डीएनए हिंदीः 30 सितंबर को RBI ने रेपो रेट में 0.50 bps की बढ़ोतरी की घोषणा कर दी. शेयर बाजार ने इसका जोरदार स्वागत भी किया. बाजार करीब 2 % ऊपर जा कर बंद हुए लेकिन अभी भी इस साल की शुरुआत के मुकाबले Nifty Index 3 प्रतिशत नीचे ही है. ऐसे में इस वित्त वर्ष में बाजार हरा नहीं हो पाया है. पिछले साल की तरह इस साल भी FPI दबाकर बिकवाली कर रहे है. जिसकी वजह से फाईनेशिंयल मार्केट में दबाव बना हुआ है. पिछले कुछ सालों के आकड़ों को देखें तो ट्रेंड बताता है कि इस साल बाजार में पैसे बनने की उम्मीद कम ही रखें.
Nifty 50 में कोई ग्रोथ नहीं
इस साल के 9 महीने बीत गए हैं. लेकिन Nifty 50 इंडेक्स में कोई ग्रोथ नहीं हो पाई है. 3 जनवरी , 2022 को निफ्टी 17625 पर थी. 30 सिंतबर को बाजार में करीब 2 % तेजी के बाद भी Nifty 17095 पर बंद हुआ.
ऐसा नही है कि बाजार में इन 9 महीनों में कोई उठापटक नहीं हुआ. बाजार ने कई बार 18000 के पार भी निकला. इस बीच इंडेक्स ने 18604 और 15183 के स्तर भी देखा. लेकिन ऊपर के स्तरों पर लगातार बिकवाली के कारण बाजार आगे बढ़ नहीं पाया.
FII और DII का मार्केट कनेक्शन
विदेशी संस्थागत निवेशकों (Foreign Institutional Investors ) को FII और Domestic Institutional Investors (DII) को कहा जाता है. पिछले कई सालों तक एक आम मध्यम वर्गीय भारत का शेयर बाजार में भरोसा नहीं था. कुछ कुछ सालों में होने वाले घोटालों के कारण आम आदमी शेयर बाजार में अपने निवेश को सुरक्षित भी नहीं मानता था. मगर बड़े बड़े बैंक के द्वारा म्यूच्यूल फंड लांच करने से लोगों में थोड़ा भरोसा बना. बाजार में आपके निवेश का बेहतर रिटर्न मिला तो और लोग जुड़ते चले गए. ऐसे में भारत में भी संस्थागत घरेलू निवेशकों (DII) की संख्या बढ़ती चली गई. एक वक्त था अगर FII किसी भी कारण से भारतीय बाजारों से पैसा निकाले तो भारत के बाजार औंधें मुंह गिर जाता था. लेकिन आम भारतीयों के लगातर निवेशित करते रहने के कारण अब ऐसा नहीं होता. मगर अब भी अगर FII निवेश कम करता है या बेचता चला जाता है तो बाजार में रिटर्न नहीं मिलता.
9 महीनों में 1.7 लाख करोड़ की बिकवाली कर चुके हैं FII
अमेरिका में ब्याज दरों के बढ़ने की आहट से ही FII ने पैसा निकालना शुरु कर दिया था. FII ने जनवरी महीने में 28,526 करोड़, फरवरी में 38.068 करोड़, मार्च में 50,068 करोड़, अप्रैल में 22688 करोड़, मई में 36518 करोड़ और जून में 51422 करोड़ रु निकाल लिए थे.
FII ने जुलाई में 1971 करोड़ और अगस्त में 56,521 करोड़ की खरीददारी की. इस महीने भी 13 सितंबर तक भी FII भारतीय बाजार में पैसा डालते रहे. लेकिन फेडरल बैंक के ब्याज दरें बढ़ाने के फैसले के बाद से FII जम कर बेचना शुरु कर दिया है. ऐसे में इस आगे बचे 3 महीनों में भी ज्यादा कुछ बदलता दिख नहीं रहा है. RBI ने भारत में भी ब्याज दरें बढ़ाई है, GDP ग्रोथ का टारेगट कम किया है. ब्याज दरों के असर भी भारतीय इकोनामी में जल्द ही देखने को मिलेगा.
FII ने जमकर बेचा तो नहीं बनता शेयर बाजार में पैसा
पिछले 7 सालों के डाटा बताता है कि अगर बाजार में FII ने विश्वास नहीं दिखाया तो आपको रिटर्न कम मिलता है. इस साल अभी तक FII ने 1.7 लाख की बिकवाली की है. इस साल NIFTY Index का रिटर्न -3 प्रतिशत है.
वहीं साल 2016 में FII ने 25514 करोड़ रु की बिकवाली की तो उस साल NIFTY में महज 3 % की वृद्धि दर्ज की गई. अगले साल 2017 में FII ने 2 लाख करोड़ डाले तो बाजार में 28.7 % का रिटर्न मिला. साल 2018 में FIIने 80,687 करोड़ की निकाले तो Nifty का रिटर्न 3 % था. अगले साल 2019 में FII ने 1.24 लाख करोड़ निवेश किए तो इंडेक्स का रिटर्न 12 प्रतिशत आया.
वहीं साल 2020 में कोविड के कारण पहले तो जमकर बिकवाली हुई बाजार औधें मुंह गिरा था. लेकिन कोविड पहली लहर बीतने के बाद बाजार बेहतर होते चले गए. उस साल इंडेक्स में 14.9% रिटर्न मिला. पिछले साल 2021 की दूसरी छमाही में FII ने बेचना शुरु कर दिया. इस साल FII ने कुल 14,483 करोड़ की बिकवाली की. मगर DIIका मजबूत भरोसे बाजार में 24.1 प्रतिशत का रिटर्न मिला.
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