डायबिटीज होने के बाद ब्लड शुगर का स्तर तेजी से बढ़ने लगता है. इससे शरीर में कई लक्षण उत्पन्न होते हैं, जैसे लगातार चक्कर आना, खुजली, थकान, बार-बार पेशाब आना आदि. डायबिटीज के बाद शुरुआती दिनों में दिखने वाले लक्षणों को नजरअंदाज न करते हुए तुरंत चिकित्सा उपचार लेना चाहिए. इसके अलावा आपको गलती से भी ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए जो ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ाते हैं. इसके अलावा खान-पान में भी परहेज का पालन करना जरूरी है.
डायबिटीज के बाद अपने दैनिक आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल करें. आज हम आपको विस्तार से बताएंगे कि हाई ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रण में रखने के लिए आपको अपने आहार में कौन सी चीजों का सेवन करना चाहिए, जो नेचुरल इंसुलिन की तरह शुगर को कंट्रोल कर सकें.
अदरक का रस
अदरक के रस के सूजनरोधी गुण शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करते हैं. इसलिए सुबह उठकर खाली पेट अदरक के जूस का सेवन करें. शरीर में डायबिटीज को नियंत्रण में रखने में गोभी बहुत कारगर है. इसमें फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं. इसके अलावा अदरक का सेवन करने से शरीर में सूजन कम होती है और आराम मिलता है. गोभी अदरक का जूस बनाने के लिए सबसे पहले एक मिक्सर जार में बारीक कटी गोभी और अदरक का एक टुकड़ा डालकर ब्लेंड कर लें. फिर आवश्यकतानुसार पानी डालें और पुनः मिलाएँ. तैयार जूस को नियमित रूप से खाली पेट पीना चाहिए.
करेले का जूस
डायबिटीज से पीड़ित होने पर करेले का जूस पियें. करेले का जूस पीने से ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रण में रहता है. करेले का जूस तैयार करने के लिए सबसे पहले करेले को साफ करके उसके बीज निकाल दें. फिर इसे बारीक काट कर मिक्सर जार में डालें, आवश्यकतानुसार पानी डालें और बारीक पीस लें. फिर करेले के रस को छान लें, उसमें नींबू का रस मिलाएं और खाली पेट इसका सेवन करें. इस जूस का सेवन करने से शरीर में जमा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलेगी और इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी होंगे. करेले का जूस इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाकर ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है.
मेथी के बीज
मेथी के बीज यानी फेनुग्रीक सीड्स में कई पोषक तत्व और यौगिक होते हैं जो शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं. मेथी के बीज में घुलनशील फाइबर होता है, जो रक्त शर्करा के अवशोषण को धीमा कर सकता है और इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार कर सकता है.मेथी के बीज में मौजूद यौगिक रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं और ग्लूकोज के अवशोषण को धीमा कर सकते हैं.मेथी के बीज इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार कर सकते हैं, जिससे शरीर ग्लूकोज का अधिक कुशलता से उपयोग कर सकता है.वहीं, मेथी के बीज में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो ऑक्सीडेटिव तनाव को कम कर सकते हैं और मधुमेह से संबंधित जटिलताओं को रोकने में मदद कर सकते हैं.
मेथी के बीज का सेवन करने के तरीके:
- बीज को भिगोना: मेथी के बीजों को रात भर पानी में भिगो दें और सुबह खाली पेट पानी पी लें.
- पाउडर: मेथी के बीजों को पीसकर पाउडर बनाएं और इसे पानी या दही के साथ लें.
- चाय: मेथी के बीजों को पानी में उबालकर चाय बनाएं और इसका सेवन करें.
जामुन के बीज
जामुन के बीज में एंटीडायबेटिक गुण होते हैं जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं. जामुन के बीज में पाए जाने वाले कुछ सक्रिय यौगिक, जैसे कि एंथोसायनिन और फ्लेवोनोइड्स, इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने और ग्लूकोज के अवशोषण को धीमा करने में मदद कर सकते हैं.ये इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करता और शुगर इससे मैनेज होता है.
(Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है. इस पर अमल करने से पहले विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें.)
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ब्लड शुगर को कम करने वाले जूस
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