डीएनए हिंदी: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ ने आज 79 वर्ष की आयु में दुबई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली. वे जिस देश (भारत) में पैदा हुए, पाकिस्तान जाकर उसके ही कट्टर विरोधी हो गए. जिन नवाज शरीफ ने उन्हें सेना प्रमुख बनाया, उनकी ही सरकार मुशर्रफ ने गिरा दी. मुशर्रफ ने लंबे वक्त तक बंदूक के दम पर शासन किया. साल 2014 में उन्हें कोर्ट ने देशद्रोह के मामले में मौत की सजा सुनाई तो स्वास्थ्य का बहाना देकर विदेश भाग गए और फिर कभी पाकिस्तान नहीं लौटे.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने परवेज मुशर्रफ को सेना प्रमुख बनाया था लेकिन मुशर्रफ ने उन्हें धोखा देकर पाकिस्तान में लोक तंत्र की हत्या कर दी. इसके बाद पहले वहां सैन्य शासन चला औऱ साल 2001 से 2008 तक राष्ट्रपति के तौर पर मुशर्रफ ने तानाशाही शासन चलाया था. वे यह दिखाने की कोशिश करते रहे वि पाकिस्तान में लोकतंत्र को मजबूत करने के प्रयास कर रहे हैं और इसीलिए उन्होंने साल 2002 में जनमत संग्रह की नौटंकी की लेकिन वह हमेशी ही सवालिया निशानों को घेरे में रही.
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का निधन, दुबई में ली आखिरी सांस
उदार बनने का दिखावा करते रहे परवेज मुशर्रफ
मुशर्रफ यह दावा करते रहे कि वे आतंकवाद का खात्मा करने में सक्षम हैं लेकिन हकीकत यह थीं कि पाकिस्तान में सेना मुशर्रफ के समर्थन से आतंकवाद को विस्तार दे रही थी. मुशर्रफ ने आतंकवाद के खिलाफ इस दिखावटी जंग को तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के सामने भी पेश कर दिया, जिसका नतीजा यह हुआ कि नाटो सेनाएं पाकिस्तान में आतंकवाद का खात्मा करने उतरी थीं.
परवेज मुशर्रफ को नवाज शरीफ ने ही बनाया था सेना प्रमुख, सरकार गिराकर किया लोकतंत्र का खात्मा
2007 में मुशर्रफ फिर चुनाव जीते थे लेकिन इसमें भी धांधली के आरोप लगे थे. अहम बात यह है कि एक तानाशाह शासक को एक उदार शख्स के तौर पर पेश किया जाता रहा लेकिन मुशर्रफ के शासन में ही पाकिस्तान की लाल मस्जिद में 105 लोगों को मौत के घाट उतारा गया था जिसके बाद जब मुशर्रफ शासन पर सवाल खड़े हुए तो देश में अचानक आपातकाल लगा दिया गया.
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मौत की सजा से पहले छोड़ा देश
बता दें कि दोबारा पाकिस्तान में नवाज शरीफ की सरकार आने के बाद पाकिस्तान में मुशर्रफ का जीना मुहाल हो गया था. 30 मार्च 2014 को मुशर्रफ पर 3 नवंबर 2007 को संविधान को निलंबित करने का आरोप लगाया गया थाा. 17 दिसंबर, 2019 को एक विशेष अदालत ने मुशर्रफ को उनके खिलाफ उच्च राजद्रोह के मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी.
पूर्व सैन्य शासक इलाज के लिए मार्च 2016 में देश छोड़कर दुबई चले गए थे और उसके बाद से पाकिस्तान नहीं लौटे थे. मुशर्रफ अपने ऊपर लगे आरोपों के चलते फिर कभी पाकिस्तान गए ही नहीं. हालांकि उनके वीडियोज और फोटो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुए.
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धोखा, साजिश और तख्तापलट: जिस देश में बने तानाशाह, वहीं मिली मौत की सजा, साजिशों से भरी है मुशर्रफ की कहानी