है. पुत्र प्राप्ति की इच्छा के साथ और पुत्र प्राप्ति के बाद कृतज्ञता जताने के लिए यह व्रत किया जाता है. लेकिन छठ के कुछ गीत हमें यह याद दिलाते हैं कि यह पर्व महज पुत्रों के लिए नहीं है, बल्कि बेटियों की शुभेच्छा से भी भरा हुआ है.

 

इसके कई गीतों में बेटियों की कामना की गई है. ऐसा ही एक गीत है - पांच पुत्तर, अन्न-धन लक्ष्मी, धियवा (बेटी) मंगबो जरूर. यानी बेटे और धन-धान्य की कामना तो की गई है, लेकिन उसमें यह बात भी है कि छठ माता से बेटी जरूर मांगना है. यह ‘जरूर’ शब्द साबित करता है कि बेटियों को लेकर छठ पूजा करने वाले समाज ने बेटों और बेटियों में फर्क नहीं किया. एक और गीत है कि रुनकी-झुनकी बेटी मांगिला, पढ़ल पंडितवा दामाद, हे छठी मइया...

ये गीत सदियों पुराने हैं. लोककंठों से फूटे ये गीत आज भी छठ के मौके पर गाए जाते हैं. इस गीत में रुनकी-झुनकी का मतलब स्वस्थ और घर-आंगन में दौड़ने वाली बेटी है. इसी पंक्ति में दामाद की भी मांग की गई है, पर गौर करें कि उस दामाद की कल्पना शरीर से बलिष्ठ नहीं, बल्कि मानसिक रूप से बलिष्ठ की है. इस गीत में छठी मइया से पढ़े-लिखे दामाद की मांग की गई है. यह बात ध्यान देने लायक है कि गीतों में नौकरीपेशा या व्यापार करने वाले दामाद की कल्पना नहीं है.

तब हमारा समाज आज के मुकाबले भले ही अनपढ़ और पिछड़ा रहा हो, पर उस वक्त भी लोग समझते थे कि राजा तो अपने देश में ही पूजा जाता है, लेकिन विद्वान की पूजा सर्वत्र होती है (स्वदेशे पूज्यते राजा, विद्वान सर्वत्र पूज्यते). इस सिद्धांत की औपचारिक जानकारी उस समाज को भले न हो, लेकिन विद्या के महत्त्व से वह परिचित था.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी समान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें  हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से

Url Title
Chhath Puja Geet songs wish for daughter in womb, know some unheard things about this great festival
Short Title
कोख में बेटी की कामना करते हैं छठ के गीत, जानिए इस महापर्व की कुछ अनसुनी बात
Article Type
Language
Hindi
Section Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
छठ के गीत के पीछे का सच
Caption

छठ के गीत के पीछे का सच

Date updated
Date published
Home Title

 कोख में बेटी की कामना करते हैं छठ के गीत, जानिए इस महापर्व की कुछ अनसुनी बातें

Word Count
465
Author Type
Author