डीएनए हिंदी: सर्दी की शुरुआत के साथ ही प्रदूषण भी हाई लेवल पर पहुंच गया है. इसकी वजह से स्वास्थ्य पर कई गंभीर बीमारियों का खतरा है. यह आंखों में जलन से लेकर सर्दी जुकाम, सिर दर्द और सांस लेने में तकलीफ तक पैदा कर रहा है. इसकी वजह हवा में शामिल इस जहरीले प्रदूषण का सीधे रूप से फेफड़ों को प्रभावित करना है. यह सांस संबंधी कई गंभीर बीमारियों का बना देता है. वही खांसी, अस्थमा से लेकर सांस से संबंधित दूसरी बीमारियों से परेशान लोगों की मुश्किलें बढ़ा देता है. अगर आपको भी प्रदूषण की वजह से सांस संबंधित परेशानियां बढ़ रही हैं या फिर सांस संबंधित बीमारियों से ग्रस्त हैं तो इन 3 योगासन का नियमित रूप से करना शुरू कर दें. यह आपको बिना किसी दवा के आराम दे सकता है. 

हर दिन मात्र 30 मिनट तक इन 3 योगासन को कर आप सांस संबंधी समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं. योगासन प्रदूषण से होने वाली समस्याओं को कम करने के साथ ही फेफड़ों की क्षमताओं को बढ़ा देते हैं. इससे आप आसानी से सांस ले सकते हैं. आइए जानते हैं ये 3 योगासन और इन्हें करने का तरीका...

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भुजंगासन 

भुजंगासन को बैकबेंड पोज और कोबरा पोज भी कहा जाता है. यह आसन आपके फेफड़ों को बूस्ट करने के साथ मानसिक शांति के लिए बेहतर होता है. यह हार्ट अटैक के खतरे को कम कर देता है. भुजंगासन को करने के लिए मैट पर पेट के बल लेट जाएं. दोनों हथेलियों को जांघों के पास जमीन की तरफ रखें. इसबात का ध्यान रखें कि आपके टखने एक-दूसरे को छूते रहें. अब अपने दोनों हाथों को कंधे के बराबर लाकर दोनों हथेलियों को फर्श की तरफ करें. साथ ही बॉडी वेट हथेलियों पर डालें, सांस भीतर खींचें और अपने सिर को उठाकर पीठ की तरफ खींचे लें. अब सिर को पीछे की तरफ खीचें और साथ ही अपनी छाती को भी आगे की तरफ निकालने की कोशिश करें. सिर को सांप के फन की तरह खींचकर रखें, लेकिन ध्यान दें कि आपके कंधे कान से दूर रहें. कंधे मजबूत बने रहें. इसके बाद अपने हिप्स, जांघों और पैरों से फर्श की तरफ दबाव बढ़ाते हुए शरीर करीब 15 से 20 सेकेंड तक इसी पॉजिशन में रहें. इस मुद्रा को छोड़ने के लिए धीरे-धीरे हाथों को वापस साइड में ले आएं. इस योगासन को नियमित रूप से करें. 

उष्ट्रासन

उष्ट्रासन आपकी सांस संबंधी परेशानियों को कम करने के साथ ही प्रदूषण के असर को कम करने में मदद करता है. इस आसन को करना भी बेहद आसान है. इसके लिए सबसे पहले जमीन पर मैट बिछा लें. अब इस पर घुटनों के बल बैठते हुए हाथों को कूल्हों पर रख लें. इसके बाद पीठ को झुकाते हुए हथेलियों को पैरों पर तब फैलाएं. जब तक आपकी बाजू सीधी न हो जाएं. इसके बाद गर्दन को तटस्थ स्थिति में रखें. कुछ मिनटों तक इसी स्थिति में रखें. अब सांस छोड़ते हुए धीरे धीरे पहली वाली मुद्रा में लौट जाएं. इसे कम से कम 2 से 3 बार दोहराएं. 

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कपालभाति

प्रदूषण से भरी जहरीली हवा से बचने के लिए नियमित रूप से कपालभाति करना बेहद जरूरी और फायदेमंद है. इसे करने के लिए मैट पर बैठ जाएं. इसके बाद लंबा सांस भरे और फिर इसे छोड़ें. कम से कम 10 से 15 मिनट तक ऐसा दोहराते रहें. इस योगासन करने से बॉडी में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है. यह फेफड़ों को बूस्ट करने के साथ ही मन को शांत करती है. इससे आपकी सांस धीमी और शरीर स्थिर होने लगता है. यह खून प्यूरीफाई करने का बेहद योगासन है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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इस मौसम में प्रदूषण ने बढ़ा दी है सांस संबंधी समस्याएं तो रोजाना करें ये 3 योगास
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इस मौसम में प्रदूषण ने बढ़ा दी है सांस संबंधी समस्याएं तो रोजाना करें ये 3 योगासन, बिना दवा मिलेगा आराम

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