कोलेस्ट्रॉल भी हमारे शरीर के लिए आवश्यक है. लेकिन खराब कोलेस्ट्रॉल और अच्छे कोलेस्ट्रॉल में अंतर होता है और यदि खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है, तो इससे विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. कई बार चलते हुए जब आपको कुछ दिक्कत महसूस हो या पैरों में कुछ बदलाव या दर्द होने लगे खासकर आराम करते हुए भी तो समझ लें खून की नसों में कोलेस्ट्रॉल जम गया है. चलिए जानें कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर पैरों में क्या संकेत दिखते हैं.
ऐंठन
यदि कोलेस्ट्रॉल अधिक हो तो कभी-कभी न्यूनतम शारीरिक गतिविधि से भी पैरों और बांहों में ऐंठन हो सकती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शारीरिक गतिविधि करते समय रक्त की आपूर्ति पर्याप्त नहीं होती. यहां तक कि अगर आप थोड़ी दूर भी पैदल चलें तो भी यह समस्या उत्पन्न हो जाएगी.
पैरों में दर्द
लेस्ट्रॉल का मुख्य लक्षण पैरों में दर्द है ! इसका मुख्य कारण यह है कि कोलेस्ट्रॉल रक्त वाहिकाओं में जमा हो जाता है, जिससे वे संकरी हो जाती हैं और ऑक्सीजन की उचित आपूर्ति नहीं हो पाती. इससे दर्द, कमज़ोरी और थकान होती है. चलते समय और सीढ़ियाँ चढ़ते समय कमर और नितंबों में दर्द महसूस हो सकता है.
ऐसे कार्य करते समय मांसपेशियों को अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है. लेकिन कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है. आराम करने से यह समस्या दूर हो जाएगी. लेकिन अगर यह बढ़ जाए तो आराम करते समय भी दर्द हो सकता है.
मांसपेशियों में कमजोरी
कोलेस्ट्रॉल के कारण रक्त वाहिकाओं के संकुचित होने के परिणामस्वरूप पैर की मांसपेशियों में कमजोरी हो सकती है. चलने, संतुलन बनाने या खड़े होने पर थकान हो सकती है. ऐसा रक्त के माध्यम से ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति में कमी के कारण होता है. कभी-कभी इसके परिणामस्वरूप गिरने या गतिशीलता में कमी आ सकती है.
पैर या टांग का निचला हिस्सा बहुत ठंडा हो सकता है
कोलेस्ट्रॉल जमा होने के कारण पैर के निचले हिस्से या पैर में ठंडक महसूस हो सकती है. ऐसा चलते समय या चलने के बाद हो सकता है. ऐसा रक्त वाहिकाओं में उचित रक्त आपूर्ति की कमी के कारण होता है. शरीर के अन्य भागों की तुलना में ये भाग बहुत ठंडे हो सकते हैं. यदि समस्या गंभीर हो तो पैरों या उंगलियों की त्वचा पीली या नीली दिखाई दे सकती है.
सुन्नपन या झुनझुनी
यदि कोलेस्ट्रॉल अधिक है, तो इससे चलते समय सुन्नता या झुनझुनी हो सकती है. ऐसा नसों को पर्याप्त ऑक्सीजन न मिलने के कारण होता है. ऐसा महसूस हो सकता है जैसे आपको सुई चुभ रही हो या फिर ऐसा लगे कि आपने स्पर्श की संवेदना खो दी है. यदि इसका उपचार न किया जाए तो यह नसों में दीर्घकालिक सुन्नता और झुनझुनी पैदा कर सकता है. इसकी जांच डॉक्टर से कराकर इलाज कराया जाना चाहिए.
रंग परिवर्तन
अगर पैरों और टांगों के रंग में बदलाव हो तो यह भी उच्च कोलेस्ट्रॉल का लक्षण है. ऐसा त्वचा को ऑक्सीजन की समुचित आपूर्ति न होने के कारण होता है. कोलेस्ट्रॉल जमा होने के कारण ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी के कारण बैंगनी या हल्का नीला रंग दिखाई दे सकता है. कभी-कभी ऑक्सीजन की कमी के कारण यह गहरा नीला हो सकता है. इसका तुरंत इलाज कराना बहुत जरूरी है.
घाव धीरे-धीरे सूखता है
यदि आपके पैर या टखने पर कोई छोटा घाव, कट या छाला है, तो उसे सूखने में काफी समय लग सकता है. इसका मुख्य कारण यह है कि ऊतकों को उचित पोषक तत्व और ऑक्सीजन नहीं मिल पाता. एक छोटे से घाव को ठीक होने में सप्ताह या महीने लग सकते हैं.
इससे संक्रमण की संभावना बढ़ सकती है. कभी-कभी, ठीक न होने वाला अल्सर भी मौजूद हो सकता है. यह समस्या मधुमेह और उच्च कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों में अधिक आम है . इसलिए बेहतर है कि आप अपने पैरों की जांच कराते रहें और शीघ्र उपचार कराएं.
इस रोग से बचाव के उपाय
नियमित जांच: नियमित कोलेस्ट्रॉल जांच से इसका शीघ्र पता लगाने और उपचार करने में मदद मिल सकती है.
स्वस्थ आहार : फल, सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन खाना स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा है.
शारीरिक गतिविधि : पैदल चलने सहित नियमित व्यायाम हृदय-संवहनी प्रणाली को मजबूत करता है और संतुलित वजन बनाए रखने में मदद करता है.
धूम्रपान छोड़ें : तम्बाकू के सेवन या धूम्रपान से दूर रहना सबसे अच्छा है. इससे रक्त वाहिकाओं को क्षति पहुँचती है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें.)
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