डीएनए हिंदी: रूसी न्यूज एजेंसी TASS की एक रिपोर्ट में रूस के लोगों से जुड़ी हैरान करने वाली बात सामने आई है. इस रिपोर्ट के अनुसार रूस में Antidepressant यानी डिप्रेशन कम करने में मदद करने वाली दवाओं की मांग तेजी से बढ़ी है. रिपोर्ट की मानें तो 21 सितंबर को जब राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 300,000 की रिज़र्व आंशिक सैन्य टुकड़ी की भर्ती की घोषणा की तब से इस मांग में खासा इजाफा हुआ है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एंटी डिप्रेशन से जुडी दवाओं की सेल 120% तक बढ़ गई है.
रूसी दवा कंपनी का दावा भी
रूसी दवा कंपनी DSM Group का डाटा भी ऐसे ही तथ्य पेश करता है. इसके मुताबिक 19 से 25 सितंबर के बीच अचानक से डिप्रेशन में इस्तेमाल में लाई जाने वाली दवाओं की खरीद फरोख्त में तेज़ी आई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले एक महीने में रूस में Antidepressant की सेल में 2021 की तुलना में 77% तक का इज़ाफ़ा हुआ है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो रूस में लोग काफी तनाव में जी रहे हैं. Alliance of Pharmaceutical Associations के अध्यक्ष विक्टोरिया प्रेस्नाकोवा के मुताबिक फरवरी में रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुआ युद्ध लोगों के बीच बढ़ते तनाव की बड़ी वजह है. इस युद्ध के बाद से Antidepressant, नींद की गोलियों और Tranquilizers की मांग पिछले कई साल की तुलना में तेज़ी से बढ़ रही है.
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तनाव में जी रहे हैं रूस के लोग
रूस-यूक्रेन में संघर्ष शुरू होने के बाद से रूसियों ने अन्य उत्पादों के बीच एंटी-डिप्रेशन, नींद की गोलियों का इस्तेमाल तेज़ी से बढ़ा दिया है .प्रेस्नाकोवा के अनुसार, ऐसे कई मरीज हैं जिन्होंने पहले ऐसी दवाएं कभी नहीं ली थीं, मगर युद्ध के चलते तनाव का स्तर इस हद तक बढ़ गया कि दवाओं का सहारा लेना पड़ रहा है. रूस में इस तरह की दवाओं को लेने के लिए डॉक्टर प्रिस्क्रिप्शन की जरूरत नहीं पड़ती है.ये भी बता दें कि रूस स्थित फार्मेसी में ऐसी कई दवाएं स्वतंत्र रूप से खरीदी जा सकती हैं जिनके लिए यूरोप सहित दुनिया के कई देशों में डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन की ज़रूरत होती है.
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युद्ध से मुक्ति चाहते हैं लोग
बेशक रूसी मीडिया रिपोर्ट्स ये बताती हैं कि रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आज भी कई प्रशंसक हैं, फिर भी बढ़ते तनाव की ये खबर एक नई तस्वीर पेश करती है. भले ही रूसी लोग आज भी युद्ध के लिए हजारों सैनिकों को भेजने के फैसले का समर्थन करते हैं, लेकिन सोशल मीडिया और दूसरी मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कई रूसी पश्चिम देशों द्वारा मास्को पर लगाए गए प्रतिबंधों से परेशान हैं. वे जल्दी इस युद्ध और तनाव से मुक्ति चाहते हैं.
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Russia-Ukraine War: अवसाद में जी रहे हैं रूसी लोग, 120% तक बढ़ी Antidepressant की डिमांड