डीएनए हिंदीः गठिया आमतौर जोड़ों में बेहद दर्द और सूजन के साथ जकड़न की वजह होती है. गठिया का ये दर्द यूरिक एसिड की अधिकता या किडनी के सही काम न करने से ही होता है. गठिया उम्र के साथ और भी बदतर हो सकता है. सबसे खराब स्थिति में इसका असर ये होता ही कि हड्डियां मुड़ने लगती हैं और चलना-फिरना मुश्किल होने लगता है.

सौभाग्य से दर्द से राहत पाने के लिए आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ियां मौजूद हैं जो गठिया के लिए रामबाण साबित होती हैं. गठिया के दर्द से राहत पाने के लिए गर्म पानी में नमक डालकर सेंकना तुरंत दर्द से राहत देता है. यह आपके जोड़ों को आराम देता है और उन्हें बेहतर कार्य करने में मदद करता है. हालांकि ये तभी काम करता है जब मामला गंभीर न हो. अगर गंभीर दर्द है तो यहां बताई जा रही ये ​​जड़ी-बूटियां काम आएंगी.

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1.पत्थरचट्टा

पत्थरचट्टा एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है जो कि शरीर में कई प्रकार के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है. हड्डियों के दर्द को कम करने के अलावा ये हड्डियों को अंदर से मजबूत बनाता है और लिगामेंट टिशूज को हेल्दी रखता है . जोड़ों के दर्द के लिए पत्थरचट्टा की पत्तियों को पानी में उबाल लें और फिर इसे पानी में नमक मिलाकर इसका सेवन करें. आप इसका काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं जो कि जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है क्योंकि ये शरीर की ताप बढ़ाता है और सूजन को कम करता है. 

2. अजवाइन

सूजन-रोधी तत्वों के कारण अजवाइन के पत्ते या बीज गठिया के दर्द को ठीक करने के लिए एक बेहतरीन है. गर्म पानी के टब में एक चम्मच अजवायनडालें और अपने दर्द वाले जोड़ों को पानी में भिगोकर 5-10 मिनट तक बैठें रखें; इससे सूजन और दर्द को कम करने में मदद मिलेगी. दूसरा तरीका यह है कि इन बीजों या हरी पत्तियों का रस पीएं और इसी रस को जोड़ों पर मलें.

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3. दशमूल

दशमूल दस औषधीय जड़ी बूटियों का मिश्रण है जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है. दशमूल में से पांच जड़ें और पांच  छाल होते हैं. इसमें बेल, पाढ़ल, गंभार, सोना पाढ़ा, अरनी, सरिवन, पिढ़वन, बड़ी कटेरी, छोटी कटेरी और गोखरू होता है. दशमूल शरीर में सूजन की स्थिति या वात रोग में प्रभावी है. इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सीडेंट, एनाल्जेसिक और शामक गुण जोड़ों के दर्द को ठीक करने में मदद करते हैं. यह तेल और पाउडर के रूप में उपलब्ध है.

4. शल्लाकि

शल्लकी जड़ी बूटी जोड़ों को अंदर से मजबूत बनाती है और दर्द से राहत दिलाती है. यह सूजन को कम करने में भी मदद करता है और गतिशीलता को बढ़ाता है. बोसवेलिया सेराटा के नाम से लोकप्रिय शल्लाकी आवश्यक तेल और पाउडर के रूप में भी उपलब्ध होती है.

5निर्गुंडी

निर्गुंडी एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, जिसका उपयोग सभी प्रकार के जोड़ों के दर्द के लिए किया जाता है. निर्गुंडी का सेवन करने से सूजन के साथ-साथ अत्यधिक दर्द भी कम हो सकता है. इसके शक्तिशाली सूजन-रोधी, ऐंठन-रोधी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण जोड़ों को कुछ ही समय में उनकी स्वस्थ स्थिति में लाने में मदद करते हैं. निर्गुंडी पौधे की पत्तियों के बाद तना और बीज सबसे अधिक लाभकारी होते हैं. यह पौधा स्वाद में कड़वा होता है और इसकी तासीर गर्म होती है, जो इसे जोड़ों के दर्द के लिए और भी प्रभावी बनाता है. आप निर्गुण्डी के तेल का उपयोग कर सकते हैं और इसे जोड़ों पर लगा सकते हैं, पत्तियों का पेस्ट बनाकर लगा सकते हैं या पत्तियों का काढ़ा बनाकर भी लगा सकते हैं.

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(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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5 जड़ी-बूटियां गठिया के दर्द का हैं रामबाण इलाज, नहीं बढ़ेगा यूरिक एसिड
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5 जड़ी-बूटियां गठिया के दर्द का हैं रामबाण इलाज, न बढ़ेगा यूरिक एसिड-न जोड़ होंगे जाम