Who Was Tashi Namgyal: लद्दाख में एक चरवाहे ताशी नामग्याल (Tashi Namgyal) का निधन हो गया है. महज एक मामूली चरवाहा होने के बावजूद भारतीय सेना ने उनके निधन पर दुख जताते हुए उन्हें सैल्यूट किया है. आप चौंक रहे होंगे कि भारतीय सेना ने एक मामूली चरवाहे के लिए यह काम क्यों किया है? चलिए हम आपको बताते हैं कि ताशी नामग्याल कौन थे, जिनकी दी हुई सूचना को 1999 के कारगिल युद्ध में पाकिस्तान के नापाक इरादों की जानकारी देने वाली सबसे अहम जानकारी माना जाता है. इसी जानकारी से भारतीय सेना अलर्ट हुई थी और उसने अपने इतिहास के सबसे दुर्गम युद्धों में से एक में बहादुरी और बलिदान की पराकाष्ठा दिखाते हुए जीत हासिल की थी.
सेना ने क्या कहा है ताशी नामग्याल के निधन पर
ताशी नामग्याल के निधन की सूचना भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने साझा की है. फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने शुक्रवार को इसे लेकर एक्स (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट लिखी है. इस पस्ट में सेना ने लिखा,'एक देशभक्त चला गया. लद्दाख के दिलेर आपको शांति मिले. फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ताशी नामग्याल के अचानक निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि देती है. ऑपरेशन विजय 1999 के दौरान राष्ट्र के प्रति उनकी अमूल्य सेवा स्वर्णाक्षरों में अंकित रहेगी. इस दुख की घड़ी में हम शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं.'
A PATRIOT PASSES
— @firefurycorps_IA (@firefurycorps) December 20, 2024
Braveheart of Ladakh - Rest in Peace
Fire and Fury Corps pays tribute to Mr Tashi Namgyal on his sudden demise. His invaluable contribution to the nation during Op Vijay 1999 shall remain etched in golden letters. We offer deep condolences to the bereaved… pic.twitter.com/jmtyHUHNfB
नामग्याल ने ही दी थी भारतीय चौकियों पर कब्जे की सूचना
ताशी नामग्याल लद्दाख के कारगिल इलाके में रहने वाले चरवाहे थे, जो वहां की माउंटेन रेंज के बुग्यालों में अपनी बकरियों और याक आदि को चराने के लिए घूमते रहते थे. ताशी ने ही सबसे पहले बटालिक की माउंटेन रेंज में पठान आतंकियों की ड्रेस पहनकर बंकर खोदते पाकिस्तानी सेना के जवानों को देखा था. अपने गायब याक को खोज रहे ताशी उन्हें देखते ही पहचान गए थे. उन्होंने तत्काल इसकी जानकारी भारतीय सेना को दी थी. इस जानकारी के बाद भारतीय सेना अलर्ट पर आई थी और जांच शुरू की थी. इससे ही कारगिल और बटालिक सेक्टर में पाकिस्तानी सेना के आतंकियों का भेष बनाकर भारतीय इलाके में घुसपैठ करने और उन भारतीय चौकियों पर कब्जा करने की जानकारी मिली थी, जो भारतीय सेना हर साल सर्दियों में बर्फबारी का सीजन शुरू होने पर खाली करने के बाद नीचे आ जाती थी.
नामग्याल की जानकारी के बाद शुरू हुआ था ऑपरेशन विजय
नामग्याल की जानकारी के बाद पाकिस्तानी सेना की घुसपैठ की पुष्टि होने पर भारतीय सेना ने मई, 1999 में ऑपरेशन विजय शुरू किया था. यह ऑपरेशन मई से जुलाई तक चला था, जिसमें भारतीय सेना ने विषम हालातों के बावजूद अपनी बहादुरी और बलिदान की भावना से पूरी दुनिया को चौंका दिया था. इस युद्ध में भारत ने पाकिस्तानी जवानों को अपनी सारी चौकियों से खदेड़कर जीत हासिल की थी.
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कौन थे ताशी नामग्याल, Indian Army ने क्यों दी एक चरवाहे के निधन पर उसे सलामी?