अकेली महिला ने आखिर क्यों बुलाया 'उसे' अपने घर, जानें मन में क्या चल रहा था
DNA Lit Daily Story: उस समय मुझे इसका एहसास नहीं हुआ, लेकिन ये महिलाएं एकाकी थीं (वैसे ही सोसायटी के पुरुष सदस्य भी थे). वे लिखना चाहते थे लेकिन कोई ऐसा नहीं था जिसे वे लिखते. वे इस तरह के लोग नहीं थे जो किसी रेडियो उद्घोषक को प्रशंसक के रूप में पत्र भेजते.
'एक खिड़की' से महसूस करें Valentine's Week में प्रेम की गर्माहट
DNA Lit Daily Story: ऐसा नहीं था कि मैं वहां रेस्टोरेंट की आंतरिक सज्जा अथवा परिचारिकाओं की टांगों के अध्ययन के विशेष उद्देश्य से गया था. मैं तो वहां मात्र एक ही कारण से गया था, और वह था हैमबर्गर स्टेक खाना - न तो टेक्सास स्टाइल का, न कैलिफोर्निया स्टाइल का, बस सादा, सामान्य हैमबर्गर स्टेक.
जानें सुधा मूर्ति को है लाइफ में क्या-क्या न कर पाने का अफसोस
JLF 2024: फेस्टिवल में सुधा मूर्ति ने कहा कि मैं खुश या उदास होने पर नहीं लिखती, मैं कहानियां बताना चाहती हूं इसलिए लिखती हूं. मुझे यह जानने की दिलचस्पी रहती है कि लोग आपस में क्यों झगड़ रहे हैं. कहीं ऐसा कुछ होता है तो मैं रुक जाती हूं. यही अनुभव मेरी किताब में हैं और वे सत्य हैं.
गीतकार गुलजार में आज भी धुन की तरह बजता है पाकिस्तान, जानें वजह
JLF 2024: फेस्टिवल में विभाजन को याद करते हुए गुलजार ने कहा 'मैं उस दृश्य को नहीं भूल सकता जब मेरे स्कूल में दुआ पढ़ने वाले को मार दिया गया... वे बहुत उदास करने वाले दिन थे. गीतकार गुलजार ने कहा 'मैं अपने लेखन को देखता हूं तो पाता हूं कि उसमें एक उदासी है...
एक 'गुठली' ने खोल दी बच्चे के झूठ की पोल, Leo Tolstoy की रोचक कहानी
DNA Lit Daily Story: बच्चे मासूम होते हैं. वह डर की वजह से हो सकता है कि झूठ बोल दें लेकिन अगले ही पल उनकी मासूमियत की वजह से उनका झूठ सबके सामने आ जाता है. लियो टॉल्स्टॉय की लघुकथा गुठली ऐसे ही एक प्यारे बच्चे की कहानी है.
JLF 2024 में शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा- कांग्रेस को अब गांधी परिवार से बाहर निकलना चाहिए
JLF 2024: जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपने पिता और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की डायरी एंट्रीज का भी खुलासा किया. इसके अलावा कांग्रेस और अपने पिता से जुड़ी कई यादें भी साझा कीं. भाजपा में उनके जाने को लेकर उठे सवालों पर स्पष्ट कहा कि मैं हार्ड कोर कांग्रेसी हूं.
पढ़ना दोनों में से किसी को आता नहीं, पर कर रहे थे 'तकरार', जानें माजरा
Russian Writer Leo Tolstoy: टॉल्स्टॉय की छोटी कृतियों में 'द डेथ ऑफ इवान इलिच' (1886) को उपन्यास के सर्वोत्तम उदाहरण के तौर पर पेश किया जाता है. अपने अंतिम तीन दशक टॉल्स्टॉय ने नैतिक एवं धार्मिक शिक्षक के रूप में गुजारा. महात्मा गांधी भी टॉल्स्टॉय के विचारों और सिद्धांतों से खूब प्रभावित रहे.
Jaipur Literature Festival 2024: गुलाबी नगरी में चलता रहा 5 दिनों तक साहित्य का महाकुंभ
JLF 2024: इस फेस्टिवल में गीतकार गुलजार, आरबीआई के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन, पत्रकार सह लेखक मृदुला गर्ग, लेखक अमीश, क्रिकेटर अजय जडेजा सहित कई नामचीन लोग जुटे. रविवार को इस फेस्टिवल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर भी पहुंचे थे.
जो था ईश्वर की तरह निष्पाप और सुंदर, वही बन गया शैतान की तरह क्रूर
American storyteller O. Henry: अपने लेखन से जुड़ रहते हुए ओ हेनरी बहुत ज्यादा शराब पीने लगे थे. नतीजतन वे लीवर सिरोसिस, मधुमेह की जटिलताओं और बढ़े हुए दिल का शिकार हो चुके थे. आखिरकार इन सब की वजह से एक रोज ब्रेन हैमरेज हुआ और उनकी सांसें हमेशा के लिए थम गईं.
आज उस साहित्यकार का है जन्मदिन, जिसने दो बार पद्मश्री सम्मान लेने से किया था इनकार
Acharya Janakivallabh Shastri: 5 फरवरी 1916 में जानकीवल्लभ शास्त्री का जन्म हुआ था और 7 अप्रैल 2011 में देहावसान. उन्हें दो बार पद्मश्री सम्मान देने का प्रस्ताव रखा गया पर आचार्य ने सम्मान लेने से इनकार कर दिया. पहली बार 1994 में उन्हें पद्मश्री सम्मान देने का प्रस्ताव मिला और दूसरी बार 2010 में.