Air Pollution Causes Of Brain Stroke: भारत में कई घातक बीमारियां तेजी से पैर पसार रही हैं. इन्हीं में से एक ब्रेन स्ट्रोक है. इसको लेकर हाल ही में लैंसेट की एक रिसर्च में चौंकाने वाला दावा किया गया है. इस स्टडी में सामने आया कि हवा के साथ शामिल प्रदूषण का प्रभाव धूम्रपान के समान है. सांस के जरिये शरीर तक पहुंचने वाला यह प्रदूषण ही ब्रेन स्ट्रोक का मुख्य कारण बन सकता है. इसकी वजह से ब्रेन स्ट्रोक के मामले 14 प्रतिशत तक बढ़े थे.
लैंसेट की रिसर्च में भारत समेत अमेरिका, न्यूजीलैंड, ब्राजील और यूएई के वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने हिस्सा लिया था. टीम ने लंबी स्टडी के बाद बताया कि हवा में मौजूद छोटे ठोस और तरल प्रदार्थ, जो वायु प्रदूषण का मुख्य हिस्सा है. यह स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा रहे हैं. इसकी वजह से ही हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी बढ़ रही है. इसकी वजह से ही पिछले तीन दशकों में स्ट्रोक के कारण वैश्विक मामलों और मौतों में भारी वृद्धि हुई है.
ब्रेन स्ट्रोक की वजह से जा रही करोड़ों लोगों की जान
ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ी है. दुनिया भर में ब्रेन स्ट्रोक से मरने वाले और उसकी वजह विकलांग लोगों की 2021 में 1 करोड़ से भी ज्यादा पहुंच गई है, यह आंकड़ा 1990 के मुकाबले 70 प्रतिशत बढ़ा है. स्ट्रोक से संबंधित मौतें बढ़कर 70 लाख से भी ज्यादा हो गई है. स्टडी में 2021 स्ट्रोक के होने के पीछे कई कारक भी हैं. इनकी पहचान रिसर्च में की गई है.
ब्रेन स्ट्रोक के पीछे हैं ये 23 कारक
ब्रेन स्ट्रोक के बढ़ते खतरे के पीछे एक या दो नहीं बल्कि 23 कारक हैं. इनमें से आज के समय में 5 सबसे प्रमुख हैं. हाई सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर, पार्टिकुलेट मैटर वायु प्रदूषण, धूम्रपान, हाई बैड कोलेस्ट्रॉल और घरेलू वायु प्रदूषण हैं. इनमें उम्र, लिंग और स्थान के अनुसार काफी भिन्नता भी है. इसमें पार्टिकुलेट मैटर वायु प्रदूषण करीब 20 प्रतिशत और धूम्रपान से 13 प्रतिशत को कम करके वैश्विक स्ट्रोक के बोझ को कम करने में पर्याप्त प्रगति भी दिखाई.
दुनिया में मौत का तीसरी वजह बना ब्रेन स्ट्रोक
रिसर्च में दावा किया गया है ब्रेन स्ट्रोक दुनिया भर में मौत की तीसरी सबसे बड़ी वजह बनकर उबरा है. यह कोविड 19 के बाद तेजी से बढ़ा है. ऐसी स्थिति में इसे कंट्रोल करने और इससे बचने के लिए रिसर्च ने अधिक चीनी, तनाव और प्रदूषण से ज्यादा से ज्यादा बचने की सलाह दी है. साथ ही इसके लक्ष्णों को पहचान कर तुरंत उपचार किया जा सकता है. इससे स्ट्रोक के बढ़ते खतरे को टाला जा सकता है. उन्होंने साफ हवा और सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान प्रतिबंध करने जैसे उपाय अपनाने की अपील की है. यह उपाय सफल भी हुए हैं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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हवा में शामिल प्रदूषण से कई गुणा बढ़ा ब्रेन स्ट्रोक का खतरा, चौंका देगी लैंसेट की रिपोर्ट