डीएनए हिंदीः Important Tests For Women's अक्सर महिलाएं घर के काम-काज के आगे अपनी सेहत को अनदेखा कर देती हैं, जो आगे चलकर किसी गंभीर बीमारी के रूप में उभर के सामने आती है. ऐसे में एक उम्र तक तो आप फिट रह सकती हैं, लेकिन जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे आपको एहसास होने लगता है कि अब आपकी सेहत जवाब दे (Women's Health Tips) रही है. ऐसे में जब तक इस बात का अंदाजा लगता है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है. इसलिए काम-काज से थोड़ा वक्त निकाल कर अपनी सेहत का भी ख्याल (Women's Health) रखना चाहिए. बता दें कि 35 साल की उम्र के बाद महिलाओं को अपनी सेहत को लेकर सजग हो जाना चाहिए. क्योंकि इस एज के बाद शरीर में कैंसर समेत दूसरी कई गंभीर बीमारियों के खतरा बढ़ जाता है...

35 के बाद महिलाएं जरूर कराएं ये जांच
 
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक 35 साल की उम्र के बाद हर महिला को कुछ खास मेडिकल टेस्ट जरूर करवाने चाहिए, ताकि किसी तरह की गंभीर बीमारी के बारे में समय रहते पता चल सके और इलाज में किसी भी तरह की देरी न हो. आइए जानते हैं कौन-कौन से हैं वो जांच... 

कराएं जैनेटिक स्क्रीनिंग 

बता दें कि ये एक ऐसा मेडिकल टेस्ट है जिसमें महिलाओं में किसी तरह की आनुवांशिक बीमारी के संकेत और जोखिम को पहचाना जा सकता है. इससे यह पता लगाया जा सकता है कि परिवार में अगर किसी को कोई बीमारी रही है वो बीमारी कहीं महिला को तो नहीं घेर लेगी. ऐसे में इस टेस्ट के जरिए महिलाएं कई गंभीर आनुवांशिक बीमारियों से अपना बचाव कर सकती हैं. इतना ही नहीं आनुवांशिक परीक्षणों में महिलाओं को होने वाले किसी भी तरह के कैंसर का भी पता चल सकता है.

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कार्डियोवेस्कुलर हेल्थ है जरूरी

हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक उम्र बढ़ने के साथ दिल कमजोर होता है और इसीलिए महिलाओं को आनुवांशिक परीक्षण में ह्रदय संबंधी टेस्ट करवाने चाहिए. इस टेस्ट की मदद से हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया और हाइपरट्राफिक कार्डियोमायौपेथी जैसी वंशानुगत बीमारियों का पता चल सकता है. 
 
अल्जाइमर का टेस्ट 

इसके अलावा 35 साल की उम्र के बाद महिलाओं को अल्जाइमर का भी टेस्ट करवा लेना चाहिए. बता दें कि इस बीमारी का कारण शरीर में एपीओई जीन होता है और इसलिए आनुवांशिक परीक्षण में इसका भी टेस्ट किया जाता है. इससे यह पता चलता है कि कहीं महिला अल्जाइमर का शिकार तो नहीं होने वाली है. 
 
सर्वाइकल कैंसर का टेस्ट कराएं

35 साल की उम्र के बाद सर्वाइकल कैंसर संबंधी स्क्रीनिंग भी करवाना जरूरी होता है. बता दें कि इस स्क्रीनिंग में सर्वाइकल कैंसर की जांच की जाती है और इसके साथ साथ एचपीपी जिनोटाइपिंग टेस्ट भी किया जाता है. दुनिया भर में महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के मामले तेजी से बढ़े हैं और भारत में भी ये मामले काफी तेजी से पैर पसारते नजर आ रहे हैं. 

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ब्रेस्ट कैंसर का जांच 

इसके अलावा स्तन कैंसर की आशंका को दूर करने के लिए 35 साल के बाद बीआरसीए जीन उत्परिवर्तन टेस्ट भी जरूरी होता है. बता दें कि स्तन कैंसर का जल्दी पता लगाने के लिए आनुवांशिक जांच परीक्षण में बीसीआरए जीन का टेस्ट करवाना चाहिए.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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35 की उम्र के बाद महिलाएं जरूर कराएं ये 5 टेस्ट, 90 फीसदी बीमारियां रहेंगी दूर
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35 की उम्र के बाद महिलाएं जरूर कराएं ये 5 टेस्ट, 90 फीसदी बीमारियां रहेंगी दूर

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35 की उम्र के बाद महिलाएं जरूर कराएं ये 5 टेस्ट, 90 फीसदी बीमारियों का जोखिम होगा कम

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