कौन थे ताशी नामग्याल, Indian Army ने क्यों दी एक चरवाहे के निधन पर उसे सलामी?
Who was Tashi Namgyal: ताशी नामग्याल लद्दाख के एक मामूली चरवाहे थे, लेकिन 1999 के कारगिल युद्ध में उनकी सूचना पर ही भारतीय सेना को पाकिस्तान के नापाक इरादों की जानकारी मिली थी.
Kargil Vijay Diwas: वो फोन कॉल, जिसने कर दिया था कारगिल युद्ध का भारत के पक्ष में फैसला
Kargil Vijay Diwas: कारगिल में 3 मई, 1999 को युद्ध शुरू होने के लगभग एक महीने तक भारत हार रहा था. लेकिन फिर एक ऐसी फोन कॉल सामने आई, जिसने भारत का पलड़ा पाकिस्तान पर भारी कर दिया.
Kargil War 25th Anniversary : क्यों आज भी कैप्टन सौरभ कालिया का परिवार कर रहा है इंसाफ की मांग?
Kargil War 25th Anniversary: आज भले ही Kargil War को 25 वर्ष बीत चुके हों और पाकिस्तान ने भारत का लोहा मान लिया हो. मगर हम Captain Saurabh Kalia की कुर्बानी को शायद ही कभी भुला पाएं, जिन्हें मारने से पहले 22 दिनों तक पाकिस्तान ने तरह तरह की यातनाएं दीं.
Kargil War 25th Anniversary: क्यों मुशर्रफ के खिलाफ खड़े हुए थे पाकिस्तान के एयर चीफ मार्शल परवेज कुरैशी
Kargil War 25th Anniversary: माना जाता है कि Kargil में भारत और पाकिस्तान का युद्ध General Pervez Musharraf की जिद और सनक का नतीजा था. खुद पाकिस्तान में हालात कैसे थे इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि तत्कालीन Air Chief Marshall Parvaiz Qureshi ने मुशर्रफ को PAF की मदद देने से मना कर दिया था.
धोखा, साजिश और तख्तापलट: जिस देश में बने तानाशाह, वहीं मिली मौत की सजा, साजिशों से भरी है मुशर्रफ की कहानी
Pervez Musharraf ने पाकिस्तान पर 1999 में करगिल युद्ध थोपा था और इसके बाद लंबे वक्त तक सैन्य शासन चलाया था.
Kargil Vijay Diwas: "जब यह खत आपको मिलेगा, मैं ऊपर आसमान में अप्सराओं के पास रहूंगा" - विजयंत थापर
Kargil Vijay Diwas : "मुझे कोई पछतावा नहीं है; शायद मैं फिर से इंसान बना तो फ़ौज में ही जाऊंगा और अपने देश के लिए लडूंगा. " करगिल हीरो Vijayant Thapar अपने आखिरी खत में.
Kargil Vijay Diwas: 1999 में कारगिल में क्या हुआ था, 6 पॉइंट्स में जानिए पूरी कहानी
Kargil Vijay Diwas: हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. सन 1999 में आज ही के दिन भारतीय शूरवीरों ने बहादुरी दिखाते हुए पाकिस्तानी फौज को रणभूमि में धूल चटाई थी. यही वो दिन था जब वीर जवानों ने कारगिल की चोटियों से पाकिस्तानी फौज को खदेड़कर वहां तिरंगा फहराया था. भारतीय सेना की इस जीत को 'ऑपरेशन विजय' नाम दिया गया.