शरीर में दो तरह के कोलेस्ट्रॉल होते हैं, पहला गुड कोलेस्ट्रॉल और दूसरा बैड कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol). गुड कोलेस्ट्रॉल को हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन यानी HDL कहा जाता है और बैड कोलेस्ट्रॉल को लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन यानी LDL कहा जाता है. शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल के कारण कई गंभीर बीमारियों जैसे की हार्ट अटैक, स्ट्रोक, ब्लड प्रेशर का सामना करना पड़ता है. वहीं गुड कोलेस्ट्रोल (Good Cholesterol) सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है. लेकिन, शरीर में अधिक मात्रा में गुड कोलेस्ट्रोल भी खतरनाक हो सकता है. हाल ही में आई स्टडी के मुताबिक इससे डिमेंशिया का खतरा बढ़ता है...
दरअसल लांसेट रीजनल हेल्थ जर्नल में आई एक स्टडी के मुताबिक गुड कोलेस्ट्रोल की अधिक मात्रा डिमेंशिया के खतरे को बढ़ा सकती है और इससे ब्रेन पर बुरा प्रभाव पड़ता है. आइए जानते हैं इसके बारे में...
कितना होना चाहिए कोलेस्ट्रोल (Cholesterol Level Normal Range)
बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 100 mg/dL से कम हो तो इसे नॉर्मल माना जाता है और गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 45 से 50 mg/dL तक नॉर्मल मानी जाती है. हालांकि गुड कोलेस्ट्रॉल अगर 60 mg/dL तक हो तब भी इसे अच्छा ही माना जाता है. लेकिन, शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल यानी HDL की मात्रा 70 mg/dL या फिर इससे ज्यादा हो जाए, तो यह सेहत के लिए गंभीर खतरे पैदा कर सकता है. ऐसी स्थिति में इसे कंट्रोल करना बहुत ही जरूरी है.
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क्या कहती है स्टडी (Research On Good Cholesterol)
स्टडी के मुताबिक, शरीर में अगर गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा सामान्य से ज्यादा हो जाए तो इससे दिमाग की गंभीर बीमारी डिमेंशिया का खतरा 27 पर्सेंट तक बढ़ सकता है. इस रिसर्च में 18 हजार से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया और इसी डाटा के आधार पर स्टडी का रिजल्ट निकाला गया है. आमतौर पर लोग गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ने या घटने पर उतना ध्यान नहीं देते हैं. लेकिन, आपकी यह गलती आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है.
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क्या है डिमेंशिया (What is Dementia)
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक डिमेंशिया एक गंभीर समस्या है और इसमें कई तरह की मानसिक स्थिति शामिल होती है, जैसे कि छोटी-छोटी चीजों के भूलना सोचने-समझने की क्षमता खो देना, अतार्किक बातें करना और रोज के कामकाज में परेशानी महसूस करना. ऐसी स्थिति में मरीज दूसरों पर पूरी तरह से निर्भर हो जाता है और स्वतंत्र रूप से वह कुछ नहीं कर पाता है.
Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.
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Dementia का कारण बनता है शरीर में बढ़ा हुआ HDL Cholesterol, ब्रेन पर पड़ता है बुरा असर