डीएनए हिंदी: जलवायु परिवर्तन (Climate Change) मौजूदा वक्त की सबसे बड़ी महामारी (Epidemic) में तब्दील हो सकता है. ऐसा हो सकता है कि क्लाइमेट चेंज कोरोना वायरस से भी ज्यादा जानलेवा महामारी बनकर सामने आए. जलवायु परिवर्तन लगभग हर देश - विकसित, विकासशील या तीसरी दुनिया को प्रभावित कर रहा है जिसमें समाज के हर सामाजिक-आर्थिक स्तर के लोग शामिल हैं. अब दुनिया को क्लाइमेट चेंज का पहला मरीज भी मिल गया है.

कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में एक डॉक्टर ने 'जलवायु परिवर्तन' से पीड़ित एक मरीज का की पहचान की है. यह संभवत: क्लाइमेट चेंज का पहला मरीज है. मरीज को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. यह जाहिर तौर पर जलवायु परिवर्तन से जुड़ा एक रोग है.

कनाडा में स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि शख्स की बीमारी के लिए खराब वायु गुणवत्ता और गर्व हवा की लहरें जिम्मेदार थीं. कूटने लेक अस्पताल (Kootenay Lake Hospital) के इमरजेंसी विभाग (ईआर) विभाग के प्रमुख डॉ मेरिट को दुनिया का पहला क्लाइमेट चेंज का मरीज मिला.

कैसे बीमार हुआ था शख्स?

पांच दिनों तक लू चलने और जंगल की आग से निकलने वाले घने धुएं के बाद हवा की गुणवत्ता खराब हो गई  थी जिसकी वजह से रोगी का स्वास्थ्य बिगड़ता चला गया.  एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया के मुताबिक कूटनेज में हाल ही में जंगल में आग लगने के बाद से मरीज सांस संबंधी मुश्किलों का सामना कर रहा था. उसका अस्थमा खतरे के स्तर तक पहुंच गया. 

बबी वाइल्ड फायर सर्विस की वेबसाइट के मुताबिक जंगल की आग से सबसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में से एक ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत का कूटने इलाका भी है. इस क्षेत्र में इस साल करीब 1,600 से अधिक बार आग लग चुकी है. इस क्षेत्र के डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां हीटवेव ने मधुमेह और हार्ट फेल जैसी मौजूदा स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा दिया है.

चिकित्सकों का यह भी मानना है कि मृत्युदर या गंभीर बीमारियों को जलवायु  परिवर्तन और हीट वेव( गर्म हवाएं) से जोड़ना बिना लगातार शोध के आसान काम नहीं है. हालांकि लगातार ऐसे केस सामने आ रहे हैं, जिसका इलाज डॉक्टर कर रहे हैं. ब्रिटिश कोलंबिया के लिटन गांव में इस साल 29 जून को अब तक का उच्चतम तापमान 49.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. इस दौरान लू के प्रकोप से सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी. ग्लासगो में COP26 शिखर सम्मेलन में सार्वजनिक स्वास्थ्य और जलवायु संकट पर चर्चा भी की गई थी.

कैसे हुई मरीज की पहचान?
पेशेंट को ट्रीट करने वाले डॉक्टर मेरिट का दावा है अब गर्मी और धुएं से होने वाली बीमारियों के इलाज पर डॉक्टर ध्यान दें और किन वजहों से ऐसी बीमारियां बढ़ रही हैं इसका रहस्य तलाशें. 

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How world first patient suffering from climate change was diagnosed
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दुनिया के पहले क्लाइमेट चेंज के मरीज की कैसे हुई पहचान?
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जलवायु परिवर्तन की समस्या से जूझ रही है दुनिया. (सांकेतिक तस्वीर)
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जलवायु परिवर्तन की समस्या से जूझ रही है दुनिया. (सांकेतिक तस्वीर)

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