डीएनए हिंदीः ब्लड शुगर हाई होने पर आप अपने किचन में मौजूद 7 तरह के आयुर्वेदिक हर्ब्स को अगर रोज खाना शुरू कर देते तो आपका इंसुलिन लेवल ब्लड में बेहतर होगा. ये हर्ब्स और मसाले डायबिटीज में दवा की तरह काम करते हैं. अगर शरीर में इंसुलिन का प्रोडक्शन कम हो रहा या इंसुलिन बॉडी पचा नहीं पा रही तो आपके लिए ये मसाले और हर्ब्स रामबाण दवा की तरह काम करेंगे.
मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जो शरीर के इंसुलिन और रक्त शर्करा के स्तर को बदल देती है. डायबिटीज में शरीर या तो अपर्याप्त शुगर का प्रोडक्शन करने लगता है या या इंसुलिन इतना उत्पादित नहीं कर पाता कि वह ब्लड में शुगर को कंट्रोल कर सके. आज आपको डायबिटीज के सबसे बेस्ट और कारगर जड़ियों और चूर्ण के बारे में बताएंगे जिसे खाना शुरू कर दें तो आपका ब्लड शुगर हमेशा अंडरकंट्रोल रहेगा.
जामुन के बीज
जामुन ही नहीं इसकी गुठलियों यानी बीज में इंसुलिन को संतुलित करने और शुगर को कम करने का गुण होता है. जामुन के बीज में जोम्बोलिन और जम्बोसिन नाम पदार्थ पाया जाता है जो खून में ग्लूकोज के स्तर को कम करता है. बिलकुल वैसे ही जैसे इंसुलिन करता है. साथ ही ये शरीर में इंसुलिन की मात्रा को भी बढ़ाता है. रोज दो चम्मच इसके बीज का पाउडर खाली पेट गुनगुने पानी से लेना शुरू कर दें. एक वीक में ही इसका असर दिखने लगेगा.
मेथी
मेथी के बीज का पाउडर चयापचय संबंधी रोगों का मुकाबला करता है. मेथी ब्लड शुगर के स्तर को कम करके डायबिटीज से लड़ने में मदद करती है. मेथी अपने हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव के कारण ग्लूकोज और टालरेंस और ब्लड शुगर को कम करने में कारगर है. साथ ही इसमें मौजूद फाइबर शुगर और कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को धीमा कर देते है. रोज सुबह खाली पेट दो चम्मच मेथी दाना पाउडर गर्म पानी से पीना शुरु कर दें.
लहसुन
लहसुन के डायबिटीज विरोधी और हाइपोलिपिडेमिक गुण होते है जो शुगर को कम करते हैं. इसमें पाए जाने वाले सल्फर यौगिक ऑक्सीडेटिव क्षति और अत्यधिक कोलेस्ट्रॉल से भी बचाव करते हैं. 2014 के एक अध्ययन के अनुसार, लहसुन डायबिटीज से जुड़ी हृदय संबंधी बीमारियों के इलाज में मदद कर सकता है. रोजाना खाली पेट दो या तीन कच्चे लहसुन की कलियों का सेवन करें.
दालचीनी
दालचीनी एक स्वादिष्ट मसाला है जिसे पेड़ की छाल से निकाला जाता है. यह मसाला चीनी की आवश्यकता को कम करता है. टाइप 2 डायबिटीज में मीठे की तलब को ये दूर करता है. 2016 के एक अध्ययन से पता चला है कि दालचीनी फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज (FPG) या हीमोग्लोबिन A1c के स्तर (HbA1c) को कम कर सकती है.
अदरक या सोंठ
अदरक के एंटी-डायबिटिक, एंटी-ऑक्सीडेटिव और हाइपोलिपिडेमिक गुण रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं. इसके अतिरिक्त, अदरक कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है.अदरक के सूखे पाउडर सोंठ को भी यूज किया जा सकता है. ये ऑक्सीकरण को कम करके इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाता है. यहां तक कि वजन घटाने में भी ये फायदेमंद होता है. अदरक का उपयोग अक्सर सूजन और पाचन स्थितियों के इलाज के लिए किया जाता है.
हल्दी
हल्दी जैसे मसाले ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं. इसके एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-एथेरोस्क्लोरोटिक गुण न केवल इंसुलिन के प्रोडकशन को बढ़ाते हैं बल्कि हार्ट की सुरक्षा और वजन कम करने में भी सहायक हैं- रोज सुबह हल्दी का काढ़ा चाय की तरह पीएं और खाने में ज्यादा यूज करें.
करी पत्ता
सुगंधित करी पत्तों से उच्च रक्त शर्करा का प्रबंधन भी किया जा सकता है. इस जड़ी बूटी में कई खनिज होते हैं जो संतुलित रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने में सहायता करते हैं. यह भी प्रभावित करता है कि कार्बोहाइड्रेट कैसे चयापचय होते हैं. साथ ही, यह ऑक्सीडेटिव तनाव के खतरे को कम करता है. रोजाना सुबह खाली पेट कुछ कोमल करी पत्ते चबाएं. करी पत्ते को करी सहित विभिन्न व्यंजनों में भी शामिल किया जा सकता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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