RBI MPC Meet: आरबीआई ने जीडीपी वृद्धि अनुमान में नहीं किया बदलाव, रेपो रेट अब प्री-कोविड लेवल से ऊपर

रेपो रेट में इजाफे (RBI Repo Rate Hike) का मतलब है कि बैंकों की रिटेल लोन यानी होम लोन (Home Loan), पर्सनल लोन (Personal Loan) और ऑटो लोन (Auto Loan) की ब्याज दरों में इजाफा हो जाएगा. आपको बता दें कि इससे पहले इस वित्त वर्ष 40 और 50 आधार अंकों का इजाफा कर चुका है.

आम लोगों की RBI MPC की बैठक पर नजर, 0.35 फीसदी तक बढ़ सकती है Repo Rate

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भी प्रमुख नीतिगत दर रेपो (RBI Repo Rate) में 0.25 से 0.35 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि महंगाई पर अंकुश के लिए केंदीय बैंक आगामी एमपीसी बैठक में रेपो दर बढ़ा सकता है.

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आरबीआई एमपीसी (RBI MPC) द्वारा जून में रेपो दर (Repo Rate) बढ़ाकर 4.90 प्रतिशत करने के बाद से डिपोजिट प्रोडक्ट्स पर ब्याज दरें बढ़ गई हैं, लेकिन वे अभी भी महंगाई की सीमा से नीचे हैं.

ICICI Bank FD Rate: 6 दिनों में दूसरी बार किया एफडी दरों में इजाफा 

ICICI Bank FD Rate: RBI ने बीते दो महीनों में रेपो दरों में 90 बेसिस प्वाइंट्स का इजाफा किया है. जिसके बाद आरबीआई की रेपो दरें 4.90 फीसदी पर आ गई हैं.

Yes Bank ने लांच किया Repo Rate Linked FD, जानें निवेशकों को होगा कितना फायदा 

Repo Rate Linked FD का मतलब है कि FD धारकों को रेपो रेट में उतार-चढ़ाव के आधार पर डायनेमिक रिटर्न मिलेगा. 

ये बैंक सीनियर सिटीजंस को दे रहे हैं सबसे ज्यादा ब्याज, एक साल से 5 साल तक की एफडी पर होगी जबरदस्त कमाई

आरबीआई ने रेपो दरों में 0.50 फीसदी का इजाफा किया है. ऐसे में बैंकों ने एफडी दरों में इजाफा किया है. जिसका फायदा सीनियर ​सिटीजंस को भी मिला है.

बैंक ऑफ बड़ौदा ने किया एफडी की दरों में इजाफा, जानिए कितनी होगी कमाई

आरबीआई ने अपनी रेपो दरों में 0.50 फीसदी का इजाफा किया है. जिसके बाद बैंकों ने एफडी रेट्स में इजाफा करना शुरू किया है.

What is Repo Rate, आम लोगों की जिंदगी में कैसे डालता है असर 

RBI Repo Rate जब बढ़ता है तो आम लोगों की ईएमआई में इजाफा होता है. साथ ही बैंक सेविंग और टर्म डिपोजिट की ब्याज दरों में इजाफा कर देते हैं.

इन चार सरकारी बैंकों में सेविंग अकाउंट पर मिल रहा है सबसे ज्यादा ब्याज, देखें कितनी होती है कमाई 

नीतिगत ब्याज दरों में ब्याज दरों में इजाफे का दौर शुरू हो गया है, जिससे बैंकों ने सेविंग और फिक्स्ड डिपोजिट की ब्याज दरों में बढ़ोतरी शुरू कर दी है.