डीएनए हिंदी: आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (RBI MPC) द्वारा जून में रेपो दर (Repo Rate) बढ़ाकर 4.90 फीसदी करने के बाद से डिपोजिट प्रोडक्ट्स पर ब्याज दरें बढ़ गई हैं, लेकिन वे अभी भी महंगाई की सीमा से नीचे हैं. रेपो दर में वृद्धि (Repo Rate Hike) के बाद से हमने शॉर्ट टर्म डिपोजिट्स पर ब्याज दरों में इजाफा देखा है. हालांकि, बढ़ती हुई बैंक फिक्स्ड डिपोजिट ब्याज दरें 2022 में पोस्ट ऑफिस स्कीम्स की तुलना में कम रहीं. एसबीआई, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी, एक्सिस बैंक, पीएनबी, बीओबी जैसे टॉप बैंकों द्वारा दी जाने वाली फिक्स्ड डिपोजिट पर ब्याज दरें (Fixed Deposit Interest Rates) सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS), पब्लिक प्रोविडेंट फंड खाता (PPF) और सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) जैसी पोस्ट ऑफिस स्कीम्स (Post Office Schemes) पर ब्याज दरों से काफी कम है. अगर आप बढ़ती ब्याज दरों के बीच फिक्स्ड डिपोजिट की तुलना में अधिक सुरक्षित रिटर्न हासिल करना चाहते हैं तो पोस्ट ऑफिस की इन सेविंग स्कीम्स पर विचार कर सकते हैं.
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS)
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (एससीएसएस) एक छोटी सेविंग स्कीम है जो सीनियर सिटीजंस के बीच पसंदीदा निवेश विकल्प है जो फिक्स्ड डिपोजिट से बेहतर रिटर्न देता है. 60 वर्ष से अधिक आयु के वयस्क, 55 वर्ष से अधिक लेकिन 60 वर्ष से कम आयु के रिटायर्ड सिविल कर्मचारी, और 50 वर्ष से अधिक लेकिन 60 वर्ष से कम आयु के रिटायर्ड सैन्यकर्मी एससीएसएस अकाउंट खोल सकते हैं.
सीनियर सिटीजन व्यक्तिगत रूप से या अपने पति या पत्नी के साथ संयुक्त रूप से 1000 रुपये की न्यूनतम जमा राशि के साथ अधिकतम 15 लाख रुपये जमा करके खाता खोल सकता है. सीनियर सिटीजन भी SCSS के तहत किए गए निवेश पर धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक के टैक्स बेनिफिट का क्लेम कर सकते हैं और वर्तमान में सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम तिमाही आधार पर 7.4 फीसदी प्रति वर्ष का रिटर्न दे रहा है. एससीएसएस की मैच्योरिटी अवधि 5 साल है, हालांकि, समय से पहले विड्रॉल की अनुमति किसी भी समय दंड के साथ खोलने की तारीख के बाद दी जाती है.
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पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
पीपीएफ लंबी अवधि के निवेशकों के लिए सबसे अधिक पसंद किए जाने वाले निवेश उत्पादों में से एक है. इस योजना में न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक सालाना निवेश किया जा सकता है. निवेशक इस स्कीम में 1.5 लाख रुपये का 80सी के तहत टैक्स बेनिफिट भी मिलता है. पीपीएफ में 15 साल की मैच्योरिटी अवधि होती है, और जमा पर, निवेशक वर्तमान में 7.1 प्रतिशत वार्षिक कंपाउंडिड रेट से ब्याज प्राप्त कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त, आयकर अधिनियम के तहत, अर्जित ब्याज पूरी तरह से टैक्स फ्री है. अकाउंट खोलने के पांच साल बीत जाने के बाद ही, इमरजेंसी के लिए पीपीएफ अकाउंट को समय से पहले निकाला जा सकता है.
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)
यह पोस्ट ऑफिस योजना विशेष रूप से उन पेरेंट्स के लिए है जो अपनी बेटी के भविष्य के लिए आर्थिक रूप से सेविंग करना चाहते हैं. नाम से पता चलता है कि एसएसवाई अकाउंट 10 साल से कम उम्र की लड़कियों की ओर से अभिभावकों द्वारा खोला जा सकता है. भारत में एक परिवार में अधिकतम दो बेटियों के लिए एक लड़की के नाम पर केवल एक खाता रजिस्टर्ड किया जा सकता है. एसएसवाई अकाउंट में साल में मिनिमम 250 रुपये और अधिकतम 1,50,000 रुपये तक डिपोजिट किए जा सकते हैं, अकाउंट पहली बार खुलने के बाद अधिकतम 15 वर्षों के लिए जमा किया जा सकता है. सुकन्या समृद्धि योजना में धारा 80सी के तहत सालाना 1.5 लाख रुपये तक टैक्स बेनिफिट मिलता है. सुकन्या समृद्धि अकाउंट मौजूदा समय में 7.6 फीसदी सालाना रिटर्न दे रहा है. जब तक बेटी 18 वर्ष की आयु तक नहीं पहुंच जाती, तब तक अभिभावक खाते का प्रबंधन करेगा, और एक बच्ची खाता बंद कर सकती है और खाता खोले जाने के 21 वर्ष बीत जाने पर परिपक्वता लाभ प्राप्त कर सकती है.
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